कामधेनु संस्थान में होली मिलन समारोह एवं निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित

City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | नूँह जिले के तावड़ू उपमंडल के गांव बिस्सर-अकबरपुर कामधेनु आरोग्य संस्थान में “होली-मिलन समारोह” एवं “निःशुल्क स्वास्थ्य जाँच शिविर” का आयोजन किया गया । इस अवसर पर आरोग्य संस्थान में मुख्य अतिथि नीति आयोग भारत सरकार के सदस्य प्रो. रमेश चन्द, आशीर्वचन आचार्य राजकृष्ण शास्त्री जी, श्रीधाम वृन्दावन, मुख्य वक्ता एकल विद्यालय फाउंडेशन ऑफ इंडिया के चेयरमैन आर्य रवि देव गुप्त, मार्गदर्शक अथ आयुर्वेद गुरुग्राम के एमडी डॉ. परमेश्वर अरोड़ा, विशिष्ट अतिथि आयुष धाम शोध संस्थान दिल्ली के संस्थापक नाड़ी वैद्य राकेश कुमार व क्विकक्लीन के चेयरमैन तथा सी.ए. परिवार एनजीओ के प्रेसिडेंट सीए सुभाष गुप्ता तथा हरियाणा राज्य और देश के अनेक महानुभाव उपस्थित रहे ।
सर्वप्रथम सत्यपाल गुप्ता ने हवन का शुभारम्भ किया । हवन का संचालन आदर्श गर्ग तावड़ू ने किया । हवन प्रथा के अनुसार मार्च मास में जिन लोगों के जन्मदिवस, शादी की वर्षगांठ एवं पुण्यतिथि थी, उनके नाम से अग्नि देव को आहुति अर्पित की गई तथा समस्त मानव जाति के हित में सुख-शांति के लिए प्रार्थना की गई ।
प्रियंक गुप्ता ने मंच का संचालन करते हुए कार्यक्रम का प्रारंभ किया। संस्थान के संस्थापक डॉ एस.पी. गुप्ता ने सभी अतिथियों का स्वागतार्थ परिचय करवाते हुए उनकी गौ-भक्ति का संक्षिप्त वर्णन किया और बताया कि कामधेनु गोधाम में वर्ष 2013 से वैदिक मासिक हवन का अनवरत आयोजन हो रहा है। उन्होंने सभी गौ-भक्तों का लगातार यहाँ आने के लिए धन्यवाद भी किया ।
स्वागत कार्यक्रम में प्रो. रमेश चन्द का स्वागत एस.पी.गुप्ता, रुचिर गुप्ता, सुनील जिंदल तावड़ू ने, आचार्य राजकृष्ण शास्त्री का अनुपम गुप्ता, विकास सेहरावत ने, आर्य रवि देव गुप्त का शशि गुप्ता, आदर्श गर्ग तावड़ू, श्याम सुंदर गुप्ता ने, डॉ. परमेश्वर अरोड़ा का अनुपम गुप्ता, अञ्जू गुप्ता ने, सीए सुभाष गुप्ता का आर.एस.राठी, सुनील बंसल ने, राकेश कुमार का दीपक गर्ग, पुरेन्द्र गोयल, पवन जैन ने तुलसी का पौधा, कामधेनु स्मृति चिन्ह एवं संस्थान में पंचगव्य निर्मित घी का गिफ्ट पैक भेंट करके किया ।
डॉ. परमेश्वर अरोड़ा ने आयुर्वेद का महत्व बताते हुए कहा की डायबिटीज़, जिसे “अनुसंगी” भी कहा जाता है । “अनुसंगी” का अर्थ है वह जो अन्य रोगों को अपने साथ लाता है। जब शरीर में शर्करा का स्तर नियंत्रित नहीं रहता, तो यह दिल की बीमारियाँ, किडनी समस्याएँ, उच्च रक्तचाप जैसे अन्य रोगों को जन्म देता है। डायबिटीज़ सिर्फ एक बीमारी नहीं, बल्कि एक ऐसी स्थिति है जो कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को साथ लेकर आती है। इससे तीनों गुणों पर भी प्रभाव पड़ता है। यह केवल संकेतमात्र है । इसलिए हमें इसे समय रहते इसे नियंत्रित करना बहुत जरूरी है।
सीए सुभाष गुप्ता ने अपने सम्बोधन में सभी का अभिनन्दन करते हुए कहा कि कामधेनु संस्थान जैसे संस्थानों का हमारे देश की पवित्र गौमाता संरक्षण एवं सेवा में अहम् योगदान है। उन्होंने डॉ. गुप्ता तथा शशि गुप्ता को शुभकामनाएँ देते हुए उनकी इस तपस्या को नमन किया ।
नाड़ी वैद्य राकेश कुमार ने अपने वक्तव्य में कहा कि आजकल शरीर में जितनी भी बीमारियाँ हो रही हैं उन सबका मूल कारण है पेट का साफ न होना । यदि पेट साफ नहीं होता तो कब्ज़ की समस्या हो जाती है,कब्ज़ के बाद एसिडिटी और गैस आदि रोग पनपने लगते हैं और जोड़ों तथा कमर आदि की समस्या शुरू हो जाती है । ये समस्याएँ शुरू ना हों सके लिए त्रफला का सेवन कर सकते हैं । इसके अलावा अरण्डी का तेल, आँवला आदि भी रामबाण औषधियों के रूप में आपके शरीर की रक्षा करते हैं तथा डीटॉक्सिफिकेशन में भी सहायता करते हैं ।
आर्य रवि देव गुप्त ने अपने संक्षिप्त वक्तव्य में डॉ. गुप्ता को होली की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि डॉ. अरोड़ा ने स्वास्थ्य के लिए तीन गुणों सतोगुण,रजोगुण तथा तमोगुण के मह्त्व पर प्रकाश डाला । भैंस के दुग्ध में केवल तमोगुण होता है जिसका सेवन करने वाला आलस्य से भरा रहता है वहीं दूसरी ओर गौ माता के दुग्ध में सतोगुण तथा रजोगुण दोनो विद्यमान हैं जिससे मनुष्य धर्म तथा कर्म में रत रहता है । गाय का महत्व का अंदाज़ा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि यदि नवजात शिशु के आहार की पूर्ति माँ के दूध से नहीं हो पाती तो उसके विकल्प में डॉक्टर केवल और केवल गाय के दूध की ही सलाह देते हैं ।
आचार्य राजकृष्ण शास्त्री ने आशीर्वचन में कहा कि वेदों में कहा गया है कि गावो विश्वस्य मातरः अर्थात् गाय विश्व की माता है । परन्तु यह विडम्बना ही है कि आजकल बालकों को सिखाया जा रहा है कि गाय एक पशु है । केवल गाय के बाहर के स्वरूप के बारे में ही बच्चों को जानकारी दी जाती है । कभी भी उन्हें यह नहीं बताया गया कि समुद्र मंथन में जो चौदह रत्न निकले थे उनमें से एक कामधेनु गाय भी थी जिसके भीतर 33 कोटि देवी-देवताओं का वास है । सच तो यह है कि गाय केवल विश्व की ही नहीं अपितु देवों की भी माता है जिस कारण भगवान कृष्ण ने गोचारण किया । कभी भी ईश्वर ने गोचारण करते हुए पादुकाओं को धारण नहीं किया । उन्होंने कहा कि गौ माता है तथा जिस स्थान पर उनकी सेवा होती है वह स्थान गोलोक धाम है । मैं, गुप्ता जी, या हृदय से कहूँ तो नन्द बाबा को बधाई देता हूँ जो अपने चतुर्थ आश्रम में गोसेवा करके स्वयं का तथा अपने सम्पूर्ण कुटुम्ब का कल्याण कर रहे हैं तथा सभी से आग्रह करता हूँ कि चाहे घर में या गोशाला में, गोसेवा करके अपने जीवन का कल्याण कीजिए ।
मुख्य अतिथि प्रो. रमेश चन्द ने अपने सम्बोधन में गायों की सुरक्षा पर जोर दिया और बताया कि भारत सरकार और हरियाणा सरकार गायों की रक्षा के लिए कई कदम उठा रही हैं। कुछ समय पूर्व बाड़मेर में 320 देसी गायों के उत्थान का प्रयास सरकार द्वारा किया गया जिसके कारण दुग्ध उत्पादन 7 लीटर प्रति गाय से 22 लीटर प्रति गाय पहुँच गया है । उन्होंने यह भी बताया कि “कामधेनु आरोग्य संस्थान” इस दिशा में बहुत अच्छा काम कर रहा है। आज वह स्वयं इस संस्थान का दौरा करने आए थे, ताकि वह समझ सकें कि संस्थान क्या प्रयास कर रहा है और वह किस तरह से इसमें अपनी भूमिका निभा सकते हैं और योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि जबतक हम भारतीय संस्कृति, परंपरा, पद्धति को नहीं अपनाएंगे तब तक समस्याएँ ऐसी ही बनी रहेंगी । उन्होंने अपने वक्तव्य में संस्कारों के महत्व पर जोर गेते हुए कहा कि माता-पिता को बच्चें में सुसंस्कार देने चाहिए क्योंकि आगे चलकर यही संस्कार उनके सहायक बनेंगे ।
अन्त में कामधेनु आरोग्य संस्थान की अध्यक्षा शशि गुप्ता ने सभी महानुभावों का कामधेनु प्रांगण में पधारने और मार्गदर्शन देने पर धन्यवाद व्यक्त किया तथा साधुवाद दिया ।
कार्यक्रम के पश्चात् कामधेनु संस्थान की अध्यक्षा शशि गुप्ता, पायल गर्ग व अंजू गुप्ता ने होली उत्सव को मनाते हुए विधिवत रूप से सभी अतिथियों को चन्दन का तिलक लगाया और पुष्पवर्षा की एवं सभी ने एक दूसरे को होली के पावन पर्व की शुभकामनाएँ दी।
इस अवसर पर संस्थान के संस्थापक डॉक्टर एस.पी. गुप्ता ने कहा कि वसंत ऋतु के पावन पर्व होली आगमन व बुराई पर अच्छाई की जीत का भी प्रतीक है । होली पर्व दो दिवसीय त्यौहार है। रंगों से खेलने और स्वादिष्ट भोजन का आनंद लेने से एक दिन पहले, लोग होलिका दहन करते हैं। इस दिन, लोग प्रतीकात्मक अलाव जलाते हैं, जिसके बारे में कहा जाता है कि इससे उनके आस-पास की सभी बुराइयाँ नष्ट हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि संस्थान में आयोजित इस प्राकृतिक स्वास्थ्य संगोष्ठी का आयोजन बहुत सफल रहा। सैकड़ों मेहमानों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया और हमें गर्व है कि हम एक बेहतर कल की दिशा में योगदान दे रहे हैं।
इसके उपरांत मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों ने कामधेनु आरोग्य वैलनेस संस्थान एवं कामधेनु गोधाम का अवलोकन किया तथा गौवंश को सवामणि एवं चारा अर्पित करने के उपरान्त प्रसाद ग्रहण किया ।
इस अवसर पर आशा विष्णु भगवान, पायल गर्ग, विशाल गर्ग, अक्षत, राजेन्द्र कुमार गर्ग, नितेश गुप्ता, वासु गुप्ता, आचार्य मनीष, संजीव अग्रवाल, तेजपाल, रेणु गर्ग, एडवोकेट एल.एन. गुलाटी, अमन यादव, आर.एल. बंसल, मीना गुप्ता, राजपाल यादव, अजय जैन, सी.ए. संजय बिंदल, आतिश गुप्ता, राकेश अग्रवाल, सुशील गोयल, विजेन्द्र जांगड़ा, संयम गोयल, जय किशन, सोनू तायल, राजेश कुमार व देश के अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे ।