टीबी मुक्त जिला बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाएं जाएं- उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा

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उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तरीय टीबी फोरम की बैठक का आयोजन
टीबी रोगियों को सरकार की विभिन्न योजनाओं का पूरा लाभ दिया जाए
टीबी की रोकथाम के लिए विभिन्न विभाग व संगठन मिलकर करें कार्य

City24news/अनिल मोहनिया
नूंह । उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा की अध्यक्षता में जिला स्तरीय टीबी फोरम एवं पीएल एचआईवी की बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में टीबी रोगियों के न्याय, अधिकार एवं गरिमा को सुनिश्चित करना और उन्हें प्रभावी सेवाएं प्रदान करने जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में जिला नूंह टीबी उन्मूलन के लिए किए गए कार्यों और टीबी अधिसूचित मामलों के विवरण की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। साथ ही निक्षय पोषण योजना, प्रधानमंत्री टीबी मुक्त अभियान और टीबी मुक्त पंचायतों की स्थिति के बारे में भी जानकारी दी गई। उन्होंने जिला को टीबी मुक्त बनाने की दिशा में प्रभावी कदम उठाने तथा टीबी मरीजों की सरकार की योजनाओं का त्वरित लाभ देने के निर्देश दिए। 

 उपायुक्त ने बताया कि जिला स्तरीय टीबी फोरम समिति का प्रयास है कि जिला में टीबी रोगियों के अधिकारों और सम्मान को सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी गतिविधियां आयोजित हों। रोगी के प्रति भेदभाव को कम करना और टीबी रोगियों व बचे लोगों और उनके परिवारों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना तथा टीबी रोगियों के लिए उपलब्ध विभिन्न सरकारी योजनाओं व सुविधाओं के बारे में जागरुकता बढ़ाने का कार्य किया जाए। उन्होंने बताया कि सिविल अस्पताल मांडीखेड़ा में जिला टीबी केंद्र निर्माणाधीन है और जल्द से इसका निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। इसी प्रकार डॉ. लाल पैथ लैब द्वारा वर्ष 2024 में 2000 टीबी मरीजों को पोषण सहायता प्रदान की जा रही है। आईओसीएल के सीएसआर फंड से दो सीबीएनएएटी मशीन, एक हैंड लेंड एक्स-रे मशीन और दस माइक्रोस्कोप उपलब्ध हुए हैं। टीबी चैंपियंस की पहचान कर उन्हें प्रशिक्षण दिया गया है, यह चैंपियन गांवों में टीबी स्क्रीनिंग व नमूना संग्रह में सहयोग कर रहे हैं। इसी प्रकार जिला में 136 एमडीआर टीबी मरीजों को नि:शुल्क उपचार प्रदान किया जा रहा है। दिसंबर 2023 में एसएचकेएम मेडिकल कॉलेज, नल्हड़ में एचआईवी मरीजों के लिए एआरटी केंद्र शुरू किया गया था। 

 उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त अभियान भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक महत्वपूर्ण प्रयास है जिसका उद्देश्य देश को तपेदिक (टीबी) मुक्त बनाना है। यह अभियान 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने के लिए निर्धारित किया गया है। इसके तहत टीबी के लक्षणों, उपचार और रोकथाम के बारे में अधिक से अधिक जन जागरुकता फैलाना, लोगों को सही समय पर इलाज देने और टीबी की रोकथाम के लिए सरकारी हेल्थ सुविधाओं तक पहुंच सुनिश्चित करना, नागरिकों, स्वास्थ्य कर्मचारियों और गैर-सरकारी संगठनों के बीच सहयोग बढ़ाने जैसे कार्य किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जिला दवा नियंत्रक के माध्यम से टीबी रोधी दवा की खुदरा बिक्री की निगरानी और एच1 अनुसूची टीबी दवा निगरानी रिपोर्ट में समर्थन के तहत टीबी मुक्त जिला बनाने में सहयोग दिया जाए। केमिस्ट एसोसिएशन को टीबी अधिसूचना प्रदान की जाए। जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से स्कूलों, शैक्षिक संस्थानों में विद्यार्थियों की स्क्रीनिंग के लिए एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए। खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी के माध्यम से ग्राम प्रतिनिधियों को उनकी बैठकों के दौरान जागरूक किया जाए। परिवहन विभाग के माध्यम से बस-डिपो, बस स्टैंड व अन्य सार्वजनिक परिवहन पर आईईसी संबंधित जानकारी प्रदर्शित की जाए। आईसीडीएस द्वारा बच्चों में आईईसी की जानाकरी व कीमो प्रोफिलैक्सिस दी जाए। पंचायती राज द्वारा स्थानीय सार्वजनिक टीबी जागरुकता और टीबी स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाए। आईएमए व आईएपी द्वारा सार्वजनिक स्वास्थ्य गतिविधियों पर कार्य किया जाए। निजी रोगियों के लिए डीबीटी संवितरण और एलटीबीआई को लागू करने में मदद की जाए। टीबी चैंपियंस की सामुदायिक भागीदारी बढ़ाई जाए। जिला समाज कल्याण कार्यालय द्वारा टीबी व एचआईवी रोगियों के सामाजिक और आर्थिक मुद्दों का समाधान करने के लिए उन्हें सामाजिक योजनाओं जोड़ा जाए। टीबी रोगियों को कानूनी अधिकार दिलाने में सहायता दी जाए। जेल के अंदर स्वास्थ्य इकाई और जेल परिसर में आईईसी द्वारा स्क्रीनिंग की जाए। स्थानीय प्रेक्टिशनर द्वारा उचित रेफरल किया जाए। धर्मार्थ ट्रस्ट द्वारा पोषण और व्यावसायिक सहायता प्रदान की जाए। बैंक में जीरो बैलेंस खाता और आईईसी गतिविधियों की जानकादी प्रदर्शित की जाएं। कॉर्पोरेट क्षेत्र के सीएसआर फंड में टीबी उन्मूलन गतिविधियां शामिल की जाएं। जिला श्रम कार्यालय द्वारा औद्योगिक, कॉर्पोरेट और श्रम कार्यालय की मेडिकल टीम का प्रशिक्षण सुनिश्चित करें। सभी औद्योगिक इकाइयों में कार्यस्थल पर स्क्रीनिंग की जाए। 

 इस बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त प्रदीप सिंह मलिक, सीईओ जिला परिषद प्रदीप अहलावत, एसडीएम नूंह अश्विनी कुमार, एसडीएम पुन्हाना कंवर आदित्य विक्रम, नगराधीश आशीष कुमार, सिविल सर्जन डा. सवर्जजीत कुमार सहित अन्य डाक्टर व अधिकारी उपस्थित थे।

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