परीक्षा पर चर्चा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मंत्र- जो विषय डराए, पहले उसी से निपटें

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– राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नूंह में बच्चों को लाइव दिखाया कार्यक्रम
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा व जिला शिक्षा अधिकारी अजीत सिंह के मार्गदर्शन में जिला मुख्यालय स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नंूह में परीक्षा पर चर्चा के आठवें संस्करण का एलईडी स्क्रीन पर लाइव प्रसारण किया गया। कार्यक्रम के दौरान आसपास के स्कूली बच्चों के साथ अभिभावकों को भी शामिल किया गया। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने समग्र विकास, संघर्ष क्षमता और परीक्षा के दौरान संतुलन बनाए रखने के महत्व पर बल दिया गया। पीएम मोदी ने बच्चों को परीक्षा के तनाव से मुक्त रहने के लिए गुरु मंत्र दिए। 

 परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वे पहले उन्हीं विषयों को पढ़ें, जो उन्हें डरा रहे हैं। स्टूडेंट्स को सूर्य स्नान जरूर करना चाहिए। शरीर का ज्यादा से ज्यादा हिस्सा धूप में रखें। छात्रों को भरपूर नींद लेनी चाहिए। किसानों जैसी डाइट लेनी चाहिए। खाना अच्छे से चबाना चाहिए। अपनी विफलताओं को अपना शिक्षक बनाना चाहिए। जीवन सिर्फ परीक्षा नहीं है। फेल होने से जीवन रुकता नहीं है। जो खुद से स्पर्धा करता है, उसका विश्वास कभी टूटता नहीं है। माता-पिता को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि वे बच्चों की स्किल्स पर ध्यान दें। अपनी इच्छा उन पर न लादें। पीएम ने कहा कि स्कूल में बहुत से बच्चे फेल होते हैं, वे फिर से ट्राइ कर सकते हैं। जिंदगी अटकती नहीं है। आपको तय करना होगा कि आपको जीवन में सफल होना है या किताबों में सफल होना है। आप भी अपनी विफलताओं को अपना शिक्षक बनाइए। जीवन सिर्फ परीक्षा नहीं है। आप किसी दिवयांगजनों के जीवन को बारीकी से कीजिए। परमात्मा ने उनको कुछ ऐसी चीजे दी हैं जो उन्हें सफल बना देती हैं। तो हर किसी के अंदर कमी और कोई ना कोई अच्छाई होती है।

लाफ्टर थेरेपी करें- प्रधानमंत्री ने स्टूडेंट्स को लाफ्टर थेरेपी की अहमियत बताते हुए कहा कि इसे घरवालों के साथ करें। खुशी की अपनी एक ताकत होती है। टारगेट ऐसा बनाएं जो पहुंच में हो लेकिन पकड़ में ना हो।

टाइम टेबल की अहमियत- टाइम टेबल की अहमियत पर प्रधानमंत्री ने कहा, सभी के पास 24 घंटे होते हैं। कोई इधर-उधर की बातों में इसे गंवा देता है, कोई उतने ही समय में अपने लक्ष्य पर फोकस करके मेहनत करता है। इस समय का ज्यादा से ज्यादा सदुपयोग करना चाहिए। एक लिस्ट बनाइए कि कल मुझे यह-यह काम करने हैं। फिर अगले दिन उसे चेक करें कि उसमें से क्या किया, क्या नहीं। हम अपने प्रिय विषय में सबसे ज्यादा समय लगा देते हैं। बाकी विषयों को भी टाइम दें। उससे डरने की जरूरत नहीं है। अपने 24 घंटे को हम सबसे ज्यादा प्रोडक्टिव कैसे बना सकते हैं, इसपर ध्यान दें। पीएम ने छात्रों से कहा कि मन में कोई बात ना रखें। अपनी बातें सबसे खुलकर करें। घर में सभी से बात करें। जो कर रहे हैं उसी पर पूरा फोकस करें। 

बच्चों के माता-पिता को प्रधानमंत्री की सलाह- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पेरेंट्स को बच्चे पर अपनी इच्छाएं नहीं लादनी चाहिएं। हर बच्चा अलग-अलग फील्ड में अच्छा होता है। जैसे सचिन तेंदुलकर खेल में हैं, पढ़ाई में नहीं। एक बार मुझसे पूछा कि अगर आप पीएम नहीं होते और मंत्री होते तो आप कौनसा डिपार्टमेंट चुनते। इस पर पीएम ने कहा कि मैं स्किल डिपार्टमेंट चुनता, क्योंकि स्किल बेहद जरूरी है। माता-पिता को भी बच्चों की स्किल पर ध्यान देना चाहिए। बच्चों से कहा कि मम्मी पापा को समझाइए कि अगर आप दुखी और थकान महसूस करेंगे तो परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे क्या? हम रोबोट नहीं हैं, इंसान हैं। मैं बच्चों के परिवार, टीचर्स सबसे कहता हूं कि बच्चों को दीवारों में बंद करके किताबों का जेलखाना बना दें तो बच्चे कभी ग्रो नहीं कर पाएंगे। उसे खुला आसमान चाहिए। उसके पसंद की कुछ चीजें चाहिए। अगर वो अपने पसंद की चीजें अच्छे से करता है तो पढ़ाई भी अच्छे से कर लेगा। 

 प्रधानमंत्री ने छात्रों से कहा कि आपको यह सोचना है कि अगर पिछली बार 30 मार्क्स लाए थे तो इस बार 35 लाने हैं। खुद से लड़ाई करनी है। धीरे-धीरे अपने मन को स्थिर करना है। आपको खुद का एक उदाहरण सेट करना है। 

 इस दौरान लाइव कार्यक्रम में उप जिला शिक्षा हयात खान, बीईओ नूंह शिव कुमार, मॉडल संस्कृति स्कूल के प्राचार्य जितेंद्र सिंह, विद्यालय प्राचार्य मुकेश शास्त्री, कार्यक्रम कॉर्डिनेटर दिनेश गोयल, कार्यालय से सुरेश कुमार, दयाराम सहित अन्य उपस्थित रहे।

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