भ्रामक व चुनावी पत्र जैसा है बजट: आफताब अहमद 

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-जहां चुनाव होने हैं उनके लिए घोषणाओं का अंबार: आफताब अहमद 
-हरियाणा राजस्थान उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार ने क्यों पूरे नहीं किए वायदे: आफताब अहमद 

City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | केंद्रीय बजट पेश होने पर सत्ता पक्ष जहां इसे अच्छा बताते हुए गुणगान कर रहा है वहीं कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल इसे पूरी तरह से खराब साबित कर रहे हैं। हरिराणा कांग्रेस के दिग्गज नेता नूंह विधायक आफताब अहमद ने दिल्ली चुनावों में अपनी प्रतिबद्धताओं के बीच बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ये भ्रामक व चुनावी पत्र जैसा है, जहां चुनाव होने हैं उनके लिए घोषणाओं का अंबार है वो सिर्फ चुनावी फायदे के लिए है।

विधायक आफताब अहमद ने कहा कि बजट बहुत निराशाजनक है। इसे दिल्ली, बिहार के मतदाताओं को लुभाने के लिए बनाया गया है। वित्त मंत्री ने कही है कि 12 लाख रुपये पर कोई टैक्स नहीं है। फिर वह कहती हैं कि 8-12 लाख रुपये के लिए 10% का स्लैब है। यह बहुत भ्रामक है। वह मतदाताओं से वादा करने की कोशिश करती हैं कि 12 लाख रुपये तक कर में छूट है, लेकिन यह सरल और सीधा नहीं है। उन्हें टीडीएस और इन सभी चीजों में दावा करना होगा। एक बार फिर मध्यम वर्ग के लिए निराशा वाला बजट है। ऐसा लगता है कि वित्त मंत्री ने एक बार फिर मध्यम वर्ग को धोखा दिया है। बुनियादी ढांचा देश के बाकी हिस्सों के लिए नहीं है, यह केवल बिहार की ओर जा रहा है क्योंकि इस साल बिहार में चुनाव हैं।

विधायक आफताब अहमद ने भाजपा केंद्र सरकार पर सवाल उठाए और कहा कि पिछले बजट की घोषणाओं का क्या हुआ। जब भी कोई राज्य चुनाव के लिए आता है, तो उसे असंगत मात्रा में तरजीह मिलती है। लेकिन ऐसा लगता है कि आजकल बजट इसी राजनीतिक दिशा में बनाए जात रहे हैं।

विधायक आफताब अहमद ने सवाल उठाते हुए कहा कि बजट में बेरोजगारी का कोई जिक्र नहीं है। वित्त मंत्री ने बेरोजगारी का उल्लेख नहीं किया। विडंबना यह है कि जो पार्टी एक राष्ट्र, एक चुनाव चाहती है, वह वास्तव में प्रत्येक वर्ष प्रत्येक राज्य में होने वाले प्रत्येक चुनाव का उपयोग अधिक मुफ्त सुविधाएं देने के लिए कर रही है। हालाकिं चुनाव जीतने के बाद वो उन्हें जुमला कह जाते हैं।

विधायक आफताब अहमद ने कहा कि हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश में 500 रुपए में सिलेंडर देने का वायदा आज तक भी भाजपा सरकार ने पूरा नहीं किया है। प्रदेश की भी बजट में अनदेखी की गई है।ण किसान पिछले चार साल से एमएसपी की कानूनी गारंटी को लेकर धरने पर बैठे हैं। उन्होंने किसानों के लिए क्या घोषणा की? यह किसान विरोधी बजट है। अपने हक के लिए लड़ रहे किसानों की सुनवाई नहीं हुई, यह दुखद है।

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