हाईकोर्ट के आदेश दरकिनार, आईपीएस अधिकारी द्वारा आरोपों की जांच करने से पहले दर्ज हो एफआईआर, फिर करूंगा बेटे का अंतिम संस्कारः कैलाश चंद

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बागोत के मोहित सुसाइड केस में आया नया मोड
मृतक के पिता ने द्वारा हाईकोर्ट में दाखिल की गई अर्जी पर बृहस्पतिवार को सुनवाई करते हुए 3 दिन में अंतिम संस्कार करने के दिए थे आदेश
, 14 दिसंबर को हुआ था पोस्टमार्टम
City24news/सुनील दीक्षित
कनीना । कनीना सब डिवीजन के गांव बागोत निवासी कैलाश चंद द्वारा पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट में दाखिल की गई अर्जी पर सुनवाई करते हुए माननीय न्यायधीश हरप्रीत सिंह बरार ने तीन दिन में मृतक मोहित का अंतिम संस्कार करने के आदेश दिऐ थे। कोर्ट ने वादी कैलाश चंद एवं प्रतिवादी पक्ष सुखदीप परमार सीनियर डीएजी हरियाणा की दलीलों को गंभीरतापूर्वक सुना। उसके बाद 3 दिन की अवधि के भीतर मोहित का दाह संस्कार करने, उनके द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच आईपीएस अधिकारी से करवाने तथा जांच में सहयोग करने के आदेश दिए थे। कोर्ट के सम्मुख भले ही कैलाशचंद ने ये आदेश मान लिए लेकिन वहां से लौटते ही यू टर्न ले लिया। कोर्ट में मामले की सुनवाई 20 मई तक स्थगित कर दी।
कोर्ट के आदेश की प्रति मिलने पर शुक्रवार को कनीना के एसडीएम जितेंद्र सिंह अहलावत, सदर थाना इंचार्ज निरीक्षक मुकेश कुमार, महेंद्रगढ के थाना इंचार्ज युद्धवीर सिंह सहित अन्य कर्मचारी कैलाश चंद के घर पंहुचे ओर 26 वर्षीय मोहित के अंतिम संस्कार करने की दलील दी। जिस पर कैलाशचंद ने कहा कि पुलिस पहले एफआईआद दर्ज करे ओर उसकी जांच आईपीएस अधिकारी करे। तब वह अपने बेटे का अंतिम संस्कार कर सकता है। जब उन्हें हाईकोर्ट के आदेश का ध्यान दिलाया तो उन्होंने कहा कि वे कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं। लेकिन पुलिस पहले उन्हें केस दर्ज कर काॅपी दे उसके बाद दाह संस्कार करेगें ।  उनका मानना है कि एफआईआर दर्ज होने पर ही जांच हो सकेगी, एफआईआर दर्ज न होने की सूरत में कैसी जांच ?
विदित रहे कि 26 वर्षीय युवक मोहित द्वारा बीती 13 दिसंबर 2024 की रात करीब आठ बजे फांसी लगाकर आत्म हत्या कर ली थी। जिसकी सूचना मिलने पर कनीना सदर थाना पुलिस ने मौके पर पंहुचकर शव को कब्जे में लेकर उसे उपनागरिक अस्पताल कनीना में भिजवा दिया था। शनिवार 14 दिसंबर 2024 को उन्होने कनीना अस्पताल में पोस्टमार्टम करवा दिया था। मृतक युवक के पिता कैलाश चंद ने प्रदेश के पूर्व मंत्री सहित 8 व्यक्तियों के विरूध कार्रवाई की मांग को लेकर शव लेने से मना कर दिया था। पुलिस अधिकारी इस सम्बंध में साक्ष्य उपलब्ध करवाने की दलील देता रहा। जबकि मृतक से किसी प्रकार का सुसाईड नोट आदि नहीं मिला था। इसी प्रकरण में फंसकर मृतक का अंतिम संस्कार नहीं किया जा सका। पिछले 35 दिन से मृतक युवक का शव एसडीएच कनीना के फ्रीजर में रखा हुआ है। जिसमें संक्रमण पनप रहा है। पुलिस कर्मचारी हालातों पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।

इस बारे में एसडीएम जितेंद्र सिंह अहलावत ने कहा कि कैलाश चंद का मामला माननीय अदालत में विचाराधीन है। निश्चित समयावधि में तथा अदालत के आदेश अनुसार कार्य किया जाएगा।

सदर थाना इंचार्ज निरीक्षक मुकेश कुमार ने कहा कि हाईकोर्ट ने बृहस्पतिवार को दोनों पक्षों को सुनकर शव का तीन दिन के अंतराल मे अंतिम संस्कार करने के आदेश दिए थे। इन आदेशों की प्रति शुक्रवार को अधिकारियों की उपस्थिति में कैलाश चंद को दी गई। जिन्होंने मृतक का अंतिम संस्कार करने की बात कही। लेकिन अंतिम संस्कार कब किया जायेगा इस बारे में स्थिति स्पष्ट नहीं की गई।

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