हाईकोर्ट के आदेश पर 3 दिन के अंतराल में होगा बागोत के मोहित का अंतिम संस्कार
हाईकोर्ट में दाखिल की गई अर्जी पर बृहस्पतिवार को सुनवाई करते हुए न्यायधीश ने दिए आदेश
आरोपों की जांच आईपीएस अधिकारी से करवाने को कहा
14 दिसंबर को हुआ था पोस्टमार्टम,मृतक के पिता ने हाईकोर्ट में लगाई अर्जी
City24news/सुनील दीक्षित
कनीना । कनीना खंड के गांव बाागोत निवासी 26 वर्षीय युवक मोहित के शव का तीन दिन के अंतराल में अंतिम संस्कार किया जाएगा। इस बारे में मृतक के पिता कैलाशचंद द्वारा पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में दाखिल की गई अर्जी पर बृहस्पतिवार को सुनवाई करते हुए न्यायधीश ने ये आदेश दिए। सुबह की पारी में हुई सुनवाई के दौरान वादी पक्षकार की उपस्थिति में पुलिस कार्रवाई के संदर्भ में प्रदेश सरकार की ओर से पक्ष रखा गया। जिस पर कोर्ट ने गंभीरता से विचार किया। हाईकोर्ट के न्यायधीश ने अर्जी में लगाए गए आरोपों की जांच आईपीएस अधिकारी से करवाने तथा मृतक के पिता को शामिल तफ्तीश होेने के भी आदेश दिए।
ईधर हाईकोर्ट के आदेश के बाद 35 दिन बाद मोहित को मुक्ति मिलने की संभावना बन गई है। जिसे लेकर ग्रामीणों एवं जिला प्रशासन ने राहत की संास ली है। पीडित पिता कैलाश चंद न्याय की मांग को लेकर बीते मंगलवार को हाईकोर्ट पंहुचा था। बृहस्पतिवार को उनकी अर्जी पर सुनवाई हुई। जिसके चलते हाईकोर्ट ने वादी एवं प्रतिवादी पक्षकारों को आदेश दिए । उल्ल्ेखनीय है कि 26 वर्षीय युवक मोहित द्वारा बीती 13 दिसंबर 2024 की रा़त्री करीब आठ बजे फांसी लगाकर आत्म हत्या कर ली थी। जिसकी सूचना मिलने पर कनीना सदर थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर उसे उपनागरिक अस्पताल कनीना में भिजवा दिया था। शनिवार 14 दिसंबर 2024 को उन्होने कनीना अस्पताल में पोस्टमार्टम करवा दिया था। मृतक युवक के पिता कैलाश चंद ने प्रदेश के पूर्व मंत्री सहित 8 व्यक्तियों के विरूध कार्रवाई की मांग को लेकर शव लेने से मना कर दिया था। पुलिस प्रशासन इस सम्बंध में साक्ष्य उपलब्ध करवाने को कह रहा था। जबकि मृतक से किसी प्रकार सुसाईड नोट आदि नहीं मिला था। इसी दांवपेच में मृतक का अंतिम संस्कार नहीं किया जा सका है। पिछले महिनेभर से अधिक का समय व्यतीत होने के बाद भी मृतक युवक का शव एसडीएच कनीना के फ्रीजर में रखा हुआ है। जिसमें संक्रमण पनप रहा है। जिस पर पुलिस कर्मचारी लगातार नजर बनाए हुए हैं।
सदर थाना इंचार्ज निरीक्षक मुकेश कुमार ने कहा कि हाईकोर्ट ने तमाम साक्ष्यों का अवलोकन कर शव का तीन दिन के अंतराल मे अंतिम संस्कार करने के आदेश दिए हैं। साथ उनके द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच पुलिस अधीक्षक रैंक के अधिकारी से करवाने तथा वादी को भी शामिल जांच करने को कहा है। जिससे दूध का दूध ओर पानी का पानी होने की संभावना है।