माननीय हाईकोर्ट ने पिनगवां में दुकानदारों को दी राहत, पंचायत को लगाई फटकार 

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हाईकोर्ट के आदेश पर बीडीपीओ ने आनन-फानन में खुलवाई दुकानें , 8 जनवरी को पीला पंजा चलाकर दुकानों पर लगाई थी सील
पंचायत की 21 दुकानों पर पिछले दो साल से चल रहा है विवाद 
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह । बीते 8 जनवरी को पिनगवां में पंचायत की 21 दुकानों पर पुनहाना के एसडीएम संजय कुमार, पिनगवां के बीडीपीओ सुरजीत के साथ-साथ पिनगवां ग्राम पंचायत के सरपंच पति द्वारा पिनगवां की 21 दुकानों पर पीला पंजा चला कर उनमें सील लगाई गई थी। जिससे इन दुकानदारों को ग्राम पंचायत द्वारा पटरी पर ला दिया गया था। लेकिन दुकानदारों ने हाई कोर्ट की शरण ली और मात्र 7 दिन बाद सरपंच द्वारा लगाई सील को हाई कोर्ट के आदेश पर तोड़कर बीडीपीओ कार्यालय के कर्मचारियों ने ताले खोल दिए। जिससे दुकानदारों ने राहत की सांस ली है। इतना ही नहीं सात दिन बाद खुली दुकानों से गरीब दुकानदारों के चेहरे पर रौनक लौट आई और सभी दुकानदारों ने मान्य हाईकोर्ट का आभार जताया है। पिनगवां पंचायत की दुकानों में पिछले लगभग 15 सालों से रह रहे गोपाल जयसवाल, डैनी जायसवाल, रोशन गोतम,नौरंग खान ,पवन कसाना सहित सभी दुकानदारों ने कहा कि हमारी दुकानों को 8 जनवरी को बगैर किसी नोटिस दिए पिनगवां के सरपंच ने पीला पंजा चलाकर तुड़वाया था और हमारा जिसमें लाखों रुपए का नुकसान किया गया था। जिसको लेकर उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली और हाईकोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए गरीब लोगों की सुनते हुए न्याय दिलाया है और उनकी दुकानों को खुलवाने के आदेश दिए हैं। जिससे वह मान्य हाई कोर्ट का आभार जताते हैं। उन्होंने कहा कि सरपंच द्वारा उनके साथ अन्याय किया गया था और उनकी दुकानों को तोड़कर लाखों रुपए का नुकसान किया गया था ,लेकिन आज मान्य हाईकोर्ट ने गरीब लोगों की सुनते हुए उन्हें न्याय दिलाया है और उन्हें दुकान सौंपने का काम किया है। जिससे वह हाई कोर्ट का आभार जताते हैं, इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि सभी दुकानदार समय पर पंचायत के खाते में हर साल का किराया भर रहे हैं, लेकिन फिर भी उनके साथ तानाशाही करते हुए सरपंच द्वारा उनकी दुकानों को तोड़कर सील लगाई गई थी।

क्या है पूरा मामला 

आपको बता दें कि पिनगवां में पंचायत की मेन सड़क पर लगभग 80 दुकानें हैं, जो करोड़ों रुपए में लीज पर दी जाती हैं। मेन सड़क पर पंचायत की बनी ये दुकान पंचायत के लिए कोहिनूर का हीरा साबित होती है और पंचायत की आमदनी बढ़ाती हैं। दो साल पहले सरपंच ने पिनगवां की इन दुकानों पर बोली लगाई थी, लेकिन दुकानदारों का आरोप है कि सरपंच ने अपने चाहने वाले दुकानदारों को हजारों में ,जबकि दूसरे लोगों को लाखों रुपए में बोली लगाकर यह दुकान छोड़ी गई थी। जिसमें बोली के समय भी पूरी पारदर्शिता नहीं बरती गई थी। दुकानदारों का कहना है कि इसी वजह से 21 दुकानदारों ने बोली लगाने के बावजूद भी दुकान नहीं मिलने पर अपनी दुकान खाली नहीं की और वह पंचायत के खाते में अपना किराया जमा करते आ रहे हैं। दुकानदारों ने बताते हुए कहा कि सरपंच उनसे राजनीतिक भेदभाव कर रहा है और बगैर किसी नोटिस और आदेश के उनकी दुकान तोड़कर उन पर सील लगाई गई थी।

कया कहते हैं बीडीपीओ सुरजीत 

पिनगवां खंड के बीडीपीओ सुरजीत से जब इस बारे में बात हुई तो उन्होंने कहा कि 8 जनवरी को एसडीएम पुनहाना के आदेश पर इन दुकानों पर पीला पंजा चलाकर सील लगाई थी और अब माननीय हाईकोर्ट के आदेश पर इनको खोलकर उन्हीं दुकानदारों को सौंप दिया गया है।

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