आधुनिक और व्यवसायिक खेती में सरकार द्वारा पोषित योजनाओं से जिला में बदल रही बागवानी की तस्वीर

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एक एकड़ क्षेत्र में मशरूम उत्पादन से सालाना 20 लाख रुपये मुनाफा कमाने वाले गुरूग्राम के किसान प्रहलाद सिंह अन्य के लिए बने प्रेरणा
सरकार द्वारा बागवानी क्षेत्र में चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेकर अपनी आर्थिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं जिला के किसान : एडीसी हितेश कुमार मीणा
मशरूम कंपोस्ट व प्रोडक्शन यूनिट लगाने पर दी जा रही है 40 से 85 प्रतिशत तक की अनुदान राशि : जिला बागवानी अधिकारी नेहा यादव
City24news/ब्यूरो
गुरुग्राम
। किसान आधुनिक होगा और व्यवसायिक खेती की ओर अग्रसर होगा तो किसान की आय दोगुनी होने के साथ साथ क्षेत्र में कृषि व बागवानी का चेहरा भी बदलेगा। उनका यह सार्थक प्रयास एक तरफ जहां कृषि में तकनीकी के इस्तेमाल को बढ़ावा देगा तो वहीं दूसरी ओर पैदावार बढ़ाने और पर्यावरण को संरक्षित करने में मददगार होगा। यह बात गुरुग्राम के डाबोधा में रहने वाले किसान प्रहलाद सिंह ने सही साबित की है।
गुरुग्राम के एडीसी हितेश कुमार मीणा शनिवार को किसान प्रहलाद सिंह के मशरूम प्रोडक्शन यूनिट की विजिट करने गांव डाबोधा में पहुँचे। एडीसी ने इस दौरान प्रोडक्शन यूनिट का अवलोकन किया व इसकी कार्यप्रणाली की पूरी बारीकी से जानकारी ली। इस दौरान एडीसी ने किसान प्रहलाद सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि वे पहले परंपरागत खेती के रूप में बाजरा और गेहूं का उत्पादन कर रहे थे। जिसमें आमदनी ना के बराबर हो रही थी व आये दिन खर्च अधिक व उत्पादन कम होने से मुनाफा भी घटता जा रहा था। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा आय दुगनी करने और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए व्यवसायिक खेती करने पर जोर देने के विचारों से प्रेरणा ली। तत्पश्चात जिला बागवानी अधिकारी नेहा यादव से जानकारी लेकर विभाग की योजनाओं का लाभ लेकर मशरूम प्रोडक्शन यूनिट लगाने का प्लान किया।
प्रहलाद सिंह ने एडीसी हितेश कुमार मीणा को बताया कि इसके लिए उसने करीब 8 कनाल क्षेत्र में पूरा सेटअप तैयार किया है। जिसमें मशरूम कपोस्ट व प्रोडक्शन यूनिट स्थापित करने में करीब 40 लाख रुपये की लागत आई है। प्रहलाद ने बताया कि इसमें जिला बागवानी विभाग द्वारा उसे 40 प्रतिशत की सब्सिडी दी गयी है। वहीं बाकी राशि के लिए उसने बैंक से लोन लिया है।
किसान ने बताया कि उसने सरकारी मदद से कपोस्ट यूनिट व चार प्रोडक्शन यूनिट स्थापित की है। जिसमें प्रत्येक प्रोडक्शन यूनिट में 90 दिन का प्रोडक्शन सर्कल चलता है। उन्होंने बताया कि एक यूनिट से करीब 38 से 40 क्विंटल मशरूम उत्पादित किया जा रहा है। मार्किट में मशरूम का थोक भाव 140 से 150 रुपये किलो के करीब है। जिससे पूरे साल में चारो यूनिट से सभी खर्चों को घटाकर शुद्ध मुनाफे के रूप में 20 से 22 लाख रुपये की आमदनी हो रही है। प्रहलाद सिंह ने बताया कि क्षेत्र में अधिकांश होलसेलर फार्म पर आकर ही मशरूम ले जा रहे हैं। इससे उन्हें बाजार में जाने की आवश्यकता भी नही है। उन्होंने बताया कि वे अभी गुरुग्राम व एनसीआर में अन्य बड़े फ़ूड संस्थानों में डायरेक्ट डील के लिए प्रयासरत हैं। जिसमें जिला बागवानी विभाग उनकी हर स्तर पर सहायता कर रहा है।

सरकार द्वारा बागवानी क्षेत्र में चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेकर अपनी आर्थिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं जिला के किसान : एडीसी हितेश कुमार मीणा

एडीसी हितेश कुमार मीणा ने कहा कि जिला के किसान हरियाणा सरकार द्वारा बागवानी क्षेत्र में चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेकर अपनी आर्थिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए परंपरागत खेती को छोड़कर कृषि के क्षेत्र में नवाचार के दौरान हमेशा एक जोखिम की स्थिति बनी रहती है। किसानों के इस जोखिम को कम करने के दृष्टिगत केंद्र व हरियाणा सरकार द्वारा पीएम फसल बीमा व मुख्यमंत्री भावन्तर भरपाई जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं भी चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की आय को बढ़ाने के लिए जिला बागवानी विभाग इस दिशा में सकारात्मक पहल कर रहा है। जिसका लाभ उठाकर किसान आर्थिक संपन्नता हासिल कर रहे हैं। एडीसी ने कहा कि परम्परागत खेती से किसानों को कम मुनाफा होता है, जबकि आधुनिक खेती से उनको अधिक लाभ हो पाता है। इसलिए किसानों का झुकाव इस ओर अधिक होना चाहिए।

मशरूम कंपोस्ट व प्रोडक्शन यूनिट लगाने पर दी जा रही है 40 से 85 प्रतिशत तक की अनुदान राशि : जिला बागवानी अधिकारी नेहा यादव
जिला बागवानी अधिकारी  नेहा यादव ने कहा कि किसानों को सिर्फ सकारात्मक प्रयास करने की जरूरत है। बागवानी विभाग उनकी हर संभव मदद को तैयार है। नेहा ने बताया कि मशरूम के गुणकारी लाभों के चलते बाजार में इसकी मांग में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है।  किसानों में इसकी खेती की सही जानकारी के अभाव में यह बाजार में अधिक मात्रा में उपलब्ध नही होता। जबकि बाजार में इसकी मांग दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
किसानों को दी जाने वाली अनुदान राशि की जानकारी देते हुए नेहा ने बताया कि जिला में उद्यान विभाग हरियाणा द्वारा विभागीय स्कीम के तहत मशरूम कंपोस्ट व एक मशरूम प्रोडक्शन यूनिट की अधिकतम यूनिट कोस्ट 20 लाख निर्धारित की गई है। जिसमें जनरल कैटेगरी में 40 प्रतिशत व अनुसूचित जाति श्रेणी में 85 प्रतिशत राशि अनुदान स्वरूप दी जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि योजना का लाभ लेने के लिए किसान जमीन को लीज पर भी ले सकते हैं।
अधिक जानकारी के लिए इच्छुक किसान किसी भी कार्य दिवस पर जिला उद्यान अधिकारी एवं उद्यान विकास अधिकारी कार्यालय में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही अनुदान से जुड़ी योजनाओं के लिए जिला उद्यान अधिकारी गुरुग्राम के दूरभाष नंबर 0124-2324067 पर सम्पर्क कर सकते हैं।

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