सर्व कर्मचारी संघ ने किया कर्मचारी एसेंबली का आयोजन

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city24news@रोबिन माथुर

हथीन| कच्चे कर्मचारियों के लिए रेगुलरैजेशन पॉलिसी, पुरानी पैन्शन बहाली, रोजगार के विस्तार तथा सार्वजनिक सेवाओं की उपलब्धता एवं गुणवत्ता को लेकर आज सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के तत्वावधान में कर्मचारी एसेंबली का आयोजन किया। ज़िला प्रधान राजेश शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित एसेंबली कार्यक्रम का संचालन योगेश शर्मा ने किया। आज की एसेंबली में दो महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखे गए जिनमें कच्चे कर्मचारियों के पक्का करने की नीति बनवाने तथा दूसरा प्रस्ताव पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर था इन दोनों प्रस्तावों को कर्मचारी एसेंबली में सभी उपस्थित सदस्यों ने सर्वसम्मति से पारित करके माननीय विधानसभा अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष को उपायुक्त के माध्यम से भेजने का निवेदन रखा गया। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता मास्टर महेन्द्रसिंह चौहान व धर्मचन्द सीआईटीयू के नेता रमेशचन्द व रामरति चौहान रिटायर्ड कर्मचारी संघ के नेता विधूसिंह व ताराचन्द ने एसेंबली में विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में उपस्थित होकर दोनों प्रस्तावों पर अपना पक्ष रखते हुए सरकार से तुरंत कार्यवाही की मांग रखी।कर्मचारी एसेंबली में यूनियन नेता जितेंद्र तेवतिया, राकेश तंवर, बबली सैनी, थानसिंह, रमेश डागर तथा पवन रावत ने भी सभी प्रस्तावों पर अपनी विचार प्रस्तुत किए।एसेंबली में कच्चे कर्मचारियों से सम्बन्धित प्रस्ताव पर बोलते हुए योगेश शर्मा ने कहा कि सरकार की आधिकारिक ब्यान के अनुसार दो वर्ष पहले प्रदेश में पक्के कर्मचारियों की संख्या 2 लाख 85 हजार और कच्चे कर्मचारियों की संख्या 1लाख 62 हजार से अधिक थी दो वर्ष के कार्यकाल में हजारों कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं।कौशल रोजगार निगम व अन्य तरीके से कच्चे कर्मचारियों की भर्ती की जा रही है। सरकार खर्च घटाने के नाम पर अलग अलग पदनामों से कच्चे कर्मचारियों को लगाया जा रहा है।समय समय पर न्यायालय के हस्तक्षेप के बावजूद नियमित प्रकृति के कार्यों के लिए भी कच्चे कर्मचारी लगाए जा रहे हैं तथा ग़ुलामी व शोषण के प्रतीक ठेका प्रथा पर भी कर्मचारी लगाए जा रहे हैं।पुरानी पैंशन बहाली के प्रस्ताव को प्रस्तुत करते हुए विजेंदर कुमिया ने कहा कि 22 दिसम्बर 2003 को जारी अधिसूचना के द्वारा केन्द्र सरकार ने पुरानी पैंशन प्रणाली को बंद करके 1 जनवरी 2004 से नेशनल पैंशन सिस्टम को लागू कर दिया था।हरियाणा में नई पैंशन प्रणाली को 1 जनवरी 2006 से भर्ती हुए कर्मचारियों के लिए अनिवार्य कर दिया। पुरानी पेंशन व्यक्ति को बुढ़ापे के समय में बेसहारा ना छोड़कर उसके सामाजिक कल्याण का उपाय करने के लिए उस कर्मचारी को सामाजिक न्याय देने के लिए होती है जिसने अपनी पूरी जवानी को नियोक्ता के लिए निरंतर मेहनत करने में लगाया है। उन्होंने एसेंबली में मांग की कि 1 जनवरी 2006 से नियुक्त हुए कर्मचारियों के लिए नियुक्त तिथि से पुरानी पैंशन व्यवस्था लागू की जाए।नई शिक्षा नीति पर प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए अध्यापक नेता देवीराम ने कहा कि सरकार द्वारा बनाई गई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की पाठ्यक्रम में वैज्ञानिक दृष्टिकोण, संवैधानिक मूल्यों तथा निःशुल्क शिक्षा का पूरा अभाव है तथा नई शिक्षा नीति में बाजारीकरण निजीकरण व व्यापारीकरण को बढ़ावा दिया गया है। सैशन के अंत में अध्यक्ष द्वारा सभी प्रस्तावों पर वोटिंग कराई जिन्हें उपस्थित सदस्यों ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया।कर्मचारी एसेंबली में राजकुमार डागर, देवेन्दर नम्बरदार, हरकेश सौरौत, देवीसिंह सहजवार, पवन रावत, अनिल कुमार व कृष्ण कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

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