‘अटल’ सुशासन से नॉन स्टॉप हरियाणा

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City24news/ब्यूरो
फरीदाबाद । सुशासन का अभिप्राय मात्र अच्छे शासन से ही नहीं अपितु यह एक लोक प्रवर्धित अवधारणा है, जो शासन के विस्तार को अनंत और असीम बनाती है। ये कहना अनुचित नहीं है कि आजादी के छह दशक बाद भी सुशासन की अवधारणा को व्यवहार में नहीं लाया गया। भारतीय संविधान से प्रदत्त शक्तियों ने सुशासन अवधारणा को वैधता दी। इसलिए सुशासन में विद्यमान सहभागिता, विधि का शासन, पारदर्शिता, अनुक्रियाशीलता, आम सहमति, न्याय संगत, प्रभावशीलता, और जवाबदेही जैसी बातों पर चर्चा भी रही। मगर, पूर्व सरकारों ने कभी इसे आत्मसात करने की कोशिश नहीं की। भारतीय राजनीति के अजातशत्रु, ‘भारत रत्न’ अटलबिहारी वाजपेयी ने अपने प्रधानमंत्रित्व काल में अपने व्यवहार और समावेशी नीति के जरिए ऐसे लोकतांत्रिक मानदंड स्थापित किए, जो मजबूत, विकसित और स्वाभिमानी राष्ट्र के स्वर्णिम भविष्य की आधारशिला के लिए साबित हुए। इन्हीं मानदंडों को पाथेय मानते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में अटल जी के जन्मदिवस (25 दिसम्बर) को सुशासन दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की। 

बीते 10 वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र व राज्य सरकारें गरीब से गरीब व्यक्ति के जीवन में सुधार लाने के ‘अटल’ सुशासन की विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन पर प्रयासरत है। आर्थिक मजबूत, विकसित और स्वावलंबी हरियाणा की आधारशिला रखने में अटल जी के सुशासन मॉडल के महत्वपूर्ण योगदान को विस्मृत नहीं किया जा सकता

मुख्यमंत्री नायाब सैनी की नई पहलों से आम जनमानस में विश्वास पैदा हुआ कि सरकार उनकी है और वे सरकार के हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को प्रेरणा मानते हुए प्रदेश में सुशासन का कार्य अक्तूबर, 2014 में शुरू हुआ। तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने आम जनमानस को घर बैठे सरकारी सेवा—योजनाओं का लाभ सुलभता से पहुँचने का संकल्प लिया और क्रियान्वयन का सहारा बनाया सूचना प्रौद्योगिकी को। सहायता ली। सत्ता संभालने के दो महीने बाद ही मुख्यमंत्री ने 25 दिसंबर 2014 सीएम विंडो की शुरुआत की। सीएम विंडों के माध्यम से 13.50 लाख लोगों की सीधी पहुँच सरकार में हुई और उनकी शिकायतों का समाधान हुआ।

हरियाणा में पिछली सरकारों में बीपीएल कार्ड के नाम पर राजनीति से कोई अनभिज्ञ नहीं है। भाजपा सरकार ने अटल जी का उस विश्वास को और मजबूत किया, जो सत्ताधारी दल को सदैव जवाबदेह, उत्तरदायी, निष्पक्ष और विकासोन्मुख बनने की नसीयत देता था। इसी विश्वास के कारण परिवार पहचान पत्र जैसी अनूठी योजना का जन्म हुआ। इस योजना ने सामाजिक विषमताओं, विसंगतियों, अन्याय, अत्याचार और शोषण का प्रबलता से प्रतिकार करते हुए सुशासन को महत्ता प्रदान की। परिणामस्वरूप आज बिना भेदभाव एक क्लिक के माध्यम से 30 लाख से ज्यादा लोगों को पीले राशन कार्ड मुहैया कराए गए। जबकि 45 लाख परिवारों को 397 योजनाओं व सेवाओं का लाभ ऑनलाइन माध्यम से दिया जा रहा है। इस योजना को अब उत्तराखंड, यूपी और जम्मू-कश्मीर ने भी अपने- अपने राज्यों में लागू करने का निर्णय लिया है। आज हरियाणा में सामाजिक सुरक्षा पेंशन 3,000 रुपये मासिक देश में सर्वाधिक मिल रही है। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान को सफलतापूर्वक लागू करके जन्म के समय लिंगानुपात जो वर्ष 2014 में 871 था, वो आज सुधरकर 937 (सितम्बर, 2024) तक पहुंचा है। सुशासन की बानगी के रूप में मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल किसानों के लिए कल्याणकारी साबित हुआ है। सरकार ने डी.बी.टी. के माध्यम से 12 लाख किसानों के खातों में फसल खरीद के 85 हजार करोड़ रुपये डाले हैं। प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के तहत गांवों में लाल डोरा के भीतर 25 लाख से अधिक परिवारों को मालिकाना हक देने का काम किया है। इतना ही नहीं, हर ग्रामीण घर (31.41 लाख) में नल से स्वच्छ पेयजल पहुंचाया है और 5815 (88 प्रतिशत) गांवों में 24 घंटे बिजली दी जा रही है। अंत्योदय सरल पोर्टल के माध्यम से 54 विभागों की 675 योजनाएं और सेवाओं को ऑनलाइन किया है। 

अटल सुशासन विकास के लाभ समाज के सभी वर्गों तक सहजता, सरलता के साथ पहुंचने की पैरवी करता है। सरकार द्वारा डी.बी.टी. का उपयोग कर 141 योजनाओं के 36.75 लाख नकली अथवा दोहरे लाभार्थियों को हटाकर प्रदेश के 1182.23 करोड़ रुपये की बचत सुखद अहसास ही है। इसीतरह ऑटो अपील सॉफ्टवेयर के माध्यम से 36 विभागों की 404 सेवाएं ऑनलाइन कर 8,93,086 शिकायतों का निपटान कर सुशासन में मील का पत्थर साबित हो रही है। जबकि नागरिकों को हर समय पुलिस सहायता मुहैया करवाने के लिए हरियाणा आपातकालीन हेल्पलाइन सेवा डायल-112 शुरू की और 19,28,563 कॉल्स पर एक्‍शन लिया गया। 

अटल जी की भांति किसानों को समस्याओं को भली भांति समझते हुए वर्तमान भाजपा सरकार ने प्राकृतिक मार पड़ने से फसल नष्ट होने पर किसानों को मिलने वाले मुआवजे की दर में वृद्धि की। प्राकृतिक आपदा से फसलें नष्ट होने पर प्रति एकड़ मुआवजा जो वर्ष 2014 में 10,000 रुपये प्रति एकड़ था, उसे भाजपा सरकार ने बढ़ाकर 15000 रुपये प्रति एकड़ तक किया। परिणास्वरूप प्राकृतिक आपदा से फसलें नष्ट होने पर विगत 10 वर्षों में किसानों को 11,000 करोड़ रुपये से ज्यादा मुआवजा दिया गया। जबकि कांग्रेस सरकार में 10 साल के कार्यकाल में मात्र 1158 करोड़ रुपये ही मुआवजा दिया गया।

हरियाणा में सुशासन का अहसास उन गरीब लोगों को ज्यादा हुआ, जो किसी कारण से पिछड गए यानि अं​तिम पंक्ति में बैठे व्यक्ति को। अंत्योदय उत्थान के लक्ष्य के अनुरूप भाजपा सरकार ने बी.पी.एल की वार्षिक आय सीमा, जो वर्ष 2014 में 1.20 लाख रुपये थी, उसे बढ़ाकर 1.80 लाख रुपये किया, ताकि अधिक से अधिक परिवारों को सरकारी योजनाओं के लाभ के दायरे में लाकर उन्हें लाभ दिया जा सके।

सामाजिक सुरक्षा की वार्षिक आय सीमा को 2 लाख रुपये (वर्ष 2014 में) से बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने, बेटियों की शादी पर शगुन राशि 31,000 रुपये तक (वर्ष 2014 में)से बढ़ाकर 71,000 रुपये, बी.पी.एल परिवारों को मकान मरम्मत के लिए सहायता राशि 25,000 रुपये (वर्ष 2014 में) से बढ़ाकर 80,000 रुपये करने, मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत अति गरीब 50 हजार लोगों को स्वरोजगार के लिए ऋण मुहैया नायाब सरकार के अटल—सुशासन मॉडल की महत्वपूर्ण उपलब्धियां हैं। इसीतरह आयुष्मान भारत-चिरायु योजना के तहत 86 लाख आयुष्मान चिरायु कार्ड, निरोगी हरियाणा योजना के तहत 32 लाख व्यक्तियों के स्वास्थ्य जांच, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 35,680 लोगों को अपने घर के लिए 890.83 करोड़ रुपये की अनुदान राशि सुशासन का सशक्त उदाहरण बनी है। आपकी बेटी-हमारी बेटी योजना के तहत अंत्योदय परिवारों की 4.30 लाख लड़कियों को जन्म पर 21,000 रुपये प्रति बेटी के अनुसार राशि, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत 51,894 रेहड़ी-फड़ी वालों को 10 हजार रुपये तक का ब्याज रहित ऋण तथा प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गरीब परिवारों को 9.54 लाख मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन देकर नायाब सरकार ने सर्वाधिक उपेक्षित के सशक्तिकरण का महत्वपूर्ण कार्य किया है। 

अटल सुशासन पर पथगामी भाजपा सरकार का बीते सालों में ग्रामीण विकास पर जोर रहा। पहली बार भाजपा सरकार ने हर साल का निश्चित बजट पंचायतों को देने का काम किया। पढ़ी—लिखी पंचायत, 50 प्रतिशत महिला आरक्षण, पिछडा वर्ग ए—बी आरक्षण तथा निकाय संस्थानों में सीधा चुनाव जैसा ऐतिहासिक फैसला मील का पत्थर सिध्द हुआ है। हर जिले को जोडते राजमार्गों का नेटवर्क आर्थिक विकास की संभावनाओं को साकार रूप प्रदान करता है। 24 फसलों की एमएसपी पर सरकारी खरीद से किसानों का सशक्तिकरण हुआ है। प्रदेश में स्वास्थ्य आधारभूत ढांचा विकसित करने पर जोर दिया गया है। वर्ष 2014 में प्रदेश में एक मेडिकल विश्वविद्यालय था, आज 2 विश्वविद्यालय संचालित हैं। मेडिकल कॉलेजों की संख्या वर्ष 2014 में 6 थी, जो आज बढ़कर 15 हो गई है और एमबीबीएस सीटों की संख्या 700 (वर्ष 2014 में) थी, जो आज 2185 तक पहुंच गई है। इसके अलावा मेडिकल कॉलेजों में पीजी सीटों की संख्या 289 (वर्ष 2014 में) थी, जो आज 1006 हो गई है। वर्ष 2014 में नागरिक अस्पतालों की संख्या 56 थी, जो आज 72 हो गए हैं। भाजपा सरकार ने प्रदेश में शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने व रोजगारपरक शिक्षा के लिए कई पहलें की हैं। वर्ष 2014 में प्रदेश में 43 विश्वविद्यालय थे, जो आज बढ़कर 56 हो गए हैं। राजकीय महाविद्यालय 105 थे, जो आज 182, राजकीय मॉडल सीनियर सेकेंडरी संस्कृति विद्यालय 13 थे, जो आज 147 हो गए हैं। इसके अलावा, राज्य सरकार ने 1419 प्राइमरी राजकीय मॉडल संस्कृति विद्यालय खोले हैं। उन्होंने कहा कि हमने अपने कार्यकाल में 71 कॉलेज खोले हैं, जिनमें से 50 प्रतिशत केवल महिलाओं के हैं। आज हरियाणा का युवा अपने खेल प्रतिभा के दम पर न केवल देश में अपितु अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहा है।  

10 वर्ष पहले जिस सुशासन से व्यवस्था परिवर्तन कर प्रदेश के समावेशी विकास की जो परिकल्पना की गई थी, इसके बेहतर परिणाम सामने आ रहे हैं। वर्ष 2014 में प्रदेश का निर्यात 68,032 करोड़ रुपये था, जो आज बढ़कर 2,45,453 करोड़ रुपये (वर्ष 2022-23) हुआ है। प्रदेश में 18,422 करोड़ रुपये का निवेश हुआ और 1,59,622 एमएसएमई उद्योग लगे हैं, जिससे 12.60 लाख लोगों को रोजगार मिला है। नारनौल में 700 मिलियन अमरीकी डॉलर लागत से 886 एकड़ क्षेत्र में एकीकृत मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स हब, आई.एम.टी खरखौदा में मारुति सुजुकी द्वारा 800 एकड़ तथा सुजुकी द्वारा 100 एकड भूमि पर उद्योग स्थापना स्वर्णिम भविष्य का परिचायक है।   

सुशासन की बदौलत ही जनता ने तीसरी बार लगातार भाजपा सरकार को पूर्ण ​बहुमत दिया। जिसका अंदाजा किसी विपक्षी दल को भी नहीं था। दूसरी बार मुख्यमंत्री बने नायाब सैनी ने भी शपथ से पहले 25,000 युवाओं की नौकरी का परिणाम घोषित कराकर अपनी सोच जगजाहिर की है। सुशासन से प्रेरित नायाब सरकार में नया हरियाणा, नॉन—स्टॉप हरियाणा के रूप में बढ रहा है। जहां खेतों से लेकर उद्योग का पहिया तेजी से घूम रहा है। 

लेखक: मुख्यमंत्री के मीडिया समन्यवक हैं।

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