स्वामी श्रद्धानंद जी के आदर्शों को अपने जीवन में उतारें: विपुल गोयल
कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने स्वामी श्रद्धानंद बलिदान दिवस कार्यक्रम में भाग लिया
City24news/ब्यूरो
फरीदाबाद। कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने सागर सिनेमा में आर्य केंद्रीय सभा द्वारा आयोजित स्वामी श्रद्धानंद बलिदान दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इस कार्यक्रम में स्वामी श्रद्धानंद जी के साहस, समाज सुधार, और शिक्षा के प्रति समर्पण को याद किया गया।
विपुल गोयल ने अपने संबोधन में स्वामी श्रद्धानंद जी की निस्वार्थ सेवा और सामाजिक एकता के प्रति उनके कार्यों की सराहना की। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय की स्थापना और शुद्धि आंदोलन को समाज के लिए ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा, “23 दिसंबर 1926 केवल एक महापुरुष की नहीं, बल्कि उनकी अमर विचारधारा पर भी प्रहार था। स्वामी जी का बलिदान हमें यह सिखाता है कि सत्य और धर्म के मार्ग पर चलना कठिन होता है, लेकिन यही मार्ग समाज को नई दिशा देता है।”
कैबिनेट मंत्री ने स्वामी श्रद्धानंद जी द्वारा स्थापित गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय को शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम बताया। उन्होंने इसे वैदिक परंपराओं और नैतिक मूल्यों को जीवित रखने का प्रयास कहा।
विपुल गोयल ने स्वामी जी के शुद्धि आंदोलन को कट्टरता और भेदभाव के खिलाफ एक सशक्त प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन समाज में समानता और एकता लाने का प्रेरणास्त्रोत है। साथ ही कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने जनता से स्वामी श्रद्धानंद जी के दिखाए मार्ग पर चलने की अपील की। उन्होंने कहा, “हमें शिक्षा, समानता, और समाज की एकता को बढ़ावा देना होगा। स्वामी जी के आदर्शों को आत्मसात करके ही हम सशक्त समाज का निर्माण कर सकते हैं।”
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नागरिक, सामाजिक संगठन, और आर्य समाज के सदस्य उपस्थित रहे। उपस्थित जनसमूह ने स्वामी जी के प्रति गहरा सम्मान व्यक्त किया और उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया।
विपुल गोयल ने अपने उद्बोधन का समापन करते हुए कहा:
“स्वामी श्रद्धानंद जी का जीवन और बलिदान हमें सिखाता है कि समाज की प्रगति के लिए सत्य, सेवा, और एकता का मार्ग अपनाना अनिवार्य है। आइए, हम उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतारें और एक सशक्त समाज का निर्माण करें।”
कार्यक्रम का समापन स्वामी श्रद्धानंद जी की अमरता के जयघोष और आर्य समाज के सिद्धांतों के प्रति समर्पण के संकल्प के साथ हुआ।