युवक के अंतिम संस्कार के लिए प्रशासनिक अधिकारी पंहुचे बागोत
प्रिजनों द्वारा पुलिस को दी शिकायत पर सांय तक चलता रहा मंथन
एसडीएम,डीएसपी व तहसीलदार ने परिजनों के साथ की मंत्रणा
बृहस्पतिवार को छठें दिन भी नहीं हो सका अंतिम संस्कार
City24news/सुनील दीक्षित
कनीना । कनीना उपमंडल के गांव बागोत में 26 वर्षीय युवक मोहित द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या करने के छठे दिन भी अंतिम संस्कार नहीं हो सका। परिजनों की ओर से क्षेत्र के 8 प्रतिष्ठित व्यक्तियों पर कार्रवाई की मांग की जा रही है जबकि पुलिस साक्ष्य मांग रही है। साक्ष्य के अभाव में प्राथमिकी दर्ज नहीं हो सकी। ईधर जिला प्रशासन के निर्देश पर बृहस्पतिवार को कनीना के एसडीएम अमित कुमार, डीएसपी दिनेश कुमार, नायब तहसीलदार दलबीर सिंह दुग्गल, थाना इंचार्ज मुकेश कुमार, महेद्रगढ के थाना इंचार्ज युद्धवीर सिंह सहित अन्य कर्मचारी पीडित के घर पंहुचे ओर परिजनों से बातचीत कर उन्हें समझाया। करीब छह घंटे की कांउसलिंग के बाद दरखास्त देने पर सहमति बनी।
कैलाश शर्मा ने पुलिस को बताया कि बीते शुक्रवार की रात दो भाई मोहित व पुलकित गांव में ही एक जन्मदिन पार्टी में गए थे। वहां से लौटकर मोहित ने फांसी लगा ली। जिसकी सूचना मिलने पर पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया ओर पंचनामा करवाने के लिए उप नागरिक अस्पताल के मोर्चरी में भिजवा दिया। मृतक से किसी प्रकार का सुसाइड नोट व सीडीआर आदि नहीं मिला था। जिसके दरम्यान शनिवार को पुलिस ने इत्तफाकिया कार्रवाई करते हुए शव का पोस्टमार्टम करवा दिया। मृतक के पिता कैलाश शर्मा आठ व्यक्त्यिों के खिलाफ आरोप लगाकर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। कार्रवाई न होने तक ’डैड बाॅडी’ रिसीव नहीं करने की बात कही जा रही है। जिसके चलते युवक का शव पिछले छह दिन से अस्ताल के फ्रीजर में रखा हुआ है जिसे परिजन नहीं ले जा रहे हैं। अस्पताल स्टाफ तथा पुलिस प्रशासन नजर बनाए हुए है।
मृतक के पिता कैलाश शर्मा ने कहा कि हिंदू धर्म में व्यक्ति की मोत के 12 दिन तक शोक मनाया जाता है। उसके बाद कोई काम किया जाता है। 12 दिन बाद वे न्याय के लिए कोर्ट की शरण में जाएगें।
बागोत पंहुचे प्रशासनिक अधिकारियों ने उनकी समस्या को गहनता से सुना ओर साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया। जिस पर परिजनों ने दरखास्त लिखकर पुलिस को दी। समाचार लिखे जाने तक पुलिस उक्त दरखास्त पर लीगल एडवाइस लेने में जुटी थी तथा शव का अंतिम संस्कार भी नहीं हो सका था।