दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के बीच ग्रैप-थ्री हुआ लागू : उपायुक्त
धूल उड़ाने पर सख्ती, निर्माण गतिविधियां रहेंगी बंद
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | देश की राजधानी दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण के बढ़ते हुए स्तर को देखते हुए कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट यानी सीएक्यूएम ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में ग्रैप-3 लागू कर दिया है। उपायुक्त प्रशांत पंवार ने जानकारी देते हुए बताया कि सीएक्यूएम ने आदेशों के तहत सडक़ों की मशीन से सफाई बढ़ाने का आदेश दिया है। हॉटस्पॉट क्षेत्रों में सडक़ों पर पानी के छिडक़ाव को बढ़ाने की बात कही गई है। खासकर पीक ट्रैफिक के वक्त पानी के छिड़काव पर खास ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि ग्रैप-3 के दिशानिर्देशों के तहत निर्माण कार्यों पर पूरी तरह से रोक रहेगी, साथ ही तोडफ़ोड़ की गतिविधियों पर भी बैन लगाया गया है। दिल्ली एनसीआर में ग्रैप-3 के तहत अब गैर-जरूरी खनन कार्यों को भी अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया गया है।
– सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने की सलाह दी
दिल्ली-एनसीआर में एयर क्वालिटी इंडेक्स बेहद गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है, जो बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य के लिए काफी ज्यादा हानिकारक हो सकता है। इस बीच, कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट ने सडकों की मशीन से सफाई बढ़ाने का आदेश दिया है। दिल्ली-एनसीआर के लोगों को कारपूल करने और जितना संभव हो सके सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है।
उपायुक्त ने बताया कि ग्रैप-3 के दौरान पेंटिंग, पॉलिशिंग और वर्निशिंग से जुड़े कार्यों पर रोक रहेगा। इस दौरान सडक़ निर्माण या बड़े मरम्मत कार्य पर भी रोक रहेगी। किसी भी तरह के निर्माण कार्य से जुड़े मलबे को ढोने पर पाबंदी रहेगी। इस चरण के तहत धूल पैदा करने वाले किसी भी तरह के सामान जैसे-सीमेंट, राख, ईंट, बालू, पत्थर आदि की लोडिंग-अनलोडिंग पर पाबंदी रहेगा। वेल्डिंग और गैस कटिंग से जुड़े बड़े कार्यों पर रोक रहेगी। पानी की नई लाइन बिछाने, सीवर लाइन डालने, ड्रेनेज और जमीन के अंदर केबल डालने के कार्यों पर रोक रहेगी।
सीएक्यूएम के अनुसार मौसम विभाग द्वारा सूचित किया गया कि दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में एक्यूआई गंभीर स्तर पर पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि ग्रैप-3 लागू रहने के दौरान मशीनों के जरिए सडक़ों की सफाई के काम में तेजी लाई जाए। ट्रैफिक के व्यस्त घंटों से पहले सड़कों पर पानी की फुहारें डालने के काम को सुनिश्चित किया जाए। साथ ही एकत्रित किए गए धूल का निस्तारण सही स्थान पर किया जाए। इसके अलावा सार्वजनिक परिवहन पर जोर दिया जाए।
*सम्पूर्ण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में धूल वाली/वायु प्रदूषण फैलाने वाली निम्नलिखित श्रेणियों की सी एंड डी गतिविधियों पर सख्त प्रतिबंध लागू :*
* बोरिंग और ड्रिलिंग कार्यों सहित खुदाई और भराई के लिए मिट्टी का काम।
* पाइलिंग कार्य।
* सभी विध्वंस कार्य।
* ओपन ट्रेंच सिस्टम द्वारा सीवर लाइन, पानी की लाइन, ड्रेनेज और इलेक्ट्रिक केबलिंग आदि बिछाना।
* ईंट/चिनाई कार्य।
* आरएमसी बैचिंग प्लांट का संचालन।
* प्रमुख वेल्डिंग और गैस-कटिंग ऑपरेशन। एमईपी (मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और प्लंबिंग) कार्यों के लिए मामूली वेल्डिंग गतिविधियों की अनुमति दी जाएगी।
* पेंटिंग, पॉलिशिंग और वार्निशिंग कार्य आदि।
* सीमेंट, प्लास्टर/अन्य कोटिंग्स, मामूली इनडोर मरम्मत/रखरखाव को छोड़कर।
* टाइल्स, पत्थरों और अन्य फ्लोरिंग सामग्री को काटना/पीसना और लगाना, मामूली इनडोर मरम्मत/रखरखाव को छोड़कर।
* वॉटर प्रूफिंग कार्य (रासायनिक वॉटर प्रूफिंग को छोडक़र)।
* सडक़ निर्माण गतिविधियाँ और प्रमुख मरम्मत।
* परियोजना स्थलों के अंदर/बाहर कहीं भी सीमेंट, फ्लाई-ऐश, ईंट, रेत, मुरम, कंकड़, कुचला हुआ पत्थर आदि जैसी धूल पैदा करने वाली सामग्रियों का स्थानांतरण, लोडिंग/अनलोडिंग।
* कच्ची सड़कों पर निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहनों की आवाजाही।
*उपायुक्त की आम नागरिकों से अपील :*
* वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने नागरिकों से ग्रेप के निर्देशों का पालन करने की अपील की है, इसका सभी आम नागरिक पालन करें।
* छोटे सफर के लिए पैदल चलें या साइकिल का उपयोग करें।
* प्रदूषण न फैलाने वाले परिवहन का चुनाव करें और साझा यात्रा करें।
* संभव हो तो घर से ही काम करने का विकल्प अपनाएं।
* हीटिंग के लिए कोयले और लकड़ी का उपयोग न करें।
* सुरक्षा कर्मियों के लिए इलेक्ट्रिक हीटर की व्यवस्था करें।
* अपनी यात्रा को संयोजित करें और अनावश्यक सफर से बचें।