जल जीवन मिशन: जेआरसी द्वारा पोस्टर मेकिंग कंपटीशन द्वारा जल संरक्षण का संदेश
City24news/ब्यूरो
फरीदाबाद। शिक्षा विभाग के आदेशानुसार गवर्मेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सराय ख्वाजा फरीदाबाद की सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड और जूनियर रेडक्रॉस ने प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा की अध्यक्षता में जल जीवन मिशन के अंतर्गत जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन हेतु पोस्टर मेकिंग के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। प्राध्यापिका गीता और प्राध्यापिका ममता ने जागरूकता कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जे आर सी एवम एस जे ए बी अधिकारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत सभी अध्यापकों, स्टाफ सदस्यों एवम छात्र और छात्राओं से वर्षा जल संचयन द्वारा जल की प्रत्येक बूंद को संरक्षित करने के लिए जागरूक किया जा रहा है इस प्रकार से बच्चों की विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं जैसे पोस्टर मेकिंग कंपटीशन, भाषण प्रतियोगिता, जन जागरूकता रैली, क्विज, स्लोगन राइटिंग, वॉल पेंटिंग, निबंध लेखन आदि गतिविधियां भी आयोजित की जा रही हैं। इन गतिविधियों और प्रतियोगिताओं में प्रतिभागिता करके बच्चें स्वयं जागरूक बनकर अपने स्वजनों, मित्रों, सहपाठियों तथा सामान्य जनों को भी जल जीवन मिशन से जोड़ रहे हैं प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने बताया कि वर्षा जल संचयन से हम मानवता पर मंडरा रहे जल संकट से सुरक्षित रह सकते हैं वर्षा जल प्रणाली और वर्षा जल संयंत्र द्वारा उन क्षेत्रों में जहां जल आपूर्ति असामान्य है जल संकट का समाधान किया जा सकता है। वर्षा जल संचयन से जल के भूमिगत भंडार में वृद्धि होती है भूमिगत जल स्तर ऊपर होता है विभिन्न प्रतियोगिताओं में तथा कार्यक्रमों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को शिक्षा विभाग द्वारा सम्मानित और पुरस्कृत भी किया जाता हैं। चंचल, वंदना और पूजा को पोस्टर मेकिंग कंपटीशन में प्रथम, द्वितीय और तृतीय घोषित किया गया। प्राचार्य मनचंदा, प्राध्यापिका सुशीला बेनीवाल और गीता ने जागरूकता कार्यक्रम में प्रतिभागिता करने वाली सभी छात्राओं को सम्मानित करते हुए अभिनंदन किया तथा सभी से आग्रह किया कि सभी अपने अपने स्तर पर भी जल की प्रत्येक बूंद का संरक्षण करें, जल को व्यर्थ न करें तथा वर्षा जल संचयन प्रणाली से वर्षा जल को व्यर्थ जाने देने से रोकें। जल जीवन मिशन पर गंभीरता से कार्य करने की आवश्यकता है जिस से हमारे पश्चात हमारे आने वाली पीढ़ियों को जल की उचित आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।