भगत सिंह के ऊपर गलत टिप्पणी पर भारत सरकार और पंजाब सरकार आपत्ति दर्ज कराए: यादवेन्द्र सिंह सन्धू
शहीद भगतसिंह बिग्रेड ने पाकिस्तान के सहायक महाधिवक्ता के बयान की कड़ी निंदा की
City24news/ब्यूरो
फरीदाबाद। शहीद भगतसिंह बिग्रेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं शहीद ए आजम भगत सिंह के पौत्र यादवेन्द्र सिंह सन्धू ने पाकिस्तान के सहायक महाधिवक्ता अशगर लेघाड़ी और कमोडोर(सेवानिवृत) तारिक मजीद द्वारा महान स्वतंत्रता सेनानी शहीद ए आजम भगत सिंह जी के ऊपर की गई गलत टिप्पणी जिसमें उन्होंने कहा कि शहीद ए आजम भगत सिंह आतंकवादी थे की कड़े शब्दों में निंदा की है। यादवेन्द्र सिंह सन्धू ने कहा इस टिपणी से भारत के लोगों में आक्रोश है। उन्होनें कि नीम हकीम खतरा ए जान जिसका मतलब है कि डॉक्टर का अधूरा ज्ञान रखने वाला व्यक्ति आपकी जान खतरे में भी डाल सकता है यह कहावत सच होती हुई दिखाई देती है पाकिस्तान में एडवोकेट जनरल अशगर लेघाड़ी और कमोडोर(सेवानिवृत) तारिक मजीद के ऊपर यादवेन्द्र सिंह सन्धू ने कहा कि इतना ही नहीं उन्होनें यहां तक कहा कि शहीद ए आजम भगत सिंह मुसलमान के प्रति शत्रुता रखने वाले धार्मिक नेताओं से प्रभावित थे। शायद उन्हें यह नहीं पता कि भगत सिंह जी के साथ आजादी की लड़ाई में बहुत सारे मुसलमान भी शामिल थे जिसमें हमें अशफ़ाकउल्ला खान जैसे ना जाने कितने शहीद देखने को मिलतै है। मेरे हिसाब से पाकिस्तान के अधिकारियों को यह सोचना चांहिए अग्रंजों के खिलाफ जो लड़ाई लड़ी जा रही भी अंग्रेजों के शोषण के खिलाफ वह गलत थी क्या। कौन सा आतंकवादी ऐसा करता है। भगत सिंह जी का तो पूरा जीवन हमें प्रेरणा देता है भाईचारे की मिसाल देता है और वह एक ऐसे व्यक्ति हैं जिस पर कोई ना कोई धर्म न जानी ना और कोई बात है बात लागू होती है उनके त्याग और बलिदान के आगे। यादवेन्द्र सिंह सन्धू ने कहा कि मुझे आशा है कि भारत सरकार और पंजाब सरकार भी इस पर आपत्ति दर्ज कराएगा खासतौर हमारा गृह मंत्रालय और भारतवासियों की भावनाओं को आहत करने वालों के ऊपर कड़ी कारवाई कारवाई की मांग करेगा। उन्होनें कहा कि मुझे उम्मीद है कि पाकिस्तान के हुकमरानों को अपनी गलती का एहसास जल्दी होगा और वे लाहौर के शादमान चौक पर जल्दी ही शहीद ए आजम भगत सिंह जी की मूर्ति स्थापना करेगें। उन्होनें कहा कि हम चाहते हैं कि दक्षिण एशिया के अंदर भारत और पाकिस्तान के हालात अच्छे हो तो उसको बेहतर करने के लिए हमारा इतिहास हमारी संस्कृति एक सबसे बड़ा कारगर माध्यम है। इस तरह की टिप्पणी और बयान को देखकर तो ऐसा लगता है कि ऐसी कुछ शक्तियां है जो नहीं चाहती कि हिंदुस्तान पाकिस्तान में अमन हो भाईचारा हो।