नूंह जिला पुलिस लाइन में स्मृति दिवस मनाया गया

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City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | नूंह की जिला पुलिस लाइन में पुलिस अधीक्षक विजय प्रताप सिंह की अध्यक्षता में स्मृति दिवस मनाया गया। पुलिस अधीक्षक विजय प्रताप सिंह ने कहा कि पुलिस प्रणाली भारत की एक रक्षा प्रणाली है जो की देश की हर क्षेत्र एवं राज्य स्तर पर रक्षा करती है। किसी भी देश के लिए पुलिस एक अहम् ताकत है पुलिस भारत के हर क्षेत्र के लोगो की दिन रात एक करके रक्षा करती है। इस दिन भारत के उन वीर शहीद पुलिस कर्मियों को श्रृधांजली दी जाती है जिन्होंने देश-प्रदेश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे।

पुलिस अधीक्षक ने कहा कि पुलिस स्मृति दिवस प्रत्येक वर्ष 21 अक्टूबर को मनाया जाता है। पुलिस स्मरण दिवस के महत्व के बारे में सीआरपीएफ की बहादुरी का एक किस्सा है।

गौरतलब है कि आज से 65 वर्ष पहले 21 अक्टूबर 1959 में लद्दाख में तीसरी बटालियन की एक कम्पनी को भारत – तिब्बत सीमा की सुरक्षा के लिए लद्दाख में ‘हाट-स्प्रिंग’ में तैनात किया गया था। कम्पनी को टुकड़ियों में बांटकर चौकसी करने को कहा गया। जब बल के 21 जवानों का गश्ती दल ‘हाट- स्प्रिंग’ में गश्त कर रहा था। तभी चीनी फौज के एक बहुत बड़े दस्ते ने इस गश्ती टुकड़ी पर घात लगाकर आक्रमण कर दिया। तब बल के मात्र 21 जवानों ने चीनी आक्रमणकारियों का डटकर मुकाबला किया। मातृभूमि की रक्षा के लिए लड़ते हुए 10 शूरवीर जवानों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया। जिनका अन्तिम संस्कार ‘हाट-स्प्रिंग’ में पूरे पुलिस सम्मान के साथ हुआ। जनवरी 1960 मे राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशो के पुलिस महानिरीक्षको का वार्षिक सम्मेलन हुआ। उस सम्मेलन मे लद्दाख मे शहीद हुए उन वीर पुलिस कर्मियो को सम्मानित करने के लिए हर साल 21 अक्टूबर को स्मृति दिवस मनाने का फैसला लिया गया। यह हमारे पुलिस बल के लिए व हम सबके लिए गौरव की बात है कि केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के इन बहादुर जवानों के बलिदान को देश के सभी केन्द्रीय पुलिस संगठनों व सभी राज्यों की सिविल पुलिस द्वारा “पुलिस स्मरण दिवस” के रूप में मनाया जाता है।

इन वीरों का बलिदान भारतीय पुलिस के कार्यों की उच्चतम परम्पराओं का प्रतीक है तथा कर्तव्यनिष्ठा का अनुपम आदर्श प्रस्तुत करता है।

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