वेदों में महिलाओं को गायत्री मंत्र उच्चारण का अधिकार : युद्धवीर

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महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती के उपलक्ष्य में हथीन में आयोजित यज्ञ में आहुति देते आर्यगण (छाया : माथुर)

city24news@रोबिन माथुर 

हथीन|महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती के उपलक्ष्य में शहर के रींडका रोड स्थित जयवीर महाशय के निवास पर आयोजित यज्ञ में वैदिक मंत्रों से आहुति दी गई। जिसमें यज्ञमान सुधीर आर्य व उनकी धर्मपत्नी अर्चना आर्या और ब्रह्म पतंजलि यज्ञ समिति के जिला प्रभारी युद्धवीर आर्य व बिजेंद्र आर्य ने निभाई। युद्धवीर आर्य ने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती ने महिलाओं और दलितों को वेदों का पठन-पाठन करने का अधिकार दिलाया। उन्होंने वेदों का ज्ञान जन-जन तक पहुंचाने के लिए अपना सर्वोच्च न्यौछावर कर दिया। वर्तमान समय में एक तथाकथित धाम के महंत ने कहा कि महिलाओं को गायत्री मंत्र उच्चारण करने का अधिकार नहीं है, जोकि बिल्कुल गलत है। क्योंकि वेदों में कहीं भी ये नहीं लिखा है की महिलाएं गायत्री मंत्र का उच्चारण नहीं कर सकती हैं। महिलाओं को आगे बढ़कर इसका विरोध करना चाहिए। बिजेंद्र आर्य ने कहा कि वर्तमान समय में जिस तरह से समाज व युवा सामाजिक बुराइयों के कारण गर्त में जा रहा है उसे केवल वैदिक पथ पर चलकर ही मिटाया जा सकता है। इस मौक पर सतवीर महाशय, पंडित ओमप्रकाश शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार सोमदेव आर्य, वेदप्रकाश आर्य, मामराज आर्य, राजू आर्य, सुनील आर्य, गजराज आर्य, अमर आर्य, पारस, धुर्व, परीक्षित सहित मातृशक्ति व युवा मौजूद रहे।

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