सढे सात दशक की आयु में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का राजनीतिक जलवा बरकरार

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पार्टी हाईकमान के सामने रूतबा रहा कायम
दक्षिण हरियाणा में 21 सीटों पर कमल खिलने के बाद अब मंत्रीमंडल में मांगी हिस्सेदारी

City24news/सुनील दीक्षित
कनीना
| दक्षिण हरियाणा से भाजपा के 21 उम्मीद्वारों के जीतने के बाद भाजपा हाईकमान के सामने केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह सौ में सौ अंक लेने में कामयाब रहे हैं। जिसे लेकर करीब साढे सात दशक की आयु में उनका राजनीतिक जलवा आज भी यथावत कायम माना जा रहा है। उनके कहने पर भाजपा पार्टी हाईकमान ने अटेली से उनकी पुत्री आरती सिंह राव, कोसली से अनिल डहिना, रेवाडी से लक्ष्मण सिंह यादव, बावल से डाॅ कृष्ण कुमार, नारनौल से औमप्रकाश यादव, दादरी से सुनील सांगवान, बाढडा से उमेद पातुवास, गुरूग्राम से मुकेश शर्मा, पटौदी से बिमला चैधरी, सहित अन्य पार्टी नेताओं को टिकट दिया था। टिकट देते समय उनके जीत की जिम्मेवारी भी केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह को सौंपी थी। इस जिम्मेवारी को राव इंद्रजीत सिंह से बखूबी निभाया है। राजनीति के बब्बर शेर कहे जाने वाले राव इंद्रजीत सिंह ने जिस प्रकार चुनाव कंपेनिंग की वह वास्तव में चैंकाने वाली थी। अकेले अटेली हलके पर फोकस न करते हुए उन्होंने रेवाडी,कोसली,गुरूग्राम, पटौदी,बावल,नारनौल को भी उतना ही महत्व दिया। राव इंद्रजीत सिंह दिन के समय जब रेवाडी जिले की सीटों पर चुनाव प्रचार करते तो रात्री विश्राम कनीना में करते। जहां रात को ही मतदाताओं व कार्यकर्ताओं से मिलकर अटेली-नारनौल सीट के लिए अगले दिन का रोलकाल तैयार करते और जब दिन के समय अटेली हलके में प्रचार करते तो रात्री विश्राम रेवाडी में करते, जहां कार्यकर्ताओें से मिलकर चुनाव की रणनीति तैयार करते। चुनाव की सघन कंपेनिंग के दौरान उन्होंने दिनरात एक कर सभी प्रत्याशियों को विजय दिलाना उनकी रणनीति का अहम हिस्सा रहा। इस कार्य में प्रदेश के पूर्व शिक्ष मंत्री प्रो रामबिलास शर्मा, पूर्व विधायक सीताराम शर्मा का भी सहयोग रहा। योजनाबद्व तरीके से कार्य करने वाले इन राजनेता के सामने विपक्ष के अलावा पार्टी नेताओं की ओर से टांग खिंचाई की घटनाएं सामने सामने आई तो उनका डटकर सामना कर मुहतोड जवाब देना इनकी आदत में शु-मार है। उन्होंने पूर्व सीएम की ओर संकेत करते हुए आपस में लडाने ओर नए-नए नेता उनके द्वारा बनाने की बात कही गई। सीएम अंदरखाते उनका विरोध कर चुनाव कंपेनिंग को कमजोर करना चाहते थे। बहरहाल उनके प्रयासों से दक्षिण हरियाणा की 21 सीटों पर कमल खिलने से उनका राजनीतिक कद बढा है। अटेली हलके से विधायक बनी उनकी पुत्री आरती सिंह राव को मंत्रीमंडल में शामिल करने की चर्चाएं जोर पकडने लगी हैं।

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