विश्व ओजोन दिवस पर महिला महाविद्यालय उन्हाणी में हुआ समारोह का आयोजन

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ओजोन परत की सुरक्षा नहीं की गई तो भविष्य में भुगतने होगे गंभीर परिणामःविक्रम
City24news/सुनील दीक्षित
कनीना
| राजकीय कन्या महाविद्यालय उन्हाणी में शुक्रवार को विश्व ओजोन दिवस मनाया गया। जिसमें प्राचार्य डॉ.विक्रम यादव ने ओजोन को लेकर छात्राओं को जानकारी दी। विक्रम यादव ने बताया कि पृथ्वी की सतह से दस से चालीस किलोमीटर ऊपर समताप वायुमंडल में स्थित ओजोन परत हमें हानिकारक ‘पराबैंगनी विकिरण’ से बचाती है। यह परत सुरक्षा कवच का काम करती है। इस सुरक्षात्मक परत, को ‘स्ट्रैटोस्फेरिक ओजोन’ के रूप में भी जाना जाता है। जो कि मनुष्य को मोतिया बिंद और त्वचा कैंसर जैसे प्रतिकूल स्वास्थ्य प्रभावों से बचाती है। कृषि और जलीय जीवन की रक्षा करती है। हालाँकि मानव निर्मित ओजोन क्षयकारी पदार्थों के कारण समताप मंडल में ओजोन का क्षय हुआ है। जिसके कारण 1970 से 1980 के दशक में वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिका के ऊपर ओजोन परत में एक महत्वपूर्ण छेद का खुलासा किया था। इस खोज ने मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए संभावित परिणामों के बारे में तत्काल चिंताओं को उठाया। जिसके परिणामस्वरूप वर्ष 1985 में वियना कन्वेंशन और उसके बाद 16 सितंबर, 1987 को मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल हुआ। तब से लोगों को ओजोन की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में शिक्षा  और उन्हें ओजोन की संरक्षण के लिए कदम उठाने की प्रोत्साहित किया जाता है, उन्होंने बताया कि समय रहते ओजोन को नहीं बचाया गया तो भविष्य में पृथ्वी पर जीवन जीना मुश्किल होगा। कार्यक्रम की संयोजक डॉ अंकिता यादव व डॉ.समेश चंद ने छात्राओं को बताया कि 30वां विश्व ओजोन दिवस मनाया जा रहा है जो एक विशिष्ट थीम होती है, ओजोन परत संरक्षण से संबंधित वर्तमान मुद्दों और लक्ष्यों को दर्शाती है। 2024 की थीम “जीवन के लिए ओजोन” है, जो ओजोन परत के संरक्षण को बढ़ावा देने और जलवायु परिवर्तन को संबोधित करने में मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के सकारात्मक परिणामों पर केंद्रित है। पृथ्वी की सुरक्षा में ओजोन परत द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को भी याद दिलाता है। इस अवसर पर डॉ सुधीर कुमार सहित महाविद्यालय के शिक्षक एवं छात्राएं उपस्थित थी।

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