सैनिक स्कूल में हुआ योग एवं प्राणिक उपचार कार्यशाला
City24news/निकिता माधौगढ़िया
रेवाड़ी। शरीर ही धर्म करने का सबसे बड़ा साधन है। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास है। इसी विचारधारा के साथ सैनिक स्कूल रेवाड़ी में आज योग एवं प्राणिक उपचार कार्यशाला का आयोजन किया गया । वर्तमान समय में जहाँ व्यक्ति शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक तनाव एवं स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त है, वहीं उसे मानसिक शांति और उत्तम स्वास्थ्य की गहन आवश्यकता है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए सैनिक स्कूल रेवाड़ी के सभागार में 07 सितम्बर को योग एवं प्राणिक उपचार कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें विश्व प्रानिक हीलिंग संस्थान, मुख्यालय मुंबई महाराष्ट्र से सुश्री शिरीन खान, प्रबंधक एवं दक्षिण भारत प्रभारी प्रानिक हीलिंग फाउंडेशन मुख्य वक्ता एवं कार्यशाला प्रशिक्षक के रूप में उपस्थिति रही। विद्यालय पहुंचने पर विद्यालय प्राचार्य कैप्टन (भा.नौ.) ब्रिजकिशोर ने सुश्री शिरीन खान का स्वागत किया । उनके साथ विद्यालय उपप्राचार्य विंग कमांडर सुनैना चाहार, प्रशासनिक अधिकारी मेजर जयसिंह राठौड़ व वरिष्ठ अध्यापक गजेंद्र सिंह चौहान ने प्रशिक्षक सुश्री शिरीन खान की अगुवाई की।
कार्यशाला का शुभारंभ सर्वप्रथम सुश्री शिरीन खान, प्रबंधक वर्ल्ड प्रानिक हीलिंग संस्थान, मुंबई ने एक पेड़ मां के नाम संकल्प का अनुसरण करते हुए विद्यालय में पौधारोपण के साथ किया । सुश्री शिरीन खान ने उपस्थित 470 विद्यार्थियों व 50 विद्यालय कर्मियों के समक्ष सुपर ब्रेन एक्सरसाइज, फुल बॉडी वर्कआउट, ट्विन हार्ट मेडिटेशन और शारीरिक दक्षता व्यायाम कौशल का प्रशिक्षण दिया । कार्यशाला प्रशिक्षक ने सबसे पहले उपस्थित विद्यार्थियों एवं कर्मचारियों को सुपर ब्रेन व्यायाम से अवगत करवाकर तरह-तरह के शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक व्यायाम कौशलों का अभ्यास करवाया । उन्होंने प्रतिदिन की क्रिया में इन्हें किस प्रकार से किया जाना चाहिए, कौन-कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए और उनके महत्व कौशलों की जानकारी प्रत्यक्ष रूप से स्वयं करके तथा छात्रों से उसका अभ्यास करवा कर दी । प्रशिक्षक सुश्री शिरीन खान ने हृदय और मस्तिष्क के बीच सामंजस्य बैठाकर ट्विन हार्ट कौशल का प्रशिक्षण भी दिया जिसमें हमारे हृदय और पैर की कॉफ मांसपेशियों के बीच में सामंजस्य बैठाकर मन और मस्तिष्क का शीर्ष से चरण तक तालमेल करना सिखाया गया । उन्होंने बताया कि इस प्रकार के अभ्यास से तरह-तरह के हारमोंस का उत्सर्जन होता है जिससे व्यक्ति का मन न केवल चिंता मुक्त और तनाव रहित रहता है अपितु व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक परेशानियों दूर होने के साथ-साथ वह अपने आप को तरोताजा और चुस्त-दुरुस्त महसूस करता है। योग एवं प्राणायाम कार्यशाला के अवसर पर अपने विचार प्रकट करते हुए विद्यालय प्राचार्य कैप्टन (भा.नौ.) ब्रिज किशोर ने सुश्री शिरीन खान के विद्यालय में पधारने के लिए उनका आभार व्यक्त किया और उन्हें स्मृति चिह्न देकर धन्यवाद ज्ञापित किया । प्राचार्य ने बताया कि योग एवं प्राणायाम आज के विद्यार्थियों की मूलभूत आवश्यकता है। जिससे वे न केवल स्वयं को अध्ययन और दैनिक गतिविधियों के तनाव से मुक्त रख सकते हैं अपितु जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए एक माध्यम के रूप में नियमित रूप से अपना कर अपने जीवन को सफल बना सकते हैं।