चुनावी ड्यूटी के कारण, विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित

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गुरुजी चुनावी ड्यूटी में व्यस्त
City24news/सोनिका सूरा
सिवानी | चुनावी सीजन विद्यार्थियों की पढ़ाई पर भारी पड़ रहा है विशेष कर प्राइमरी स्कूलों के शिक्षक खुद भी परेशान हैं और विद्यार्थियों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। खुद अध्यापक इस बात से चिंतित हैं कि उनको पढ़ाई के साथ-साथ अनेक तरह के कार्य करने पड़ रहे हैं। कभी चुनाव ड्यूटी हो जाती है तो कभी किसी प्रकार के सर्वे में ड्यूटी लग जाती है तो कभी और जिम्मेदारी दे दी जाती है। ऐसे में बच्चों का भविष्य भी प्रभावित हो रहा है। वर्तमान में प्रदेश भर में विशेष कर प्राइमरी अध्यापको में 70% बीएलओ की ड्यूटी लगी है। 85 साल से अधिक उम्र के मतदाताओं से उनकी राय जान रहे गुरुजी डोर टू डोर पहुंचकर 85 साल से अधिक उम्र के मतदाताओं की पहचान कर रहे हैं इतना ही नहीं उनसे यह पूछ रहे हैं कि वह मतदान केंद्र  पर पहुंचकर मतदान करेंगे या घर से ही मतदान करेंगे। जैसे भी यह मतदाता मतदान करेंगे उनके लिए वैसी ही व्यवस्था की जाएगी। उनसे मतदान जरूर करवाया जाएगा। ऐसे मतदातों से लिखवा कर लिया जा रहा है कि वह किस प्रकार का मतदान करेंगे और लोकतंत्र को मजबूती देंगे। अध्यापक चुनाव से कुछ दिन पहले डोर-डोर जाकर पर्चियां भी बांटेंगे। फिल्हाल वे वरिष्ठ नागरिकों के मतदान करवाने को लेकर डोर-डोर हैं। कुल मिलाकर  बात यह है कि गुरुजनों को चुनाव ड्यूटी में छूट नहीं दी गई है। बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित हो रही है।

बीएलओ  या कोई दूसरा कर्तव्य या किसी गैर शैक्षणिक कार्य में अध्यापकों की ड्यूटी नहीं लगनी चाहिए, इससे स्कूलों की पढ़ाई प्रभावित होती है। सरकार को गैर शैक्षणिक कार्यों के लिए दूसरे लोगों को लगाना चाहिए। भूपेन्द्र सिंह चाहर जिला प्रधान राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने बताया कि आमतौर पर बीएलओ या दूसरे गैर शैक्षणिक कार्यों के लिए अध्यापकों की ड्यूटी लगाई जाती है। एक तरफ तो उनसे बेहतर परिणाम की उम्मीद की जाती है दूसरी तरफ उनको पढ़ाने के लिए कम समय दिया जाता है। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि अध्यापकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में न लगाया जाए।

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