प्रदेश मे पिछले 30 साल से दोबारा नहीं जीत पाया वित्त मंत्री
हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के साथ ही सियासी दलों ने चुनावी मैदान में उतरने के लिए अपनी कमर कस ली है
City24news/सोनिका सूरा
सिवानी | हरियाणा की कुल 90 विधानसभा सीटों में से एक सीट राजस्थान बॉर्डर के साथ लगते लोहारू हल्के की भी है | लोहारू विधानसभा क्षेत्र भिवानी महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत पड़ता है | इस सीट पर चौधरी बंसीलाल का प्रभाव रहा है | पहले चुनाव निर्दलीय , दूसरे चुनाव में भाजपा पार्टी से चुनाव लड़ते हुए जयप्रकाश दलाल को हार मिली तो वही 2019 के चुनाव में इस सीट पर बीजेपी पार्टी से चुनाव लड़ते हुए जयप्रकाश दलाल ने कमल खिलाया | पहली बार विधायक बनते ही पहले कृषि मंत्री और उसके बाद वित्त मंत्री बने | वित्त मंत्री ने क्षेत्र में काम तो खूब करवाए मगर एक मिथक है कि पिछले करीब 30 साल से संयोग बनता आ रहा है कि हरियाणा का वित्त मंत्री दोबारा जीत कर चंडीगढ़ नहीं पहुंचा | इस बात की क्षेत्र के लोगों में खूब चर्चा सुनने को मिल रही है | अब सवाल है कि क्या जयप्रकाश दलाल लोहारू से दोबारा विधायक बनकर 30 साल का मिथक तोड़ पाएंगे या नहीं |
[1991 के बाद से अच्छा नहीं रहा वित्त मंत्रियों का अनुभव प्रदेश में वित्त मंत्री रहने वाले नेता अगली बार विधानसभा नहीं पहुंच सके | लगभग तीन दशक से तो यही सहयोग बना हुआ है | 1991 में भजनलाल सरकार में मांगेराम गुप्ता वित्त मंत्री थे | लेकिन 1996 मे चुनाव हार गए | 1996 में सेठ श्री किसन दास वित्त मंत्री बने लेकिन 2000 में वे विधानसभा नहीं पहुंच सके | 2000 में चौटाला सरकार में प्रोफेसर संपत सिंह वित्त मंत्री रहे लेकिन 2005 में लोगों ने उन्हें विधानसभा नहीं पहुंचने दिया | 2005 में हुड्डा के नेतृत्व में बनी कांग्रेस सरकार में वीरेंद्र सिंह वित्त मंत्री रहे और 2009 में वह भी चुनाव हारे | हुड्डा पार्ट – 2 में कैप्टन अजय सिंह यादव वित्त मंत्री बने 2014 में लोगों ने उन्हें घर बैठा दिया | इसी तरह 2014 से 2019 तक वित्त मंत्री रहे कैप्टन अभिमन्यु भी अगला चुनाव नहीं जीत सके | 2019 से 12 मार्च 2024 तक मनोहर लाल वित्त मंत्री रहे लेकिन उन्होंने टर्म पूरी होने से पहले ही मुख्यमंत्री और विधानसभा से इस्तीफा दे दिया | अब लोहारू से विधायक जेपी दलाल प्रदेश के नए वित्त मंत्री हैं | यह बात लोहारू हल्के में चाय की दुकान पर बैठे लोगों से सुन लो या ताश के पत्ते खेल रहे या बैठक में बैठे बूढो के बीच चर्चा का विषय बना है | ]