सोमोती अमावस्या के पावन पर्व पर साप्ताहिक सत्संग हवन पचगांव श्याम गौशाला में किया गया।  

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City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | आचार्य राजेश ने कहा हवन के तीन अर्थ होते हैं जिसमें देव पूजा संगतिकरण और दान। माता-पिता गुरु आचार्य अतिथि और परमात्मा यह हमारे साक्षात देवता हैं हमें इनका यथायोग्य सेवा और सम्मान करना चाहिए  मंत्र पाठ राजकुमार शास्त्री ने किया आचार्य राजेश ने बताया प्रत्येक गृहस्थी जाने अनजाने में जीव हत्या करता है ओखली में धान कूटना, झाड़ू लगाना, भोजन के लिए लकड़ी जलना सिलबट्टा से चटनी बनाना, चक्की पीसना इससे के पश्चाताप के लिए भारतीय संस्कृति में दैनिक अग्निहोत्र नित्य कर्म बताया है जिसके साथ-साथ हमें प्रतिदिन ब्रह्म यज्ञ, देव यज्ञ, पितृ यज्ञ, अतिथि यज्ञ, वलिविश्वदेव  यज्ञ  आदि करना आचार्य राजेश ने कहा पांच महायज्ञ हमें  पूर्णिमा और अमावस्या को करने चाहिए जो व्यक्ति इन पांच महायज्ञों को नहीं करता वह व्यक्ति नास्तिक है  हमें ईश्वर का मुख्य और निज नाम ओम है प्रत्येक दिन इसका स्मरण करना चाहिए यह बात आचार्य राजेश बोल रहे थे लालचंद आर्य ने कहा अब अमावस्या के पावन पर्व पर लोग धार्मिक कार्य अनुष्ठान यज्ञ सत्संग और पितरों के लिए तर्पण करते हैं हवन सबसे उत्तम कर्म है इसको करने से व्यक्ति लोक और परलोक दोनों से पार हो जाता है  इस अवसर पर यजमान की भूमिका प्रभात और गीतांजलि ने निभाई मदन मोहन कश्यप सत्येंद्र डीआईजी शिवराज मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

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