नाली-सीवर ओवरफ्लो के लिए निगम, नेता और शहरवासी सभी जिम्मेदार

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नालों की कनेक्टीविटी न होने के कारण भी बढ़ रही है परेशानी
City24news/कविता गौड़
फरीदाबाद। शहर में व्याप्त विभिन्न की समस्याओं के लिए नगर निगम के अधिकारियों की कार्यशैली और जनता की शिकायतों को अनसुना करने वाले नेता तो जिम्मेदार है ही। लेकिन निगम और जिम्मेदार नेताओं के साथ इन समस्याओं के लिए लोगों को भी कम जिम्मेदार नहीं माना जा सकता है। क्योंकि काफी संख्या में लोग स्वच्छता के प्रति पूरी तरह जागरूक नहीं हैं। नालियों और सीवर के ओवरफ्लो होने की समस्या अब आम हो चुकी है। सड़कों और गलियों में जहां तहां सीवर का पानी भरा हुआ देखा जा सकता है। इन दिनों निगम द्वारा जगह जगह सीवर लाइनों की सफाई करने पर भारी मात्रा में कचरा निकल रहा है। जबकि निगम द्वारा वर्षो से सीवर लाइनों की सफाई के नाम पर ठेकेदारों को करोड़ों रुपये का भुगतान किया जा चुका है। इससे साफ जाहिर है कि निगम द्वारा सिर्फ भुगतान ही किया गया है। लेकिन अधिकारियों ने ठेकेदारों के काम पर कभी ध्यान नहीं दिया। वहीं दूसरी तरफ गंदे पानी के भराव के लिए शहर के लोग भी कम जिम्मेदार नहीं हैं। शहर के बाजारों में दुकानदारों ने नालियों को पूरी तरह कवर्ड किया हुआ है। जिससे नालियों की सफाई नहीं हो पाती। वहीं रिहायशी कालोनियों में तो लोगों ने नालियां ही बंद कर दी। इन्हीं कारणों से नाली और सीवर ओवरफ्लो की समस्या गंभीर हो चुकी है। वहीं अब निर्माणाधीन नालों को बनाकर तो छोड़ दिया गया है, लेकिन उनकी कनेक्टीविटी न होने के कारण नालों के बरसाती पानी व सीवरेज का पानी जाने के कारण सड़कों पर पानी बह रहा है। जिस कारण सड़के जलमग्न हो रही है, ऐसा ही शहर के विभिन्न हिस्सों में देखने को मिल रहा है।

कवर्ड नालियों में सफाई की समस्या:

शहर के ज्यादातर बाजारों और मुख्य सड़कों के दोनों किनारों पर नालियां बनी हुई है। ताकि बरसाती और अन्य गंदा पानी इन नालियों के माध्यम से गुजर सके। लेकिन ज्यादातर स्थानों पर दुकानदारों और अन्य लोगों ने नालियों को लैंटर डाल कर पूरी तरह कवर्ड किया हुआ है। कई स्थानों पर इतना भी गैप नहीं छोड़ा गया कि निगम के सफाई कर्मचारी वहां से कचरा निकाल सके। लोगों की इस लापरवाही की वजह से नालियों की नियमित रूप से सफाई नहीं हो पाती। ऐसे में गाद ज्यादा भर जाने पर नालियों का गंदा पानी ओवरफ्लो होकर सडकों और गलियों में बहना शुरू हो जाता है। एनआईटी इलाके की 60 फुट और रोड और अन्य स्थान पर गंदा पानी भरने का काफी हद तक यहीं कारण है। वहीं जवाहर कालोनी की 45 फुट रोड का भी नाला बनाने के कारण बुरा हाल हो गया है, यहां नाला तो बना दिया, लेकिन उसकी खुदाई के बाद सड़क जर्जर हो गई है। जिस पर अब पानी भर रहा है और गहरे गड्ढ़े हो गए है, जिसमें लोग और पशुओं को गिरते हुए देखा जा रहा है। ऐसे में फिर जलभराव की समस्या बन रही है।

नालियों को कर दिया बंद:

शहर की ज्यादातर मान्यता प्राप्त कालोनियों में नगर निगम की तरफ हर सड़क और गलियों में सीवर की लाइन बिछाई जा चुकी है। जबकि कुछ साल पहले तक सीवर लाइनों के साथ साथ सड़कों और गलियों के दोनों किनारों पर नालियां भी मौजूद थी। लेकिन कुछ लोगों ने अपने स्वार्थ की वजह से नालियों को बंद करना शुरू कर दिया। एक व्यक्ति को देख कर उनके पड़ोसियों को भी मजबूरी में नाली बंद करनी पड़ी। इस तरह से ज्यादा इलाकों में नालियों का नामों निशान तक मिट चुका है। ऐसे में अब नाले बनवाएं गए, लेकिन उö नालों की कनेक्टिीविटी शहर में न होने के कारण उनका पानी सड़कों पर बह रहा है। तो वही सीवरेज का पानी भी सड़क पर ओवरफ्लों के कारण बह रहा है। क्योंकि लोगों ने अपने घरों से निकलने वाले हर तरह के गंदे पानी और बरसाती पानी की निकासी के कनेक्शन सीवर लाइनों में ही जोड़ रखा है। जिसके कारण सीवर की लाइनों पर लोड ज्यादा बढ़ गया है। वहीं नियमित रूप से साफ न होने के कारण सीवर की लाइनें आए दिन जाम हो जाती है। जिसके बाद सीवर का गंदा पानी ओवरफ्लो होकर शहर की सड़कों और गलियों में बहने लगता है। जिसकी वजह से लोगों को ही परेशानी का सामना करना पड़ता है।

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