सड़के हुई दलदल में तब्दील, खाली प्लॉट बने तलाब ऐसी है बड़खल गांव की तस्वीर
स्कूल तक की गिर गई दीवार, ग्रामीण बोले शिकायतों के बाद भी नहीं ली मंत्री ने सूध
City24news/कविता गौड़
फरीदाबाद। जहां एक तरफ बड़खल झील को पर्यटन केन्द्र बनाने के लिए शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने विधायक रहते हुए दावें किए थे। लेकिन अभी तक बडखल झील का कार्य पूरा नहीं हो सका है तो वहीं बड़खल गांव भी वर्षो से विकास के लिए तरस रहा है। सरकार के नेताओं पर ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि बडखल गांव बदहाली के आंसू रो रहा है। ऐसा ही यहां देखने को मिल रहा है। सड़के जहा दलदल में तब्दील हो चुकी हैं, वहीं खाली प्लॉट तलाब बन गए हैं। सड़कों पर पैदल चलना तो दूर वाहनों के जरिये भी नहीं निकला जा सकता है, वहीं इस बदत्तर हालत का शिकार सरकारी स्कूल भी हो गया है, यहां 11 अगस्त को दीवार गिर गई और उसकी सूध ही इलाके की विधायक और शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा के संज्ञान में लाने के बाद नहीं ली। ऐसी ही तस्वीर गांव में देखने को मिली। यहां मंदिर हो, मस्जिद हो या फिर स्कूल जाने वाला रास्ता हर रास्ता गंदे पानी और दलदल वाला है। ऐसी कोई सड़क गांव में नहीं है, जो ठीक हो। बड़खल विधानसभा में विकास कार्यों की पोल बडखल गांव खोल रहा है। यहां के निवासी नर्क से भी बदतर जीवन जीने को मजबूर हो रहे हैं। इस मामले में इलाके की विधायक एवं शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा को फोन किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
जानकारी के मुताबिक बडखल विधानसभा क्षेत्र के बड़खल गांव की मुख्य सड़क हो या फिर गांव की अन्य सड़कें हालत ऐसे है कि इन सड़कों पर दौड़ रहे छोटे-बड़े वाहन बिना हिचकोले के गुजर जाए यह कहीं भी मुमकिन नहीं। ऐसी स्थिति पूरे बड़खल गांव की सड़कों की बनी हुई हैं। सड़कों पर कहीं इतने ज्यादा गहरे और चौड़े गड्ढे हो चुके हैं और उनमें बारिश का पानी भरा होने से सड़क कहीं पानी से भरे तालाब का रूप ले चुकी हैं तो कहीं छोटे तालाब नजर आ रहे हैं। गांव की कुछ ऐसी सड़कें हैं जिसे देखकर यह नहीं कहा जा सकता है कि हम किसी गांव में आए है, ऐसा लगता है कि हम किसी दलदल या नाले से होकर गुजर रहे हो। सड़कें गांव की सड़के कम नाले या दलदल ज्यादा नजर आती हैं। यहां से गुजरने वाले कोई न कोई बाइक चालक गड्ढों और दलदल की चपेट में आकर वहीं गिर कर घायल हो रहे हैं। गड्ढों युक्त सड़कों से गुजरने वालों में सबसे ज्यादा परेशानी बीमारों, गर्भवती महिलाओं समेत स्कूल छात्र-छात्राओं को उठानी पड़ रही है।
कीचड़ से लथपथ रास्ते: ग्रामीणों का कहना है कि गांव में कहीं सड़क ऊंची है तो कहीं काफी नीची। उबड़ खाबड़ सड़क में काफी पानी भर रहा है। वहीं कॉलोनियों की कच्ची सड़क से पैदल चलना भी दूभर हो रहा है। उन्होने बताया कि सड़कों पर गहरे गड्ढों की चपेट में आने से बाइक चालक का संतुलन बिगड़ता है। आए दिन गिरकर लोग घायल हो रहे हैं। वहीं स्कूल के पास, मंदिर और मस्जिद के आसपास की कच्ची सड़क पर जरा सी बारिश में इतना ज्यादा कीचड़ हो जाता है कि यहां से पैदल राहगीरों का गुजरना दूभर होता है। उन्होंने बताया कि यहां मौजूद सरकारी स्कूल भी तलाब में तब्दील हो जाते है। वहीं जहां एक तरफ सड़के दलदल में तब्दील हो चुकी है, वहीं खाली प्लॉट भी पानी की निकासी न होने के कारण तलाब में तब्दील हो चुके हैं।
विधायक से मंत्री पद मिलने पर भी बदहाद है बडखल विधानसभा: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजय प्रताप सिंह ने कहा कि जब उनके पिता महेन्द्र प्रताप सिंह मंत्री थे, तो बडखल विधानसभा क्षेत्र के सभी स्कूलों की हालत ठीक थी और गांवों की सड़के भी सुंदर और साफ थी। लेकिन विधायक बनते ही मंत्री सीमा त्रिखा ने सड़के सीवरेज के लिए खुदवा दी। लेकिन वह सड़के करीब आठ से दस साल बाद भी नहीं बनी है, ऐसे में उन सड़कों से अब निकलना भी दुर्भर हो गया है। ऐसा बड़खल विधानसभा के सभी गांवों में हो रहा है। चाहे वह सड़के हो या सरकारी स्कूल, कही भी न तो सीमा त्रिखा ने विधायक रहते हुए काम करवाया और न ही अब शिक्षा मंत्री बनने के बाद कोई काम करवाया है, जिससे स्कूल और गांवों के विकास दोनों ही बडखल विधानसभा क्षेत्र में बदहाली के आंसू रो रहे है।