अचार संहिता के उल्लघन के साथ सरकार को पहुंचा रहे राजस्व का नुकसान
उपायुक्त के आदेशों के बावजूद शहर पटा हुआ है विज्ञापनों के बोर्ड और होर्डिंग से
City24news/कविता गौड़
फरीदाबाद। विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। जिसे देखते हुए जिला उपायुक्त ने 24 घंटे के भीतर सरकारी सम्पत्तियों और निजी सम्पत्तियों ने लगे विभिन्न राजनेतिक दलों के विज्ञापन संबंधित बोर्ड हटाने के आदेश दिये थे। लेकिन समाचार लिखे जाने तक करीब 30 घंटे से ज्यादा समय गुजर जाने के बाद भी राजनेतिक दलों के बोर्ड ज्यू के त्यू लगे हुए हैं। जिससे न केवल एक तरफ आदर्श आचार संहिता का सरेआम उल्लघंन किया जा रहा है। बल्कि इससे सरकार को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है। ऐसा नहीं है कि नगर निगम के संबंधित अधिकारियों को इस बारे में जानकारी नहीं है। नगर निगम के अधिकारियों द्वारा जानबूझ कर अक्सर इस तरह की लापरवाही बरती जाती है। शहर का ऐसा कोई हिस्सा नहीं है जहां राजनेतिक दलों के बोर्ड न लगे हो। लेकिन इसके बावजूद नगर निगम द्वारा इन विज्ञापनों के बोर्डो को हटाने की अभी तक कोई कवायत नहीं शुरू की है।
चारों तरफ लगे है अवैध विज्ञापन: जिले में ऐसा कोई हिस्सा नहीं है, जहां अवैध तरीके से राजनेतिक दलों के अवैध विज्ञापन के बोर्ड न लगे हों। आम दिनों में भी राजनेतिक दलों के विज्ञापन संबंधित बोर्ड यहां होर्डिंग्स सरकारी सम्पत्तियों पर लगाने पर रोक होती है। लेकिन लेकिन नगर निगम और अन्य संबंधित विभागों की लापरवाही के कारण विभिन्न राजनेतिक दलों के नेताओं द्वारा सरेआम कहीं भी सरकारी सम्पत्तियों पर अपने विज्ञापन के बोर्ड लगा दिए जाते हैं। लेकिन इसके बावजूद नगर निगम अथवा अन्य संबंधित विभागों की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। जिसके कारण इन राजनेतिक दलों के हौंसले भी बढ़ते चले जाते हैं। सरकार के ज्यादातर चौराहों, सड़कों के डिवाइडरों पर लगे स्ट्रीट लाइट के खम्बों, राष्ट्रीय राजमार्ग और यहां तक निर्माणाधीन मुम्बई एक्सप्रेस वे भी राजनेताओं के विज्ञापन संबंधित बोर्डो से अछूता नहीं है। मुम्बई एक्सप्रेस वे पर बनने वाले फ्लाईओवरों पर विभिन्न राजनेतिक दलों के नेताओं को विज्ञापन संबंधित बोर्ड लगे हुए आम देखा जा सकता है। जिससे जिले में न केवल आदर्श आचार संहिता का उल्लघंन हो रहा है बल्कि इन अवैध विज्ञापनों के कारण सरकार को राजस्व का भी भारी नुकसान हो रहा है। लेकिन सबकुछ जानते हुए भी नगर निगम और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी अपनी आंखें मूंद कर बैठे हुए हैं।
दुर्घटनाओं का खतरा: विज्ञापन संबंधित बोर्डो और होर्डिंग्स के कारण अक्सर सड़क दुर्घटनाएं भी हो जाती है। क्योंकि यह विज्ञापन वाहन चालकों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। जिसे ध्यान में रखते हुए अदालत ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर विज्ञापन के बोर्ड और होर्डिंग्स लगाने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया हुआ है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिर्फ अस्पताल के दिशा सूचक अथवा अन्य आपातकालिन सेवाओं नम्बरों के बोर्ड ही लगाए जा सकते हैं। लेकिन दिल्ली के बदरपुर सीमा से लेकर होडल तक राष्ट्रीय राजमार्ग पर जगह जगह अवैध रूप से विज्ञापन संबंधित बोर्डो को लगा हुआ आम देखा जा सकता है। जिनकी वजह से हर समय सड़क दुर्घटनाओं का खतरा भी बना रहता है। लेकिन इसके बावजूद संबंधित विभाग इस ओर कोई कदम उठाने की जरूरत महसूस नहीं कर रहे हैं।