धीरदोका गांव में मुआवजे को लेकर पिछले 5 महीने से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | नूंह जिले के आईएमटी रोजकामेव स्थित धीरदोका गांव में मुआवजे को लेकर पिछले 5 महीने से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे 9 गांवों के किसानों ने मंगलवार को एक बार फिर से महापंचायत बुलाई। इस महापंचायत में किसानों ने निर्णय लिया कि प्रशासन को 35 दिनों का दिया समय पूरा हो गया, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई जवाब नहीं आया। वहीं ऐसे में किसानों ने आईएमटी रोजकामेव में चल रहे विकास कार्य को बंद करने का निर्णय लेते हुए एचएसआईआईडीसी के ऑफिस पर धरना देने के लिए किसानों ने कूच कर दिया। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष रवि आजाद की अगुवाई में किसान आईएमटी रोजकामेव में चल रहे विकास कार्य को बंद करने पहुंचे।
नूंह जिला के आईएमटी रोजका मेव में मंगलवार को किसानों और प्रशासन के बीच टकराव की स्थिति देखी गई। हजारों की संख्या में किसान, महिलाओं व बच्चों के साथ पहुंचे और प्रदर्शन कर रोष जताया। करीब 3 घंटे तक किसानों द्वारा प्रदर्शन के बाद नूंह एसडीएम विशाल और एचएसआईआईडीसी के अधिकारियों के साथ किसानों की बैठक हुई। करीब 1 घंटे की मीटिंग के बाद प्रशासन द्वारा 23 अगस्त को चंडीगढ़ या दिल्ली में सीएम के प्रधान सचिव के साथ मीटिंग रखने की बात कही गई। किसानों का धरना अभी धीरधोका में चलेगा। अगर मांग मान ली जाएगी तो ठीक है नहीं तो फिर किसान अपने धरने को आईएमटी कार्यालय पर 23 अगस्त के बाद चलाएंगे। जमीन के मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने अपने धरनास्थल पर पहले गांव धीरदोका में महापंचायत की इसके बाद इंडस्ट्रियल मॉडल टाउनशिप (आईएमटी) रोजकामेव में काम रोका। इसके बाद किसान धरनास्थल से उठ कर हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एचएसआईआईडीसी) के दफ्तर पहुंच गए और वहां धरना दिया। इस दौरान काफी संख्या में महिलाएं और पुरुष पहुंचे। इसको देखते हुए पुलिस बल भी तैनात किया गया है। बता दें कि नूंह जिला के आईएमटी रोजकामेव स्थित धीरदोका गांव में मुआवजे को लेकर पिछले 5 महीने से किसानों का अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। 9 गांवों के किसानों ने मंगलवार को एक बार फिर महापंचायत बुलाई। इस महापंचायत में किसानों ने कहा कि प्रशासन को दिया गया 35 दिनों का समय पूरा हो गया, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। इसके बाद किसान व महिलाएं एचएसआईआईडीसी के ऑफिस के आगे पहुंच गए। इस मौके पर किसान नेता रवि आजाद ने प्रशासन को किसानों की मांगों के बारे में जानकारी दी। आईएमटी रोजकामेव के लिए 9 गांव खेड़ली कंकर, मेहरोला, बडेलाकी, कंवरसीका, रोजकामेव, धीरदोका, रूपाहेड़ी, खोड (बहादरी) और रेवासन के किसानों की साल 2010 में 1600 एकड़ जमीन अधिग्रहण की गई थी। उस दौरान जमीन को सरकार द्वारा 25 लाख रुपए का मुआवजा देकर प्रति एकड़ अधिग्रहण किया गया था, लेकिन इसके बाद सरकार ने फरीदाबाद के चंदावली, मच्छगर गांवों की जमीन को भी अधिग्रहण किया। यहां के किसानों ने कोर्ट में याचिका दायर कर जमीन को सस्ते दामों में सरकार पर लेने का आरोप लगाकर मुआवजा बढ़ाने की मांग की थी। जिस पर कोर्ट ने किसानों को प्रति एकड़ 2 करोड़ की राशि देने के आदेश दिए थे। इस दौरान जब 9 गांवों के किसानों को पता चला कि इन गांवों के किसानों को 2 करोड़ प्रति एकड़ मिले हैं तो उन्होंने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। 46 लाख मुआवजा देने की बात कहीं, दिया 21 लाख ही इस पर सरकार ने किसानों से बातचीत करते हुए उनकी जमीन को 46 लाख रुपए प्रति एकड़ देने की बात कही और उनसे एफिडेविट पर साइन करा लिए, ताकि किसान कोर्ट में ना जा सके। सभी किसानों को 21-21 लाख रुपए देकर कहा कि आगे आपको 25-25 लाख रुपए ओर दे दिए जाएंगे, लेकिन आज तक भी किसानों को 25-25 लाख रुपए नहीं दिए गए हैं। इस दौरान नूंह के एसडीएम विशाल ने बताया कि 23 अगस्त को किसानों की सीएम नायब सैनी के प्रधान सचिव से मीटिंग होगी। किसानों की इस समस्या का जल्द समाधान कराया जाएगा। इस मौके पर मुख्य रूप से इनेलो के कार्यकारी जिला प्रधान हाजी सोहराब कंकर खेड़ी, इनेलो नेता तैय्यब हुसैन घासेडिया, हाफिज सिराजुद्दीन, जाहिद हुसैन, दीनमोहम्मद नंबरदार, तैय्यब हुसैन, उसमान, इरफान, मुफीद, रज्जाक, खुर्शीद, आसा, मोहम्मद एसपी, आसिफ, हाजी शरीफ, मुबारिक, हाजी आसा, अंजुम पार्षद, जानमोहम्मद, हाजी रफीक, सब्बीर, हाजी शमशु, हाजी आसमोहम्मद नंबरदार सहित अन्य किसान मौजूद रहे।