वक्फ कानून (संशोधन) बिल वक्फ बोर्ड को कमजोर करने कि साजिश-साबिर कासमी

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City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | केन्द्र सरकार द्वारा वक्फ कानून (संशोधन) बिल को संसद मेें पेश किए जाने के बाद उसे संयुक्त संसदीय समिति को भेजे जाने व मुस्लिम समुदाय पर उससे पड़ने वाले असर पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए समाज सेवी एंव मुस्लिम इशूज पर कड़ी नजर रखने वाले साबिर कासमी ने कहा कि यह संशोधित बिल मुस्लिम समुदाय के हित मेें नहीं है तथा यह असंवैधानिक, मुस्लिमविरोधी एवं विभाजनकारी है। उन्होंने आगे कहा कि 1995 मेें जब वक्फ अधिनियम बनाया गया था तब मुस्लिम समुदाय से सरकार द्वारा व्यापक स्तर पर संवाद कर वक्फ संपत्तियों के मामले मेें होने वाली परेशानियों को दूर करने का उचित प्रयास किया गया था। उसके बाद वक्फ संपत्तियों को लेकर फिर कु छ मसाइल उठे तो उनका भी उचित समाधान करने के लिए 2013 मेें वक्फ अधिनियम 1995 मेें संशोधन भी किया गया था परन्तु वह संशोधन वक्फ संपत्तियों के रख रखाव व संचालन के हित मेें था इसलिए उसका सभी ने स्वागत किया था। हम किसी भी कानून मेें संशोधन के खिलाफ नहीं हैैं परन्तु कोई भी कानून बने या किसी कानून मेें संशोधन किया जाए तो उससे प्रभावित होने वाले संबंधित वर्गगों से सरकार द्वारा संवाद किया जाना चाहिए तथा उनके सुझावों, परेशानियों, समस्याओं, हितों आदि पर विचार करते हुए संशोधन प्रस्ताव तैयार करना चाहिए। उन््होोंने आगे कहा कि अब यह बिल संयुक्त संसदीय समिति को भेज दिया गया है तथा संसदीय समिति का गठन भी हो गया है जिसमेें लगभग सभी दलों के सदस्य हैैं अतः उम्मीद है कि इस मामले मेें व्यापक विचार विमर्श कर उचित समाधान निकाला जाएगा। इस मामले मेें उन्होेंन यह भी सुझाव दिया किसंयुक्त संसदीय समिति द्वारा वक्फ संपत्तियों के रख रखाव,उचित प्रबंधन एवं संचालन के लिए मुस्लिम समुदाय द्वारा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समित की तर्ज पर व्यवस्थथा किए जाने पर भी विचार किया किया जाना चाहिए।

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