प्रशासन के लाख के दावों के बाद भी नहीं हो पाई पानी की निकासी की व्यवस्था, लग रहा जाम

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बरसात बनी आफत, जलमग्न हुआ शहर
City24news/ब्यूरो
फरीदाबाद। प्रदेश सरकार लोगों को सुविधाएं देने के लिए पैसा पानी की तरह बहा रही है। लेकिन संबंधित विभागों के अधिकारी योजनाओं को अमलीजामा पहनाने की बजाए सिर्फ दावें कर अपना कर्तव्य पूरा कर रहे हैं। शहर में जरा सी बरसात आते ही पहले ही शहर की हालत बद से बदतर हो जाती थी। लेकिन अब रही सही कसर विभिन्न विभागों द्वारा करवाए जा रहे विकास कार्यों ने पूरी कर दी है। विकास के नाम पर शहर को खोद कर डाल दिया है। जिससे आम दिनों में तो लोगों को परेशानी होती ही थी। लेकिन अब बरसात आने पर स्थिति बद से बदतर हो चुकी है। जगह जगह अधूरे काम और खोदी गई सड़कों के कारण बरसात में लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। शहर के लोग सीवर ओवरफ्लो की समस्या से पहले ही काफी परेशान हंै। अब बरसात के कारण शहर की तमाम सड़के जलमग्न हो गई हैं। लापरवाही से किये गए विकास के कारण शहर में बरसाती पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। संबंधित विभागों की लापरवाही के कारण बरसात शहर के लोगों के लिए आपदा बनकर आती है।

मुसीबत लेकर आती है बरसात: बरसात आते ही अन्य शहरों के लोगों के चेहरे खिल उठते हैं। लेकिन नगर निगम और अन्य विभागों की लापरवाही के कारण शहर में बरसात किसी आपदा से कम साबित नहीं होती। जरा सी बरसात आते ही शहर में चारों तरफ पानी भरना शुरू हो जाता है। बरसात के नाम से ही शहर के लोगों के चेहरे मुरझाने लगते हैं। रविवार और सोमवार की शाम को हुई बरसात ने शहर की हालत एक बार में ही बिगाड़ कर रख दी है। शहर के विभिन्न इलाकों में सड़कों पर हुए जलभराव की वजह से वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। यहां तक कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर खासकर चौराहों पर पानी भरने से दिनभर जाम की स्थिति बनी रही। राष्ट्रीय राजमार्ग पर बसों से लेकर बाइक सवार के अलावा पैदल यात्री भी पानी भरने से परेशान हो गए। बसे पानी भरने से खराब हो गई।

अधूरे विकास से परेशानी: पानी की निकासी की व्यवस्था करने के लिए शहर में करोड़ों रुपये भी खर्च किये गए हैं। लेकिन निर्माण करने वाले विभागों की लापरवाही से सरकार का पैसा व्यर्थ हो चुका है। बरसाती पानी की निकासी के लिए करोड़ों रुपये की स्टॉर्म वॉटर लाइनें डाली गई हैं। ज्यादातर लाइनें ठप पड़ी हुई हैं। कई स्टॉर्म वॉटर लाइनों को सीवर से जोड़ा गया है। सीवर लाइनें पहले ही ओवरफ्लो होती रहती है। नगर निगम और स्मार्ट सिटी द्वारा बरसाती पानी की निकासी के लिए कई स्थानों पर करोड़ों रुपये से नालों का निर्माण भी करवाया गया है। लेकिन निर्माण के बाद करीब तीन साल गुजरने पर भी इन नालों को कनेक्ट नहीं किया गया है।

शहर में चारों ओर समस्याएं: समाजसेवी विष्णु गोयल का कहना है कि शहर में जहां देखों, वहीं समस्याएं ही नजर आती हैं। एनआईटी 86 विधानसभा क्षेत्र की सडकों और गलियों में सीवर का पानी आए दिन बहता रहता है। बरसात आने पर स्थिति दयनीय हो जाती है। निगम अधिकारियों पर प्रत्यक्ष रूप से अथवा एप में की जानी वाली शिकायतों का कोई असर नहीं पड़ता। यहां तक कि धरने प्रदर्शनों पर भी ध्यान नहीं दिया जाता है। ऐसे में दर्द बताने के लिए आम जनता को अपने चुने हुए जनप्रतिनिधि ही नजर आते हैं। लेकिन फिलहाल करीब 15 से 20 प्रतिशत जनप्रतिनिधि ही एक्टिव नजर आ रहे हैं। अन्य आम जनता से दूरी बनाए हुए हैं। ऐसे में पीड़ित जनता किसके सामने अपना दर्द बयां करें, यह किसी को समझ नहीं आ रहा है।

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