नूंह में 9 गांवों के किसानों की 13 अगस्त को महापंचायत बुलाई
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | नूंह जिले के आईएमटी रोजकामेव स्थित धीरदोका गांव में मुआवजे को लेकर पिछले 5 महीने से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे 9 गांवों के किसानों ने बुधवार शाम 6 बजे प्रेस कांफ्रेंस की। नूंह कमेटी के सदस्य हाफिज सिराजुद्दीन ने कहा कि 4 जुलाई को प्रशासन द्वारा मांगा गया 35 दिन का समय 7 अगस्त की शाम तक पूरा हो गया, लेकिन प्रशासन व सरकार की ओर से जबाव नहीं मिला। ऐसे में अब 9 गांवों के किसान 13 अगस्त को महापंचायत बुलाई गई है। इस महापंचायत में
भारतीय किसान यूनियन के बड़े किसान नेता सहित कई जगहों से
कई राज्यों से किसान नेता भी पहुंचेंगे। इस महापंचायत में अब किसान आईएमटी रोजकामेव में चल रहे सभी कार्यों को बंद कराएंगे। जिस तरह से प्रशासन व सरकार हमारी नहीं सुन रहीं। अब किसान भी किसी की भी नहीं सुनेंगे। 13 अगस्त को किसान और प्रशासन आमने-सामने होंगे। बीते 27 जुलाई को किसानों ने सरकार को जगाने के लिए ट्रैक्टर यात्रा भी निकाली,लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई।
बता दें कि आईएमटी रोजकामेव के लिए 9 गांव खेड़ली कंकर, मेहरोला, बडेलाकी, कंवरसीका, रोजकामेव, धीरदोका, रूपाहेड़ी, खोड (बहादरी) और रेवासन के किसानों की वर्ष 2010 में 1600 एकड़ अधिग्रहण की जमीन की गई थी। उस दौरान किसानों की जमीन को सरकार द्वारा 25 लाख रुपए का मुआवजा देकर प्रति एकड़ अधिग्रहण किया गया था, लेकिन इसके बाद सरकार ने फरीदाबाद के चंदावली, मच्छगर गांवों की जमीन को भी अधिग्रहण किया। वहां के किसानों ने कोर्ट में याचिका दायर कर अपनी जमीन को सस्ते दामों में सरकार पर लेने का आरोप लगाकर मुआवजा बढ़ाने की मांग की थी, जिस पर कोर्ट ने किसानों को प्रति एकड़ 2 करोड़ की राशि देने के आदेश दिए थे। इस दौरान जब 9 गांवों के किसानों को पता चला कि उक्त गांवों के किसानों को 2 करोड़ प्रति एकड़ मिले हैं तो उन्होंने भी लंबी लड़ाई लड़कर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। जिस पर सरकार ने किसानों से बातचीत करते हुए उनकी जमीन को 46 लाख रुपए प्रति एकड़ देने की बात कही और उनसे एफिडेविट पर साइन करा लिए, ताकि किसान कोर्ट में ना जा सके और सभी किसानों को 21- 21 लाख रुपए देकर कहा कि आगे आपको 25-25 लाख रुपए ओर दे दिए जाएंगे, लेकिन आज तक भी किसानों को 25-25 लाख रुपए नहीं दिए गए हैं।