बीके अस्पताल : कर्मचारियों की मनमानी से मरीज परेशान

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जगह-जगह मनमाने ढंग से बंद कर देते हैं अस्पताल के रास्ते
City24news/ब्यूरो
फरीदाबाद। बीके सिविल अस्पताल में किए जा रहे बदलाव से मरीजों को परेशानी हो रही है। अस्पताल के अपातकालीन कक्ष से ओपीड़ी जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया गया। जिससे दिव्यांगजनों, नेत्रहीन मरीजों और स्टेÑचरों पर ले जाने वाले परिजनों को परेशानी हुई। अपातकालीन कक्ष का दरवाजा लगाने का कारण किसी को नहीं पता था। करीब एक हफ्ते से अपातकालीन कक्ष में मौजूद गेट को सुबह आठ से दोपहर दो बजे के बाद गेट को बंद कर दिया गया हैं। वहीं अपातकालीन कक्ष के सामने दोनों रास्तों पर रस्सियों के माध्यम से बंद कर दिया गया है।

जानकारी के मुताबिक अस्पताल में अपातकालीन कक्ष के सामने पहले ही रस्सी बांधकर रास्ता बंद है। अब कर्मचारियों ने अपातकालीन कक्ष से ओपीड़ी, वार्ड और पंजीकरण के लिए कमरा नम्बर 40 में जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया हैं। ऐसे में यहां आने वाले लोगों को अपातकालीन कक्ष से बाहर से निकलकर बाहर के रास्ते से उक्त स्थानों पर जाना पड़ा। जिससे मरीजों व तीमारदारों को खासी परेशानी हो रही है। अपातकालीन कक्ष के सामने एम्बुलेंस व अन्य वाहनों के होने से उन्हें निकलने में परेशानी हुई। ऐसा ही नेत्रहीन व दिव्यांग मरीज काफी परेशान थे। नेत्रहीन मरीज को अपातकालीन कक्ष से ओपीड़ी के कमरा नम्बर 19 में भेजा गया। जहां वह बाहर निकलकर ओपीड़ी पहुंचे। वहीं ट्रैक्टर की चपेट में आए दो बच्चों में से एक की मौत होने पर बच्ची को घायलवास्था में बच्ची का पिता गोद में उठाकर माइनर ओटी में पहुंचा, वहां से ड्रेसिंग करवा कर बच्ची को रस्सी पार करके अपातकालीन कक्ष के चिकित्सक कक्ष में पहुंचे, ऐसे में उन्हें परेशानियां हुई।

यह रास्ते बंद : अपातकालीन कक्ष के सामने से ओपीड़ी जाने वाला रास्ता रस्सी बांधकर पहले ही बंद है। यहां से गुजरने वाले बुजुर्ग, गर्भवती और अन्य मरीजों व तीमारदारों को झुककर जाना पड़ता है। वहीं इस बंद रास्ते के बाद यहां से निकलने के लिए यदि अपातकालीन कक्ष के सामने रास्ता वाहन और एम्बुलैंसों से घिरा रहता है। वहीं यहां भी रस्सी लगाकर बंद किया हुआ है। अपातकालीन कक्ष के भीतर यदि दूसरे गेट से ओपीडी में जाने का प्रयास करें तो उसे भी बंद कर रखा है। इस गेट का उपयोग आपातकालीन कक्ष से ओपीडी की गैलरी में कमरा नम्बर 40 में कार्ड पंजीकरण, कमरा नम्बर 38 की माइनर ओटी या मरीजों को जांच करवाने व वार्ड में ले जाने के लिए करते है। भर्ती हुए मरीजों के तीमारदारों को अपातकालीन कक्ष से बाहर निकलकर अन्य रास्ते से अंदर जाकर कार्ड का रजिस्टेÑशन करवाना पड़ा। प्रथम तल पर मौजूद प्रसुति वार्ड में जाने वाली अपातकालीन कक्ष से सामने मौजूद सीढिय़ों का गेट भी बंद है। वहीं बीके अस्पताल में मौजूद पीछे का रास्ता, जोकि केएल मेहता मार्ग से अंदर आता है, वह भी बंद है। वहीं अपातकालीन कक्ष के सामने वाले रास्तों को भी रस्सियों के जरिये बंद कर रखा है, ऐसे में यहां मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है।

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