मूल प्रवाह अखिल भारत नेपाली एकता समाज का सम्मेलन

0

City24news/निकिता माधौगढ़िया
रेवाड़ी| मूल प्रवाह अखिल भारत नेपाली एकता समाज रेवाड़ी नगर समिति का सातवां नगर सम्मेलन भव्यता के साथ सम्पन्न हुआ। नेपाल की कला और संस्कृति पर केंद्रित कलाकारों ने गीत, संगीत और नृत्य प्रस्तुत कर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। सभी कलाकारों को नगर समिति की ओर से अतिथियों के माध्यम से सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए प्रमुख अतिथि के रूप में बोलते हुए समिति के केंद्रीय सदस्य एवम पश्चिमोत्तर क्षेत्रीय समिति अध्यक्ष शालिकराम आचार्य ने कहा कि मूल प्रवाह अखिल भारत केंद्रीय समिति के दिशा निर्देश पर देश भर में नगर समिति के सम्मेलन आयोजित कर रहे हैं। इसके माध्यम से भारत में रह रहे नेपाल की जनता के साथ प्रत्यक्ष रूप से मुलाकात करते हुए सामुहिक एकता का संदेश दे रहे हैं। प्रवास में रह रहे नेपाली नागरिकों के लिए मतदान का अधिकार और समानुपातिक प्रतिनिधित्व के लिए संघर्ष करें, भारत स्थित नेपाली नागरिकों के अधिकार और सामाजिक सुरक्षा के लिए संगठित बनें संदेश के साथ भारतव्यापि रूपमें लोगों से आह्वान करते हुए नगर समिति को सशक्त बनाते हुए नई कार्यकारिणी का गठन कर रहे हैं। नेपाल और भारत के नागरिकों के बीच हमेशा से ही सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और भावनात्मक संबंध रहे हैं। आज भी भारत में करीब 60 लाख से अधिक नेपाल के नागरिक विभिन्न क्षेत्रों से जुड़कर जीवन यापन कर रहे हैं। कोई नौकरी कर रहा है तो कोई व्यापार और कोई शिक्षा अर्जन कर रहे हैं। पिछले कुछ सालों से नेपाल के नागरिकों का भारत में रोजगार के लिए आना कम हो गया है। इसी प्रकार भारत के नागरिक भी नेपाल में विभिन्न व्यापार, रोजगार और शिक्षा अर्जन कर रहे हैं। ऐसे में यहां की जनसंख्या के हिसाब की तुलना में नेपाल कमजोर है लेकिन प्राकृतिक संसाधनों, संपदाओं, धार्मिक महत्व के हिसाब से नेपाल की अपनी अलग पहचान है। राजनीतिक दलों ने दोनों देशों की जनता और संसाधनों का अपने स्वार्थ के चलते उपयोग किया है। यही कारण है कि नेपाल विभिन्न सम्पदाओं और ऐतिहासिक धरोहर के बाद भी गरीब देश की श्रेणी में जाना जाता है। करीब 250 साल के राजतंत्र से मुक्त होने के करीब दो दशक बीतने पर भी देश का उम्मीद के अनुरूप विकास नहीं हो पाया है। राजनीतिक अस्थिरता और अधिकांश युवा जनसंख्या का रोजगार और भविष्य निर्माण के लिए विदेशों में पलायन होना एक कारण है। भारत और नेपाल के बीच 1950 की संधि के तहत दोनों देशों का एक दूसरे के यहां आवागमन करने के प्रावधान के चलते यह संभव हो रहा है। इसमें व्यवहारिक रूप से पालन करने के लिए मूल्यांकन करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए  केंद्रीय समिति सदस्य बिक्रम राणा ने कहा कि भारत व्यापी रूपमें हम संगठित होकर ही हम अपनी पहचान बना सकते हैं। रेवाड़ी ही नही देश भर नेपाल के नागरिकों अधिकारों की बात करते हैं तो मूल प्रवाह अखिल भारत नेपाली एकता समाज को अभिवावक के रूप में पहचाना जाता है। रेवाड़ी के नागरिकों के अभिभावक के रूप में अलग पहचान बनाए हुए रेवाड़ी नगर समिति की नई टीम नए उत्साह के साथ नरेवाड़ी में रह रहे नेपाल के नागरिकों के लिए निस्वार्थ भाव से एकजुटता के साथ काम करेगी ऐसी कामना करते हैं। इस मौके पर नगर परिषद के पूर्व कार्यकारी अधिकारी मनोज यादव ने अन्य अतिथि के रूप में कहा सकारात्मक सोच के साथ जो समाज आगे बढ़ता है वह हमेशा तरक्की करते हैं। उन्होंने कानूनई अधिकारों के प्रति जागरूक करते हुए अपनी ओर से हर सम्भव सहयोग करने का आश्वाशन दिया। इस मौके पर क्षेत्रीय कोषाध्यक्ष र प्रसाद घिमिरे, अखिल भारत नेपाली विद्यार्थी संघ की क्षेत्रीय सदस्य मनीषा परियार, कलाकार टीम की ओर से भूप बहादुर, भिवाड़ी से काजी राम श्रेष्ठ, नीमराना से रोम पूण, भिवानी से दिल बहादुर भटराई, महिला विभाग की हस्तो देवी, आरएसओ रमेश वशिष्ठ आदि ने भी शुभकामनाएं दीं।

सम्मेलन ने रामबहादुर खड़का की अध्यक्षता में 15 सदस्यीय रेवाड़ी नगर समिति का चयन किया है। इसमें देवेंद्र केसी उपाध्यक्ष, हिमलाल अधिकारी सचिव, रितिका बस्नेत सह सचिव, जोग बहादुर आले कोषाध्यक्ष, सदस्यों में बिष्णु प्रसाद भंडारी, प्रेम अधिकारी, शांति सिंह 

 सदस्य चुने गए। वहीं जसवंत सिंह, लक्ष्मण श्रेष्ठ,  वीना रेश्मी वैकल्पिक सदस्य, सल्लाहकार के रूप में संदीप सोनी, माया थापा व ज्ञान प्रसाद चयनित हुए। 

इस मौके पर महिला विभाग का भी गठन किया गया। इसमें शांति सिंह के संयोजकत्व में 13 सदस्यीय सदस्यों में  बसन्ती सिंह, लक्ष्मी सिंह, रितिका बस्नेत, बिमला बस्नेत, चन्दा अधिकारी, बसन्ती सिंह,  लक्ष्मी सिंह, चन्दा अधिकारी, उर्मिला सोनी, गंगा श्रेष्ठ, वीना रेशमी, माया थापा, मीना शर्मा, सुषमा खड़का, माया शर्मा सदस्य के रूप में चयनित हुए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *