आयुष्मान कार्ड के लिए इम्पैनल्ड हॉस्पिटल्स और आईएमए के लेनदेन के भंवर में फंसती नजर आ रही है सरकार
City24news/ज्योति खंडेलवाल
पलवल | प्राइवेट हॉस्पिटल्स द्वारा किये गए आयुष्मान कार्ड होल्डर्स के इलाज के बकाया का भुगतान न होने के चलते एक बार फिर आईएमए और प्राइवेट हॉस्पिटल एक जुलाई से आयुष्मान कार्ड होल्डर्स का इलाज करने से मना करते हुए हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है जिसको लेकर पलवल जिला सामान्य हॉस्पिटल में स्वास्थ्य विभाग और इम्पैनल्ड हॉस्पिटल संचालकों और आईएमए की बैठक चल रही है। आईएमए और प्राइवेट हॉस्पिटल संचालकों का कहना है की हमारी मार्च में हुई वार्ता में सरकार ने कुछ बातों पर सहमति जताई है लेकिन हमारा करीब 200 करोड़ का भुगतान सरकार पर बकाया है अगर जिसके चलते सरकार को एक जुलाई तक का अल्टीमेटम दिया गया है। पलवल सामान्य अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीयों के साथ बैठक में मौजूद आईएमए के प्रधान गुलशन अरोड़ा और प्राइवेट हॉस्पिटल्स की तरफ से प्रतिनिधि डॉक्टर मेहरचंद सेहरावत ने बताया की आईएमए ने फैसला लिया है की एक जुलाई से प्राइवेट हॉस्पिटल आयुष्मान कार्ड होल्डर्स का इलाज बंद करने जा रहा है। इसके लिए सरकार को अल्टीमेटम दिया गया था। सरकार ने हमारी क्या क्या मांगे मानी हैं कौन सी मांगे पेंडिंग हैं इसके लिए उनकी सरकारी हॉस्पिटल में तैनात आयुष्मान योजना के नोडल अधिकारी भूपेंद्र सिंह के साथ मीटिंग जारी है सरकार ने हमारी किन मांगों को माना है उनके बारे में जो नोडल अधिकारी बताएँगे उनके बारे में हम अपनी स्टेट बॉडी को अवगत कराएंगे उसके बाद स्टेट बॉडी जो फैसला लेगी उसी के अनुरूप कार्य करेंगे और एक जुलाई से हड़ताल का फैसला लिया जायेगा तो पलवल में जितने आयुष्मान पैनल में शामिल हॉस्पिटल हैं वो आयुष्मान कार्ड होल्डर्स का इलाज नहीं करेंगे।सरकार के पास हॉस्पिटल्स का करीब 200 करोड़ रुपये बकाया और डिडक्शन भी ज्यादा की जा रही है जिसके चलते अल्टीमेटम दिया गया है।
वहीँ सामान्य अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर व् आयुष्मान विभाग के नोडल अधिकारी भूपेंद्र सिंह ने बताया की उनकी मीटिंग चल रही है जसिके माध्यम से आयुष्मान के प्रति जो त्रुटिया थी जिनमे से अब कुछ को दुरुस्त कर दिया गया है इस मीटिंग में उनके बारे में जानकारी दी जा रही है और हड़ताल का फैसला तो आईएमए लेगी इसके बारे में ज्यादा जानकारी आईएमए ही देगी।
वहीँ अगर बात करें आयुष्मान कार्ड होल्डर्स की तो उनका कहना है की यह सरकार की गरीबों के लिए अच्छी योजना थी जिसे गरीबो के इलाज के लिए बनाया गया था लेकिन अब प्राइवेट हॉस्पिटल्स ने इलाज के लिए मना कर दिया है क्योंकि सरकार ने उनके बकाया बिलों का भुगतान नहीं किया इसलिए सरकार को चाहिए की प्राइवेट हॉस्पिटल्स का जल्द भुगतान करें ताकि गरीबों को इलाज मिल सके। उनका कहना है की अब प्राइवेट हॉस्पिटल्स ने इलाज के लिया मना कर दिया है।