जिले में 23 ग्राम पंचायतों का टीबी मुक्त किया चुनाव : सीईओ

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टीबी मुक्त ग्राम पंचायतों के सरपंचों को सम्मान पत्र व महात्मा गांधी की कांस्य प्रतिमा देकर किया सम्मानित : अमित कुमार 
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग, नूँह की तरफ से वीरवार को डीआरडीए हॉल नूंह में टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत टीबी मुक्त ग्राम पंचायतो को सम्मानित किया गया। जिले की 23 ग्राम पंचायतो को प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत सम्मानित किया गया। इस उपलब्धि पर सीईओ जिला परिषद अमित कुमार के द्वारा ग्राम पंचायतों के सरपंचों सम्मान पत्र और महात्मा गांधी जी की कांस्य प्रतिमा देकर सम्मानित किया गया।                                                                                          सीईओ अमित कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने के संकल्प को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय क्षयरोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत नूंह जिले में 23 टीबी मुक्त ग्राम पंचायर्तों का चुनाव किया गया है, इन ग्राम पंचायतों में टीबी का एक भी मरीज न होने पर इन्हे टीबी मुक्त घोषित किया गया है। ग्राम पंचायतों की टीबी मुक्त की घोषणा से पूर्व कई मानकों की जांच की गई। इस क्रम में प्रत्येक ग्राम पंचायत में प्रति हजार आबादी पर 30 संभावित मरीजों की जांच, प्रति हजार की आबादी पर एक टीबी मरीज का पंजीकरण होने पर, कम से कम 80 प्रतिशत से अधिक ठीक हुए टीबी मरीजों की ड्रग सेंसिटिव (डी.एस.) की जांच 100 प्रतिशत निक्षय पोषण योजना से लाभान्वित तथा 100 प्रतिशत निक्षय मित्र योजना से जोडक़र टीबी मुक्त ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है। 

  इस अवसर पर उप सिविल सर्जन नूंह डा. विशाल सिंगला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान चलाकर लोगों को प्रोत्साहित कर रहे है। उन्होंने सम्मानित होने वाली ग्राम पंचायतो से आह्वान किया कि वे इस टीबी मुक्त गांव का दर्ज बरकरार रखें और वर्ष 2025 तक देश से टीबी को खत्म करने में शत-प्रतिशत योगदान दें। 

  जिला क्षय रोग अधिकारी डा.प्रवीण राज तंवर ने बताया कि टीबी मुक्त पंचायत एक नई पहल है जिसका उद्देश्य पंचायती राज संस्थानों को टीबी से जुड़ी समस्याओं की महत्ता और व्यापकता का एहसास करने, इन समस्याओं को दूर करने की दिशा में आवश्यक कार्रवाई करने, टीबी को खत्म करने के लिए पंचायतों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा पैदा करने और सार्वजनिक रूप से उनके योगदान की सराहना करने के लिए सशक्त बनाना है।

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