प्रदेश का पिछड़ा मुस्लिम बाहुल्य जिला नूंह(मेवात) गौतस्करों का गढ़ बन गया

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City24news/अनिल मोहनिया
नूंह| हरियाणा प्रदेश का पिछड़ा मुस्लिम बाहुल्य जिला नूंह(मेवात) गौतस्करों का गढ़ बन गया हैं और यहां प्रतिबंधित मांस की बिक्री होना आम बात है। हैरानी की बात यह देखने को मिल रही है कि यहां पहाड की तलहटी में बसे दर्जनों गांवों में गाय की मंडियां लगाई जाती है तथा बडे़ पैमाने पर गौ हत्या की जा रही है। जिला के गांव पंचगांव, घासेडा, सूडाका, पल्ला, बाई, फिरोजपुर नमक, कोलगांव, सलंबा, अडबर, रिठठ, नांगल मुबारिकपुर, रेहना के अलावा नूंह शहर के वार्ड नं-3 व आसपास बसी कॉलोनियों में गौकसी की घटनाएं आम हो गई है। प्रतिबंधित मांस को मोबाईल पर होम डिलिवरी भी किया जाता हैं और सुबह से ही मोटरसाइकिल पर काली पोलिथीन में मांस को भरकर घर-घर ,गांव-गांव डिलीवरी किया जाता है। जबकि 2015 में सरकार ने गौसंवर्धन व गौंसंरक्षण कानून भी बनाया था लेकिन आरोपी को सजा तक पहुंचते-पहुंचते मामलें दबा दिये जाते हैं और यह कानून प्रभावी नहीं हो पा रहा है। 

हांलाकि, जिला की काऊ टास्क फोर्स एक मिशन के तौर पर ऐसे गौतस्करों पर लगाम लगाने में लगी हुई है। गत दिनों रेवाडी जिला के एक सरपंच सोनू के जिला के फिरोजपुर झिरका क्षेत्र में गौतस्करों ने गोली मारकर घायल कर दिया था जबकि गत वर्ष हुए नूंह दंगों की जननी भी गोतस्करों व गोरक्षकों के बीच वाद-विवाद बताया गया है। वर्तमान में काऊ टास्क फोर्स के इंचार्ज राधे श्याम ने गौतस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई को अंजाम दिया हुआ हैं और गत दिनों तावडू सदर थाना के गांव पंचगांव से दो महिला गौतस्करों को प्रतिबंधित मांस सहित दबौचा गया था तथा हाल ही में नूंह सदर थाना के गांव मेवली से भी एक महिला को प्रतिबंधित मांस सहित दबौचकर मामला दर्ज किया गया तथा जेल की सलाखों में भेजा गया है। जबकि महिला का पति गौतस्करी के कई मामलों में नामजद है।  इस मुददे को कुछ राजनेता वोट बैंक की खातिर गौतस्करों का पूरा साथ देते हुए पुलिस के हाथ कमजोर करने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। जबकि नूंह दंगों में ऐसे नेताओं का हाथ होने के भी आरोप खूब सुर्खियां बटोरे थे। 

वहीं, माना जा रहा है कि गौतस्करों के तार राजस्थान, उत्तरप्रदेश दिल्ली, पंजाब से जुडे़ हुए हैं तथा इनके एजेंट गौवंश को दूध के टैंकर, बडे-बडे वाहनों के अलावा फल-सब्जियों आदि के वाहनों में छिपाकर मेवात भेजते हैं। किसी भी वाद-विवाद होने पर कुछ राजनेता गोतस्करों का पूरा साथ देते हुए मामलें को दबाने के लिए पुलिस पर पूरा दबाव बनाते हैं। मेवात के समीपवर्ती जिलों में हाल ही में कई गोतस्कर दबौचे गये हैं लेकिन इसके बावजूद भी मेवात के नेताओं को यह अपराधी ना दिखकर वोट बैंक नजर आते हैं। 

इस बारे मंे पुलिस ने भी माना कि गांव पंचगांव व मेवली से महिलाएं प्रतिबंधित मांस के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजी गई है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में बताया कि जिला में राधे श्याम के नेतृत्व में उनकी टीम बेहतर कार्य कर रही है। 

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