गाजीपुर कूड़े के पहाड़ आग मामले में एनजीटी का ऐक्शन
City24News@ भावना कौशिश
नई दिल्ली । गाजीपुर लैंडफिल साइट पर लगी भयानक आग के बाद, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने प्रदूषण के बढ़ने के मामले पर कार्यवाही शुरू की है। ट्रिब्यूनल ने लैंडफिल साइट से संबंधित आदेशों की अनदेखी के सवाल उठाए हैं और इस संदर्भ में संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है।
आदेश के बाद भी कोई सुधार नहीं
गाजीपुर लैंडफिल साइट पर पर्यावरण संबंधी समस्या लंबे समय से बनी हुई है। इस लैंडफिल की ऊंचाई 2019 में 65 मीटर थी, जो कि कुतुब मीनार से केवल आठ मीटर कम है। पिछले आदेशों की जांच के दौरान, ट्रिब्यूनल ने देखा कि ऐसी घटनाएं पहले भी कई बार हुई हैं। 2022 में, जब लैंडफिल साइट पर आग लगी थी, तब एनजीटी ने दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी के नेतृत्व में एक कमिटी का गठन किया था, जिसने पर्यावरण संबंधी नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाने का सुझाव दिया था। मौजूदा बेंच ने पाया कि पिछले आदेश के बावजूद स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है, और आग लगने की घटनाएं बार-बार हो रही हैं।
इसलिए, एनजीटी ने दिल्ली पल्यूशन कंट्रोल कमिटी (डीपीसीसी) को उसके मेंबर सेक्रेटरी के माध्यम से, एमसीडी को उसके कमिश्नर के रूप में, ईस्ट दिल्ली के डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट (डीएम) को और सेंट्रल पल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) को इस मामले में जांच करने के लिए उनके मेंबर सेक्रेटरी के तौर पर शामिल किया।