अब नहीं उठेंगे भारतीय मसालों पर सवाल
City24News@ भावना कौशिश
नई दिल्ली। सिंगापुर और हॉन्ग कॉन्ग के लिए मसालों की निर्यात पर एमडीएच और एवरेस्ट के मसालों को लेकर सवाल उठने के बाद, भारतीय स्पाइस बोर्ड ने इन दोनों देशों के लिए निर्यात होने वाले मसालों की टेस्टिंग के लिए निर्देश जारी किया है। एथिलीन ऑक्साइड (ETO) की जांच अनिवार्य हो जाएगी और उन दिनों के बाद स्पाइस बोर्ड से सर्टिफिकेट प्राप्त होने पर ही मसाले भेजे जाएंगे।
सरकार एक्शन में
सिंगापुर और हॉन्ग कॉन्ग के बीच उत्पन्न विवाद के बाद, कॉमर्स मिनिस्ट्री ने दोनों देशों के फूड सेफ्टी रेगुलेटरों से प्रतिबंध के पीछे की वजहों की जानकारी मांगी थी। साथ ही, भारतीय दूतावासों से भी अपडेट्स की मांग की गई थी। इसके अलावा, FSSAI देश में मसालों के सैंपल जुटा रहा है। पिछले साल 23 मार्च को जारी सर्कुलर में, बोर्ड ने यूरोपियन यूनियन को निर्यात होने वाले मसालों में ETO की अधिकतम मात्रा की निर्धारण किया था। उसमें करी मसाला, करी पेस्ट, और रेडी टु ईट प्रोडक्ट्स के लिए ETO की अधिकतम मात्रा 0.1 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम बताई गई थी।
सिंगापुर और हॉन्ग कॉन्ग ने कथित तौर पर कीटनाशक ETO होने का हवाला देकर एमडीएच और एवरेस्ट के 4 मसाला प्रोडक्ट्स पर प्रतिबंध लगा दिया था। एवरेस्ट के फिश करी मसाला के अलावा एमडीएच के मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला पाउडर और करी पाउडर पर इन देशों के फूड सेफ्टी रेगुलेटरों ने सवाल उठाए थे। इंटरनैशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर के मुताबिक, ETO से कैंसर होने का खतरा होता है। एवरेस्ट और एमडीएच ने कहा था कि उनके उत्पादों की क्वॉलिटी बिल्कुल ठीक है।