पूजा और यज्ञ सभी ग्रहों के बुरे प्रभावों को समाप्त करता है: संजय शर्मा

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City24news@सुनील दीक्षित 

कनीना | नवरात्र के उपलक्ष्य में महासर स्तिथ दुर्गा माता मंदिर में शतचंडी यज्ञ का पाठ किया जा रहा है | शत चंडी का सातवें दिन पूजा पाठ अर्चना हुई। शतचंडी के मुख्य यजमान मनबीर लाबा, दीपक कुमार, गितांश लांबा, हिताार्थ लांबा, जयक्श लांबा, अदवित लांबा रहे। शतचंडी यज्ञ का आचार्य संजय शास्त्री , आचार्य लालचंद विधिविधान से पूजन करवाया | इस दौरान आयोजित मेले में हजारों श्रधांलुओं ने मंदिर में मत्था टेक मन्नतें मांगी | संजय शास्त्री ने बताया कि रामकुमार लांबा परिवार पिछले 35 वर्षो से धर्मशाला में शत चंडी यज्ञ करवा रहे है। शत चंडी का पाठ प्रभावशाली यज्ञ व अनुष्ठान होता है, जिसमें नवरात्रि के दौरान हर दिन दुर्गा सप्तशती पाठ व मंत्र जाप की शक्ति भी शामिल है। शतचंडी हवन एक विशिष्ट पूजा और यज्ञ है। इसमें दुर्गा सप्तशती मंत्र की शक्ति है और लोग नवरात्रि के दौरान इसका जाप करते हैं। पूजा और यज्ञ सभी ग्रहों के बुरे प्रभावों को समाप्त करता है। नवमी के मौके पर भंडारा व हवन होता है। जिसमें बड़ी संख्या में भक्त लोग हिस्सा लेते है। शत चंडी यज्ञ मंत्रों की ऊर्जा के साथ मिलाकर एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। इससे मन व तन की भी शुद्धि प्रदान होती है। नवरात्रों के समापन पर रामनवमी पर भंडारा व कन्या पूजन होगा। मनबीर लांबा ने बताया कि शतचंडी यज्ञ के समापन पर नवमी बुधवार 17 मार्च को भंडारा व हवन होगा। इस मौके कंजका पूजन के  बाद भंडारा भी होगा।

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