रिश्वतखोर थानेदार को 5 साल की कैद,1 लाख का जुर्माना की हुई सजा ।
शिकायतकर्ता अपने बयानों से मुकरा,वॉयस सैंपल ने पहुंचाया जेल।
मामले में कुल 20 गवाहों की हुई गवाही।
City24news/अनिल मोहनियां
नूंह| नूंह अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप दुग्गल की अदालत ने रिश्वत लेने के दोषी एक एएसआई को 5 साल की कैद और 1 लाख के जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है। मामला वर्ष 2020 का है। मामले की पैरवी कर रहे सरकारी अधिवक्ता कपिल कुमार ने बताया कि दोषी सुरेंद्र एएसआई के खिलाफ शिकायतकर्ता मुबीन निवासी ग्राम निंबाहेड़ी के बयान पर 8 सितंबर 2020 को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 के तहत, पुलिस स्टेशन राज्य सतर्कता ब्यूरो, गुरुग्राम में मामला दर्ज हुआ था। शिकायत में मुबीन ने बताया था कि उनके पास दो हाइवा डंपर हैं। उसके खिलाफ 16 जुलाई 2020 को अवैध खनन का एक मामला तावडू थाना में दर्ज किया गया था। जिसमें उसी गाड़ी को इंपाउंड कर उनका व कुछ लोगों के नाम भी शामिल किए गए थे। जब शिकायतकर्ता की जमानत अर्जी पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित थी तभी एएसआई सुरेंद्र ने उसको अपने मोबाइल फोन से कॉल किया और उसकी इंपाउंड हुई गाड़ी और कुछ लोगों को मुकदमे से निकालने के लिए 20,000 रुपये की मांग की। शिकायतकर्ता मुबीन ने रिश्वत मांगने की शिकायत गुरुग्राम विजिलेंस टीम में कर दी। जिसके बाद विजिलेंस ने एक टीम गठित कर आरोपी एएसआई सुरेंद्र को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। जिसके बाद आरोपी थानेदार को विजिलेंस टीम अपने साथ गुरुग्राम ले गई। जहा उसके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। कपिल कुमार ने बताया कि आरोपी सुरेंद्र शिकायतकर्ता से 50 हजार रुपए पहले ही ले चुका था।
बयानों से मुकर गया मुख्य गवाह
सरकारी अधिवक्ता कपिल कुमार ने बताया कि मामले की सुनवाई अदालत में हुई, जिसमें कुल 20 लोगों की गवाही हुई। इस मामले में खास बात यह रही की मुख्य गवाह शिकायतकर्ता मुबीन अपने बयानों से मुकर चुका था। जिसमें कोर्ट के समक्ष साइंटिफिक एविडेंस पेश किया। अधिवक्ता ने बताया कि आरोपी एएसआई और शिकायतकर्ता द्वारा फोन पर पैसे लेने की बात हुई। वॉइस सैंपल को जांच के लिए मधुबन भेजा गया। मधुबन से जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई और आरोपी का वॉयस सैंपल मैच हुआ। इसके साथ ही लोकेशन को भी मुख्य सबूत माना गया। इन्हीं साक्ष्यों को आधार मानते हुए अतिरिक्त सेशन जज संदीप दुग्गल की अदालत ने एएसआई सुरेंद्र को मंगलवार को दोषी करार देते हुए 5 साल की सजा और एक लाख रूपये का जुर्माना का फैसला सुनाया। दोषी एएसआई सुरेंद्र को अदालत ने जेल भेज दिया है।