नवरात्रि, भारतीय सांस्कृतिक पर्वों में एक महत्वपूर्ण और धार्मिक उत्सव
समाचार गेट/अन्तराम महलोनिया
नई दिल्ली| नवरात्रि, भारतीय सांस्कृतिक पर्वों में एक महत्वपूर्ण और धार्मिक उत्सव है जो नौ दिनों तक चलता है। यह पर्व मां दुर्गा की आराधना के लिए विशेष है, जिसे नौ रूपों में पूजा जाता है। यहां हम नवरात्रों के अवसर पर नौ देवियों से जुड़ी विस्तृत जानकारी प्रस्तुत कर रहे हैं।
- मां शैलपुत्री की पूजा में भक्तों की भरमार: नवरात्रि के पहले दिन, भक्त धरती माता की पुत्री मां शैलपुत्री की पूजा करते हैं। भारत के विभिन्न हिस्सों में लोग इस अवसर पर अपने घरों में मां शैलपुत्री की मूर्ति की स्थापना करते हैं और उनका विशेष पूजन करते हैं। मंदिरों में भी भक्तों की भरमार देखी जा रही है, जहां लोग विशेष पूजा-अर्चना के साथ मां शैलपुत्री को नमन कर रहे हैं।
- मां ब्रह्मचारिणी का विशेष पूजन: दूसरे दिन, नवरात्रि के उत्सव में मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। यह देवी विद्या, ज्ञान, और संयम की प्रतिनिधि मानी जाती हैं। इस दिन कई स्थानों पर भक्तों ने ध्यान और अध्ययन के लिए विशेष यात्राएं आयोजित की जा रही हैं।
- मां चंद्रघंटा की उपासना: नवरात्रि के तीसरे दिन, मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है, जो शक्ति और सौम्यता की प्रतिनिधि हैं। इस दिन कई स्थानों पर देवी के मंदिरों में भक्तों की भीड़ देखी जा रही है, जहां पूजा-अर्चना के साथ ध्यान और भक्ति का विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
- मां कूष्मांडा के प्रसाद का वितरण: नवरात्रि के चौथे दिन, मां कूष्मांडा की पूजा होती है, जिन्हें बलि देने की परंपरा है। इस दिन कई स्थानों पर लोग अपने घरों में भोजन का प्रसाद तैयार करते हैं और उसे देवी को अर्पित करते हैं।
- मां स्कंदमाता की आराधना: पांचवें दिन, नवरात्रि के उत्सव में मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है, जो विजय का प्रतीक मानी जाती है| । इस दिन कई स्थानों पर भक्तों ने ध्यान और ध्यान की प्रक्रिया में अभियान्त्रिकी के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
- मां कात्यायनी की पूजा और अर्चना: छठे दिन, मां कात्यायनी की पूजा की जाती है, जो संतान सुख की देवी मानी जाती हैं। इस दिन कई स्थानों पर लोग मां कात्यायनी की मूर्ति का पूजन करते हैं और अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने की कामना करते हैं।
- मां कालरात्रि का उत्सव: सातवें दिन, मां कालरात्रि की पूजा की जाती है, जो शक्ति के संकटों को दूर करने वाली मानी जाती हैं। इस दिन कई स्थानों पर लोग रात्रि में मां कालरात्रि की मूर्ति का विशेष पूजन करते हैं और विशेष प्रसाद का वितरण करते हैं।
- मां महागौरी की आराधना: आठवें दिन, नवरात्रि के उत्सव में मां महागौरी की पूजा की जाती है, जो शुभ और सौम्य स्वरूप हैं। इस दिन कई स्थानों पर भक्तों ने मां महागौरी की मूर्ति के सामने भक्ति और आराधना का कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
- मां सिद्धिदात्री का विशेष पूजन: नौवें और अंतिम दिन, नवरात्रि के उत्सव में मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है, जो सिद्धि और संपत्ति की देवी मानी जाती हैं। इस दिन कई स्थानों पर लोग मां सिद्धिदात्री की मूर्ति के सामने ध्यान और आराधना का कार्यक्रम आयोजित करते हैं और भक्तों को प्रसाद वितरित करते हैं।
नवरात्रि के उत्सव में नौ देवियों की पूजा और आराधना करने से लोग आनंद, शांति, और समृद्धि की प्राप्ति की कामना करते हैं। यह उत्सव धार्मिक और सामाजिक एकता का प्रतीक है और लोगों को साथ मिलकर इसे मनाने का अवसर प्रदान करता है। नवरात्रि के उत्सव में भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर को संजोकर रखने का भी यह अवसर है।