निर्धन परिवार के हौनहार बच्चे रह सकते हैं चिराग योजना से वंचित

0

महेंद्रगढ जिले के सैंकडों निजी स्कूलों में से केवल 7 ने दी दाखिले की सहमति

City24news/सुनील दीक्षित

कनीना| हरियाणा सरकार की ओर से शिक्षा विभाग में 134ए के तहत दाखिले बंद कर संचालित की गई चिराग योजना,सीएम हरियाणा इक्वल एजूकेशन रिलीफ एसिस्टेंस एंड ग्रांट, के अंतर्गत निर्धन,जरूरतमंद एवं बीपीएल श्रेणी के बच्चे निजी स्कूलों में पढाई कर सकेगे। इस बारे में मौलिक शिक्षा निदेशालय चंडीगढ की ओर से प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर दाखिला देने के सम्बंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। पत्र के मुताबिक शिक्षा सत्र 2023-24 में सरकारी स्कूलों में पढ रहे आर्थिक रूप से कमजोर तथा 1 लाख 80 हजार रूपये परिवार पहचान पत्र वाले अभिभावक शिक्षा सत्र 2024-25 के लिए कक्षा चैथी से 12वीं तक निजी एवं मान्यता प्राप्त स्कूलों में अपने बच्चों का दाखिला करवा सकते हैं। प्रदेश के सभी जिलों के स्कूलों की रिक्तियों की संख्या शिक्षा विभाग की वेबसाईट पर उपलब्ध है। जिसमें आवेदन का प्रारूप,गाईडलाईन की प्रति तथा विद्यालयों की सूचि भी अटैच है। कनीना के खंड शिक्षा अधिकारी डाॅ विश्वेश्वर कौशिक ने बताया कि इस योजना में केवल वही विद्यार्थी पात्र होगें जिन्होंने चालू शिक्षा सत्र में सरकारी विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण की है। ऐसे छात्र आगामी 10 अप्रैल तक आवेदन कर सकते हैं। जिन विद्यालयों में रिक्तियों की संख्या से अधिक आवेदन होते हैं ऐसी स्थिति में 12 अप्रैल को लाॅटरी सिस्टम से चयन किया जाएगा। 13 से 25 अप्रैल तक दाखिले की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। चयनित विद्यार्थियों की सूचि नोटिस बोर्ड पर चस्पा दी जाएगी।
बाॅक्स न्यूज मान्यता प्राप्त सभी स्कूलों ने दाखिलों को लेकर नहीं दी सहमति
दिलचस्प बात है कि महेंद्रगढ जिले में सैंकडों की संख्या में मान्यता प्राप्त निजी स्कूल हैं। शिक्षा विभाग की ओर से जिलेभर में केवल मात्र 7 स्कूलों को सूचि में दर्शाया गया है जबकि महेंद्रगढ जिला 8 खडों में विभाजित है। ये बात अलग है कि शिक्षा विभाग के रिकार्ड में 5 ब्लाक कार्यरत हैं। ऐसे में खंडवार एक स्कूल भी पात्र विद्यार्थियों के हिस्से नहीं आया। संभवतया प्रदेश के सभी जिलों में विद्यालयों की संख्या सीमित आंकी गई है। जिससे अभिभावकों में रोष है। ऐसे में हौनहार विद्यार्थियों द्वारा निजी विद्यालय में पढने के लिए संजोया सपना अधूरा रह सकता है। इस बारे में खंड शिक्षा अधिकारी डाॅ विश्वेश्वर कौशिक ने बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से बीते समय निजी स्कूलों से आॅनलाईन विलिंग मांगी गई थी। जिन स्कूलों से सहमति मिली उनको ही सूचि में शामिल किया गया। जिन स्कूलों ने चिराग योजना में दाखिले के लिए सहमति नहीं दी उनके लिए आवेदन भी नहीं किए जा सकते। इस बारे में अधिक जानकारी डीईईओ नारनौल ही दे सकते हैं।  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *