पंचायत भूमि से हटवाया गया अवैध कब्जा

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City24news@अनिल मोहनियां

नूंह | तावडू खंड के गांव भंगोह की पंचायत भूमि पर हुए अवैध कब्जा को प्रशासन द्वारा गुरुवार को हटवाया गया है। इस दौरान मौके पर सुरक्षा की दृष्टि से भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी। मामला काफी लंबे समय से अटका हुआ था,जिसके बाद जिला प्रशासन ने मामले में संज्ञान लेते हुए गुरुवार को जमीन कब्जा मुक्त कराकर पंचायत को सौंप दी गई। अधिकारियों के मुताबिक कब्जा तो पहले ही खाली करना था, लेकिन बीच में होली की छुट्टियां होने से कार्रवाई नहीं हो पाई। ग्राम पंचायत भंगोह की 22 एकड़ पंचायती भूमि को कब्जा मुक्त करने को लेकर जिला उपायुक्त ने डेढ़ महीने पहले आदेश जारी किए थे। लेकिन स्थानीय प्रशासन अवैध कब्जाधारियों के दबाव और मिलीभगत के चलते भूमि से कब्जा नहीं हटवा पा रहा है। के इस मामले में दोनों गांवों के लोगों में गत 21 मार्च को विवाद हो चुका है। जिसमे मारपीट तक हो चुकी है। जिसमें पुलिस ने कब्जाधारियों की शिकायत पर सरपंच के परिवार सहित 25 लोगों पर केस भी दर्ज किया। सरपंच और ग्रामीणों ने इस मामले को तावडू ब्लॉक समिति के अध्यक्ष के दबाव में केस दर्ज होना बताया है। इसके साथ ही इस विवाद का मुख्य कारण प्रशासन की लापरवाही बताया जा रहा है। यदि प्रशासन समय रहते कार्रवाई कर देता तो दोनों गांवों के ग्रामीणों में कोई विवाद नहीं होता।

गांव की सरपंच साकिबा ने बताया कि गांव भंगोह में करीब 22 एकड़ पंचायत की जमीन पर फारुक पुत्र फौजी, कासिम पुत्र फारुक ,हबीब पुत्र हुसैन ,इकबाल और सफी पुत्र हबीब निवासी चाहलका ने काफी दिनों से कब्जा किया हुआ है। जिसमें उक्त लोग फसल बुवाई का कार्य करते है। सरपंच ने बताया कि उन्होंने करीब 9 महीने पहले हल्का गिरदावर से निशानदेही कराकर कब्जा लिया था। लेकिन उक्त सभी लोगों ने जमीन की पेमाइस के सभी पत्थर उखाड़ कर फेंक दिए और जमीन पर ट्रैक्टर चलाकर फसल बुवाई कर दी। इस पूरे मामले की शिकायत उन्होंने एसडीएम तावडू को भी दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिससे बाद नूंह जिला उपायुक्त को शिकायत भेजी गई। सरपंच साकिबा ने बताया कि डीसी ने कई बार पंचायत जमीन को कब्जा मुक्त करने के लिए दोषियों को नोटिस दिए, लेकिन जमीन से कब्जा नहीं हटाया गया। जिसके बाद तावडू बीडीपीओ सुरजीत ने गत 21 मार्च को उन्हें कब्जे वाली जमीन पर भेज दिया और जमीन से कब्जा हटवाने का आश्वासन दिया था। लेकिन काफी देर की जाने के बाद भी बीडीपीओ सुरजीत मौके पर नहीं पहुंचें और दोनों गांवों के ग्रामीणों में विवाद हो गया। सरपंच का आरोप है कि तावडू ब्लॉक समिति अध्यक्ष के इशारे पर बीडीपीओ सुरजीत वहां नहीं पहुंचा और बाद में पुलिस ने उल्टा उनके ऊपर ही मारपीट सहित विभिन्न धाराओं का तहत मुकदमा दर्ज कर दिया। जबकि उनके लोगों को भी काफी चोटे आई हैं। ग्रामीणों ने कहा कि इस मामले को लेकर जल्द ही नूंह पुलिस अधीक्षक से मिलकर न्याय की मांग करेंगे। वही खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी सुरजीत ने कहा कि जिला प्रशासन के आदेश पर कब्जा हटवा दिया गया है। मौके पर सुरक्षा की दृष्टि से भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।

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