राष्ट्रीय पुरालेखपाल समिति की 47वीं बैठक आयोजित 

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City24News@ भावना कौशिश

नई दिल्ली। राष्ट्रीय पुरालेखपाल समिति (एनसीए) की दो दिवसीय 47वीं बैठक श्रीनगर में हुई। इसमें विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। हरियाणा और पश्चिम बंगाल के प्रतिनिधि वर्चुअल माध्यम से इसमें शामिल हुए।

इस दो दिवसीय बैठक के दौरान प्रतिनिधियों ने अपने संबंधित राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों में अभिलेखागार प्रशासन और रिकॉर्ड प्रबंधन प्रणाली को फिर से जीवित करने के लिए आवश्यक विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया। साथ ही इस उद्देश्य के लिए डिजिटल और एआई प्रौद्योगिकियों की पूरी क्षमता का लाभ उठाने की जरूरत को रेखांकित किया। वे राष्ट्र की समृद्ध दस्तावेजी विरासत को संरक्षित व साझा करने और अपने अभिलेखीय संसाधनों को वेब-पोर्टल के माध्यम से सुलभ बनाने के लिए एक केंद्रित व ठोस दृष्टिकोण अपनाने पर सहमत हुए।

इसके अलावा प्रतिनिधियों ने अभिलेखों के डिजिटलीकरण के संबंध में दिशानिर्देश और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने को लेकर भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार से मार्गदर्शन की भी मांग की। वहीं, इस बात पर भी सहमति बनी कि एनसीए को एनएआई, राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों के सार्वजनिक अभिलेखागार में मौखिक अभिलेखागार और गैर-पारंपरिक अभिलेखीय स्रोतों के एकीकरण जैसे नए क्षेत्रों का भी पता लगाना चाहिए।

अभिलेखागार के महानिदेशक और एनसीए के अध्यक्ष व संयोजक श्री अरुण सिंगल ने अपने संबोधन में पूरे भारत के विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के अभिलेखागार में रखे गए सार्वजनिक व निजी रिकॉर्ड में निहित मूल्यवान जानकारी को उपयोगकर्ताओं के लिए इंटरनेट के माध्यम से सुलभ बनाकर इसके लोकतंत्रीकरण की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी विषय पर एकीकृत खोज परिणाम प्रदान करने के लिए भारत में अभिलेखीय संस्थानों के बीच सहभागिता महत्वपूर्ण है, जिस पर अभिलेखीय सामग्री विभिन्न कोष (रिपोजिटरी) में उपलब्ध हो सकती है।

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