प्रचार सामग्री पर पब्लिशर का ब्यौरा छापना जरूरी:धीरेंद्र खड़गटा 

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City24news@अनिल मोहनियां

नूंह | चुनाव के दौरान सभी प्रकार की प्रचार सामग्री पर प्रिंटर और पब्लिशर अथवा छपवाने वाले का ब्यौरा छापना जरूरी है। इस जानकारी के बिना चुनाव से संबंधित पम्पलेट व पोस्टर इत्यादि छापना अपराध है। चुनाव के दौरान प्रिंटिंग से संबंधित सभी प्रकार के नियमों का जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127 ए में उल्लेख किया गया है। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने बताया कि जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 127 ए में स्पष्ट तौर पर चुनाव के दौरान प्रिंटिंग प्रेस संचालकों द्वारा पालन किए जाने वाले नियमों की जानकारी दी गई है। नियमों के अनुसार कोई भी प्रिंटिंग प्रेस संचालक बिना शपथ पत्र के चुनाव के संबंधित प्रचार सामग्री नहीं छाप सकता है। इसके लिए उसे संबंधित उम्मीदवार से एक शपथ पत्र लेना है, जिस पर प्रचार सामग्री छपवाने वाले के हस्ताक्षर होंगे। साथ ही दो गवाहों के भी हस्ताक्षर भी पत्र पर होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रिंटिंग के बाद प्रेस के मालिक को शपथ पत्र की प्रति और छापी गई प्रचार सामग्री की प्रतियां जिला निर्वाचन अधिकारी को भेजनी होंगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनाव से संबंधित पम्पलेट व पोस्टर आदि प्रचार सामग्री संबंधित उम्मीदवार की सहमति से ही छाप सकते हैं। उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग के निर्देशों और जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 127 ए के नियमों के अनुसार आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव से संबंधित किसी भी प्रकार की प्रचार सामग्री पर छपवाने व छापने वाले का नाम आदि जानकारी भी प्रकाशित होना जरूरी है। जिला के सभी प्रिंटिंग प्रेस संचालक चुनाव आयोग की इन हिदायतों की कड़ाई से पालना करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि इन नियमों की अवहेलना करने वाले के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 171 एच के तहत सीधे एफआईआर दर्ज की जायेगी। ने बताया कि जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 127 ए में स्पष्ट तौर पर चुनाव के दौरान प्रिंटिंग प्रेस संचालकों द्वारा पालन किए जाने वाले नियमों की जानकारी दी गई है। नियमों के अनुसार कोई भी प्रिंटिंग प्रेस संचालक बिना शपथ पत्र के चुनाव के संबंधित प्रचार सामग्री नहीं छाप सकता है। इसके लिए उसे संबंधित उम्मीदवार से एक शपथ पत्र लेना है, जिस पर प्रचार सामग्री छपवाने वाले के हस्ताक्षर होंगे। साथ ही दो गवाहों के भी हस्ताक्षर भी पत्र पर होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रिंटिंग के बाद प्रेस के मालिक को शपथ पत्र की प्रति और छापी गई प्रचार सामग्री की प्रतियां जिला निर्वाचन अधिकारी को भेजनी होंगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनाव से संबंधित पम्पलेट व पोस्टर आदि प्रचार सामग्री संबंधित उम्मीदवार की सहमति से ही छाप सकते हैं। उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग के निर्देशों और जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 127 ए के नियमों के अनुसार आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव से संबंधित किसी भी प्रकार की प्रचार सामग्री पर छपवाने व छापने वाले का नाम आदि जानकारी भी प्रकाशित होना जरूरी है। जिला के सभी प्रिंटिंग प्रेस संचालक चुनाव आयोग की इन हिदायतों की कड़ाई से पालना करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि इन नियमों की अवहेलना करने वाले के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 171 एच के तहत सीधे एफआईआर दर्ज की जायेगी।

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