जल शक्ति मंत्रालय ने भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर के साथ समझौता ज्ञापन पर  किया  हस्ताक्षर 

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City24News@ भावना कौशिश
नई दिल्ली। ‘मेक इन इंडिया’ को बांध सुरक्षा में मजबूत बनाने के लिए, केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी), जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग, और जल शक्ति मंत्रालय ने एक समझौता ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर किया है। इस एमओए के तहत, भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बैंगलोर के साथ एक अंतर्राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (आईसीईडी) की स्थापना की गई है। यह समझौता ज्ञापन एमओए के तहत दस साल तक या डीआरआईपी चरण-II और चरण-III योजना की अवधि तक, जो भी पहले हो, वैध रहेगा। जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग की सचिव सुश्री देबाश्री मुखर्जी ने कहा, “आईसीईडी भारतीय संस्थान को ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में सहायक होगा और भविष्य में अविकसित और विकासशील राष्ट्रों के लिए बांध सुरक्षा क्षेत्र में ज्ञान और विशेषज्ञता के प्रसार के लिए अवसर प्रदान करेगा।”

आईआईएससी बैंगलोर उन्नत अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास के माध्यम से पुराने और नए बांधों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नए समाधान प्रदान करने के लिए विशिष्ट उद्देश्यों को लेकर काम करेगा; एम. टेक, कार्यशाला और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से बांध अभियंताओं को ‘अत्याधुनिक’ सैद्धांतिक और व्यावहारिक ज्ञान के साथ प्रशिक्षित किया जाएगा; और सहमति वाले मुख्य क्षेत्रों के लिए बांध सुरक्षा से संबंधित विभिन्न चुनौतियों का त्वरित और कुशल समाधान प्रदान करेंगे। आईसीईडी संकाय प्रभावी सिफारिशें पेश करने और तदनुसार अपनी अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों को व्यवस्थित करने के लिए बांध स्वामित्व एजेंसियों द्वारा सामना किए जा रहे केंद्रित क्षेत्रों से संबंधित समस्याओं की गहन समझ की दिशा में काम करेगा।

आईआईएससी बैंगलोर सामान्य रूप से बांध अभियांत्रिकी पर विकसित ज्ञान और क्षमताओं और विशेष रूप से उन्नत निर्माण और पुनर्वास सामग्री के मुख्य क्षेत्रों और व्यापक जोखिम आकलन के माध्यम से इनकम स्ट्रीम का सृजन करके 10 वर्षों के भीतर आत्मनिर्भरता के स्तर तक पहुंचने का प्रयास करेगा। इसके अलावा, आईसीईडी के पास एक केंद्र विकास निधि होगी। परामर्श शुल्क, अल्पकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रम और कोई अन्य राजस्व अर्जित करने वाली गतिविधि से इस निधि में योगदान दिया जाएगा।

आने वाले समय में हमारे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय संस्थानों को वैश्विक संस्थानों के बराबर क्षमता और विशेषज्ञता विकसित करने के लिए तैयार करना भारत सरकार का एक समग्र प्रयास है। इस केंद्र की स्थापना उन्नत अनुसंधान और प्रौद्योगिकियों और अनुप्रयोग उत्पादों को विकसित करके बांध सुरक्षा में ‘मेक इन इंडिया’ को सशक्त बनाएगी; सहमत कार्य क्षेत्रों के लिए बांध सुरक्षा में विभिन्न चुनौतियों का सबसे उपयुक्त समाधान प्रदान करने के लिए फास्ट-ट्रैक नवाचार उपलब्ध कराएगा; और बांध स्वामित्व एजेंसियों और उद्योग के लिए अत्याधुनिक सैद्धांतिक और व्यावहारिक जानकारी से सुसज्जित सक्षम जनशक्ति का एक पूल बनाएगा। आईसीईडी, आईआईएससी बैंगलोर बांध सुरक्षा के क्षेत्र में दूसरा अंतर्राष्ट्रीय केंद्र है। फरवरी 2023 में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होने के बाद, पहले आईसीईडी ने आईआईटी रूड़की में संस्थागत रूप लिया था।

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