किसान रामधान ने रेतीले टीलों में की काजू-बादाम की खेती

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City24news@सुनील दीक्षित 

कनीना | कनीना उपमंडल के गांव बूचावास के किसान रामधन यादव ने रेतीले टीलों में काजू-बादाम उगाकर किसानों को नई दिशा देने का काम किया है। मूल रूप से गुरुग्राम के चक्करपुर एवं हाल आबाद बूचावास वासी किसान का मानना है कि भारत वर्ष में महेंद्रगढ जिले की भूमि बागवानी के लिए अति उत्तम है। जहां विभिन्न प्रकार के बाग लगाए जा सकते हैं। उन्होंने छह एकड़ भूमि में छह वर्ष पूर्व लाखों की लागत से काजू-बादाम,सेव, चीकू,आम,लिची, मौसमी,केला,बेरी, पपीता,आडू, अमरूद,कीन्नू सहित 60 प्रजाति के फलदार पौधे लगाए गए थे जो आज भरपूर मात्रा पैदावार दे रहे हैं। जिनका टेस्ट भी उत्तम है। इंटर्करोप में उनकी ओर से गोभी ,आलू व धनिया,मेथी, गवारपाठा, टमाटर की बिजाई की गई है। बागवानी में अच्छी पैदावार लेने तथा पेस्टीसाईड से बचने के लिए देशी विधि से गाय का गोबर, छाछ व नीम के पत्तो का घोल तैयार कर उसकी स्प्रे की जाती है देशी खाद बाहर से खरीद कर न लाना पड़े इसके लिए करीब 35 गाय पाल रखी है। जिनकी खाद का प्रयोग बागवानी पौधों में किया जाता है तथा प्रतिदिन करीब दो क्विंंटल दूध की बिक्री से भी अच्छी आमदनी हो जाती है। उनकी ओर से गोबर गैस प्लांटभी लगाया गया है जिससे उत्पन्न होने वाली गैस का गायों का चारा पकाने तथा घरेलू कार्य में उपयोग हो जाता है। उन्होंने बताया कि बादाम की गुणवत्ता परखने के लिए खारी बावडी दिल्ली में  चेक कराया जहां उसकी मात्रा बेहतर मिली। उनका टेस्ट भी बढिया मिला।

 किसान रामधन यादव ने बताया कि इस क्षेत्र में पानी की समस्या है उसके लिए टपका सिंचाई विधि अपनाई जिसमें एक एकड़ में खपत होने वाले पानी का छह एकड़ भूमि पर प्रयोग हो रहा है। उनकी ओर से बिजली की समस्या के समधान के लिए सोलर सिस्टम लगाया है। ट्यूवैल सिंचाई के लिए 15 किलोवाट तथा घरेलू उपयोग के लिए छह किलोवाट बिजली का सोलर सिस्टम प्रदेश सरकार की योजना अनुसार अनुदान पर लगवाया गया है। उन्होंने बताया कि देशी विधि से की गई खेती में फलों की गुणवत्ता तथा पैदावार भी बेहतर हुई है जो खाने में स्वादिस्ट हैं। फलों की साईनिंग व साइज भी देखने योगय है। उनकी ओर से प्राकृतिक खेती आधुनिक तरीके से की जा रही है। जिनमें किसी प्रकार का रासायनिक खाद व दवा का उपयोग नहीं किया जाता है। 

 इस बारे में एकीकृत बागवानी उत्कृष्टता केंद्र सुंदरह के बागवानी अधिकारी डॉ नेहा यादव व डॉ.अंकुश यादव ने बताया कि सरकार की ओर से प्रशिक्षण शिविर का आयोजन कर किसानों को उन्नत किस्म के बीज तथा कृषि एवं बागवानी की नवीनतम जानकारी  को दी जाती है। सरकार द्वारा कृषि उपकरणों सहित फसलों पर दी जाने वाली सब्सिडी के बारे में बताया जाता है। किसान उनका लाभ उठाकर दिनोंदिन उन्नति की ओर अग्रसर हैं।  

उन्नत किस्म के गेहूं को देखने पंहुच रहे पडौस के किसान

किसान रामधान ने बताया कि उन्होंने दो एकड़ में गेहूं की गलेशिया कन्पनी का सोना क्रांति गेहूं का बीज आलोक खाद बीज विक्रेता कनीना मंडी से खरीदा था। उन्नत किस्म का बीज खेत के चारों कोनों पर एकसमान व लंबी बाली सहित बेहतर फुटाव के साथ बढिया खडा है। इसकी अनुमानित पैदावार 30-32 क्विंटल आंकी गई है। जिसे देखने के लिए पडौस के किसान पंहुच रहे हैं। चौडे पत्ते के इस गेहंू में गोबर की खाद डाली गई थी ओर गोबर के घोल से ी स्प्रे की गइ थी। उसमें किसी प्रकार का रासायनिक खाद इस्तेमाल नहीं किया गया। 

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