केंद्रीय मंत्री  को मुख्य अतिथि के रूप में  एपीआईकॉन 2024 के 79 वें वार्षिक सम्मेलन  में  किया  संबोधित 

0

City24news@भावना कौशिश
नई दिल्ली | इंडियन कॉलेज ऑफ फिजिशियन के 35वें दीक्षांत समारोह और एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन इन इंडिया (एपीआईसीओएन 2024) के 79वें वार्षिक सम्मेलन के मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह को मानद फैलोशिप से सम्मानित किया गया

इस अवसर पर, डॉ. जितेंद्र सिंह, जो स्वयं मेडिसिन और एंडोक्रिनोलॉजी विज्ञान के प्रोफेसर हैं, को मेडिसिन शिक्षाविदों और अनुसंधान के प्रति उनके आजीवन समर्पण के सम्मान में इंडियन कॉलेज ऑफ फिजिशियन की मानद फैलोशिप से भी सम्मानित किया गया।

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि “चिकित्सकों के वार्षिक सम्मेलन में भाग लेना घर वापसी जैसा है और यह  उनके  मन  के बहुट निकट है।” उन्होंने आगे कहा कि अपने लंबे कामकाजी कार्यक्रम के कारण उन्हें बहुत   कठिनाई से ही अपनी इस बिरादरी से जुड़ने का समय मिल पाता है, लेकिन एपीआईसीओएन फिर से जुड़ने का अवसर देकर इसकी भरपाई करता है।

उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने निजी क्षेत्र के साथ एकीकृत होकर डीएनए आधारित वैक्सीन के स्वदेशी विकास करने और विश्व के सबसे बडे कोविड टीकाकरण कार्यक्रम चलाने में भारत की सफलता पर कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की  परिकल्पना के कारण भारत ‘निवारक स्वास्थ्य देखभाल (प्रिवेंटिव हेल्थकेयर)’ में अग्रणी बन रहा है।

मंत्री महोदय ने कहा कि “प्रौद्योगिकी अब तेजी से बढ रही है और इसकी क्षमता का दोहन करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और मशीन लर्निंग उपकरणों (टूल्स) का उपयोग किया जा सकता है”। आगे बढ़ते हुए उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में महानगरों के अस्पतालों के साथ सहयोग करके ‘मोबाइल टेली-क्लिनिक’ के एक प्रयोग को भी साझा किया, जहां एक ‘एआई डॉक्टर’ मरीजों के साथ संवाद करता है। हालाँकि उन्होंने इस बातका उल्लेख  किया  कि ये प्रौद्योगिकियाँ निसंदेह चुनौतियाँ प्रस्तुत करती हैं लेकिन इन्हें अवसरों में बदला जा सकता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह के मुताबिक, सभी के लिए लाभकारी स्वास्थ्य सेवा प्रधानमंत्री मोदी जी की गारंटी है और उनकी सरकार इसे सुनिश्चित करने के लिए प्रयास कर रही है। उन्होंने साझा किया कि सरकार ने स्कूल जाने वाली किशोर लड़कियों को ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) का टीका लगाने के अपने निर्णय  की घोषणा की है। उन्होंने संचारी (कम्यूनिकेबल) और गैर- संचारी (नॉन- कम्यूनिकेबल) रोगों में कमी लाने के सरकार के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला।

अपने भाषण के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी डिजिटल स्वास्थ्य देखभाल (डिजिटल हेल्थकेयर) के अत्यधिक समर्थक रहे हैं और राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन की प्रगति इसका प्रमाण है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने उल्लेख किया कि डॉक्टर के रूप में वे उस मरीज के साथ मानवीय संपर्क में रहते हैं जो डॉक्टर से बात करने के बाद बेहतर महसूस करता है। इसी प्रकार, प्रौद्योगिकी ने हमें लगभग 2 लाख शिकायतों का निवारण करने में सक्षम बनाया है, जिससे भारत शिकायत निवारण में मार्गदर्शक बन गया है, लेकिन मानव स्वभाव को बनाए रखने और प्रसन्नता सूचकांक (हैपीनेस इंडेक्स) से प्रेरणा लेते हुए, हमने शिकायतकर्ता की संतुष्टि के लिए एक मानव प्रतिक्रिया तंत्र की शुरुआत की है।

प्रौद्योगिकी में भारत की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए, अंतरिक्ष राज्य मंत्री ने कहा कि देर से शुरू होने के बावजूद, भारत का चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचने वाला पहला अंतरिक्ष यान था।

भारत की स्वतन्त्रता से पहले एपीआई के इतिहास की चर्चा करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इसने अपनी विरासत को अक्षुण्ण रखा है और पिछले कुछ वर्षों में यह उत्तरोत्तर विकसित हुआ है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ने सम्मेलन के साथ अपने जुड़ाव को याद किया और कहा कि उन्होंने 2014 तक हर वर्ष एपीआई पाठ्यपुस्तक में एक अध्याय का योगदान दिया था।

एपीआई के अध्यक्ष डॉ. मिलिंद नाडकर और इंडियन कॉलेज ऑफ फिजिशियन (आईसीपी) के डीन डॉ. आर.के. सिंह ने उनकी गरिमामयी उपस्थिति और भारत के स्वस्थ भविष्य के लिए नए साथियों का मार्गदर्शन करने के लिए डॉ. जितेंद्र सिंह के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *