जापानी तकनीक से होगा वाटर ट्रीटमेंट

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City24news@हेमलता

पलवल | श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय जापानी कंपनियों के साथ तालमेल कर वॉटर ट्रीटमेंट और एनर्जी के क्षेत्र में काम करेगा। जापानी कंपनियों ने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट पर काम करने की इच्छा जताई है। जापानी प्रतिनिधिमंडल ने विश्वविद्यालय में अधिकारियों के साथ बैठक की और इस प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए विचार विमर्श किया। विश्वविद्यालय के अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर आरएस राठौड़ ने बताया कि डाइकी एक्सेस इंडिया और जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी (जीका) के अधिकारियों के साथ इस विषय पर बैठक हुई है। दोनों कंपनियों के साथ तालमेल कर वॉटर ट्रीटमेंट और एनर्जी के क्षेत्र में विश्वविद्यालय काम करेगा। इसके माध्यम से विद्यार्थियों को सीखने को मिलेगा और वह सीधे रोजगार के साथ जुड़ेंगे। प्रोफेसर आरएस राठौड़ ने बताया कि भारत में जल प्रदूषण आबादी के दबाव में बहुत तेजी से बढ़ रहा है और इंडस्ट्री के कारण भी पानी में विषैले तत्व घुलता जा रहे हैं। इसलिए वॉटर ट्रीटमेंट के क्षेत्र में जापान के पास कई अच्छी तकनीक हैं। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय इन तकनीक के माध्यम से विद्यार्थियों को स्किल्ड बनाएगा। जिससे वह अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में भी रोजगार के साथ जुड़ सकेंगे। 

बैठक में डाइकी एक्सिस इंडिया के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर कमल तिवारी, जीएम मसातो हिनोबयासी, जीका की ओर से कोयामा हरुका, होंडा कोरी, काटो मारिया ने शिरकत की। विश्वविद्यालय की ओर से संयुक्त निदेशक विनीत सूरी, डिप्टी प्लेसमेंट ऑफिसर डॉ. विकास भदौरिया, डॉ. नकुल और उपकार सिंह उपस्थित थे। 

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