कश्मीर की बौद्धिक संपदा बहुत महान: डॉ. नेहरू
City24news@हेमलता
पलवल | कश्मीर के पख्तून समुदाय के 60 विद्यार्थी श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय का अवलोकन करने पहुंचे। कौशल विकास यात्रा के अंतर्गत दुधौला स्थित विश्वविद्यालय परिसर पहुंचे इन विद्यार्थियों का कुलपति डॉ. राज नेहरू ने स्वागत किया। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर कश्मीरी विद्यार्थियों के साथ कश्मीरी भाषा में संवाद कायम किया तो विद्यार्थी काफी भावुक नजर आए। विश्वविद्यालय के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों में देश की संस्कृति को प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया।
कश्मीरी विद्यार्थियों ने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में पढ़ रहे विभिन्न राज्यों के विद्यार्थियों के साथ समंवय भी स्थापित किया। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कश्मीर से आए इन विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय में कौशल पर आधारित प्रोग्राम के साथ जुडक़र सक्षम बनने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कश्मीर की बौद्धिक संपदा बहुत महान है। प्राचीन काल में कश्मीर की शारदा पीठ ने पूरी दुनिया को ज्ञान दिया। उन्होंने कहा कि व्याकरण के प्रणेता महर्षि पाणिनि, आरोग्य के महान विद्वान महर्षि चरक और सर्जरी के क्षेत्र में आदिकाल में विख्यात सुश्रुत कश्मीर में ही हुए हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर का जेनेटिक बहुत रचनात्मक है। कश्मीर आविष्कार की धरती है, नवाचार की धरती है। उन्होंने इस मौके पर मीडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन के तत्वावधान में चलने वाले यूपीएससी के नि:शुल्क कोचिंग सेंटर की लांचिंग भी की और महा सचिव नरेंद्र सिंह को बधाई दी। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की कुल सचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। कश्मीर से आए सभी विद्यार्थियों को हरियाणा की संस्कृति के बारे में अवश्य जानना चाहिए। इस अवसर पर डीन एकेडमिक्स प्रो. आरएस राठौड़ व प्रो. कुलवंत सिंह ने कहा कि कौशल के साथ-साथ संस्कृति और परंपरा के संवर्धन के लिए भी विश्वविद्यालय कार्य कर रहा है। कुलपति डॉ. नेहरू ने इंडियन मीडिया सेंटर के महासचिव नरेंद्र सिंह, सोनीपत इकाई के अध्यक्ष पवन राठी, छात्र दल का नेतृत्व कर रही रुकसाना, प्रिंसी, युवा सरपंच सरीन और सिमरन को सम्मानित किया। कश्मीर से आए मोहम्मद सामिर, तहसीन, नुसफर, कौसर, फराह खान और इफ्तू ने यहां पहुंचने पर प्रसन्नता जताई।