घरों की रोशनिया की बंद, गलियों में मोमबत्ती जलाकर जताई नाराजगी

0

City24news@अशोक कौशिक 

नारनौल। हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी नसीबपुर के निवासियों ने रविवार देर शाम को अपनी समस्याओं को लेकर गिरीश खेड़ा और अनुपम गौड़ की नेतृत्व में गांधीवादी तरीके से अपने घरों की लाइट बंद कर कॉलोनी की सड़कों पर मोमबत्ती जलाकर पप्रशासन और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।

कॉलोनी की समस्याओं के निराकरण की मांग लगातार प्रशासन और सरकार के समक्ष रखने के बावजूद समस्या का समाधान न होने पर से क्षुब्द होकर सामाजिक कार्यकर्त्ता गिरीश खेड़ा व अनुपम गौड़ की अगुआई में हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के निवासियों को आह्वान किया था कि हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी की सड़क, स्ट्रीट लाइट, सीवर और पीने के लिए गंदे पानी की सप्लाई की समस्याओं को लेकर 18 फरवरी को रात सात बजे से आठ बजे तक हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी के सभी निवासी अपने अपने घरों की सारी रोशनी बंद करके,घर के बाहर जलती हुई मोमबत्ती लेकर शासन प्रशासन का गांधीगिरी के साथ विरोध करेंगे। समस्त हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के निवासियों ने अपने-अपने घरों की रोशनी बंद करके अपने हकों के लिए आवाज बुलंद की। 

विरोध प्रदर्शन करती हुई महिलाओं ने प्रशांत प्रशासन और सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि पूरी कॉलोनी के निवासियों ने एकता के साथ अपने अपने घरों की बिजली बुझा कर विरोध प्रदर्शन इसलिए किया है ताकि शासन-प्रशासन को दिखा सके कि हाऊसिंग बोर्ड, बिना स्ट्रीट लाईट के भुतहा नगर नजर आता है। 

उन्होंने अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहा कि चार साल हो गए है स्ट्रीट लाईट बन्द हुए जिसकी सुध आज तक नही ली। हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के कई भाग की सड़कें टूट चुकी हैं और जब से हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी स्थापित हुई तब से इनकी ना तो कभी मरम्मत हुई है और ना ही कभी पुनः बनी है। इन्ही टूटी हुई सड़कों पर रात के अंधियारे में कई बार बच्चे गिर कर गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं। 

महिलाओं ने शिकायत की कि पीने का पानी दो-दो, तीन-तीन बाद वो भी मात्र दस पंद्रह मिनट के लिए ही आता है। कितना ही नहीं कई बार तो जो पीने का पानी आता भी है तो बदबू दार आता है। बहुत से हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के वासियों ने कहा कि ना जाने कितनी बार स्थानीय विधायक एवं मंत्री ओमप्रकाश यादव को, नगरपरिषद प्रधान को, उपायुक्त को, पार्षद के सामने इन समस्याओं के समाधान करवाने की गुहार लगाई परंतु सिवाय बहाने और झूठे आश्वासनों के आजतक कुछ नही मिला। 

गिरीश खेड़ा और अनुपम गौड़ ने संयुक्त रूप से कहा कि यह विरोध शांति पूर्वक प्रशासन और सरकार का ध्यान आकृष्ट करने के लिए गांधीगिरी तरीके से था। परंतु हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के सभी निवासी गुस्से से भरे हुए हैं।  हम सब, दुनिया भर का टैक्स तो भरते है पर बदले में जन सुविधा के नाम पर ठेंगा मिलता है। हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के वासियों की एकता की आवाज उनके कष्टों की आवाज है जिसे शासन प्रशासन को सुनना ही होगा और यहां की समस्याओं का समाधान शीघ्र अति शीघ्र करना ही होगा। 

अगर शासन प्रशासन हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के निवासियों के अधिकारों की आवाज नही सुनता और कोई भी समाधान शीघ्र अति शीघ्र नहीं करता तो यह सिद्ध हो जायेगा कि शासन और प्रशासन सच में जनता के अधिकारों के प्रति संवेदनहीन है और कार्यशैली में बिल्कुल निकम्मा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *